भारतीय कृषि विपणन प्रणाली
69th BPSC Mains answer writing
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प्रश्न- "वर्तमान
भारतीय कृषि विपणन प्रणाली में व्याप्त कमियों के कारण जहां किसान को उचित
प्रतिफल नहीं मिल पाता वहीं उपभोक्ताओं को
भी ऊंची कीमत पर कृषि उत्पाद खरीदना पड़ता है।" कृषि विपणन प्रणाली में
सुधार हेतु क्या उपाए किए जा सकते हैं इस दिशा में सरकार द्वारा चलायी जा रही
योजनाओं को बताएं।
उत्तर- कृषि विपणन के तहत वे सभी सेवाएं शामिल होती है जो कृषि उपज को खेत
से लेकर उपभोक्ता तक पहुँचाने के दौरान होती हैं। इसके तहत कृषि उत्पादों के
भंडारण, खरीद, संग्रहण, श्रेणीकरण, प्रसंस्करण, परिवहन आदि सेवाएं शामिल होती है।
इस प्रकार एक अच्छी कृषि विपणन प्रणाली में न्यूनतम मध्यस्थ, उचित भंडारण एवं प्रसंस्करण, सुविधायुक्त किसान मंडी, सस्ते परिवहन, प्रभावी नियामक संस्थाएं, बाजार की सूचनाओं तक आसान पहुंच आदि शामिल होती है लेकिन भारतीय कृषि विपणन
प्रणाली को देखा जाए तो कुछ कमियां दृष्टिगोचर होती है जिसके कारण जहां किसानों को
अपने उत्पाद का उचित प्रतिफल नहीं मिल पाता और वहीं अंतिम उपभोक्ताओं को भी ऊंची
कीमत पर कृषि उत्पाद खरीदना पड़ता है। भारतीय कृषि विपणन प्रणाली में प्रमुख
कमियों निम्नानुसार है।
- दोषपूर्ण
संग्रहण व्यवस्था
- कृषि उत्पाद बाजार तक कम पहुंच
- लंबी आपूर्ति शृंखला
- उत्पादों के प्रमाणीकरण का अभाव
- आधारभूत संरचना का अभाव
- अनुज्ञप्ति शुल्क संबंधी संबधी बाधाएं
- एकीकृत बाजार की अनुपस्थिति
- परिवहन व्यवस्था का अभाव
- बाजार मूल्य संबंधी सूचनाओं का अभाव
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इस प्रकार भारतीय कृषि विपणन प्रणाली में अनेक स्तर पर कमियां है जिसमें
सुधार हेतु कृषि उत्पाद को बाजार की मांग से जोड़ा जाना चाहिए
जिससे कृषि उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त होना संभव हो तथा उपभोक्ताओं को भी इसका
लाभ मिले । इसी क्रम में अवसंरचनात्मक सुधार के तहत परिवहन,
शीतगृह, शेड,
भंडारण, ग्रेडिंग और मानकीकरण प्रणाली में
सुधार के साथ साथ विभिन्न मण्डियों
में प्रचलित तात्कालिक मूल्यों के विषय में किसानों को सही सूचना देने की व्यवस्था
की जा सकती है ।
भारतीय किसानों की
आय बढ़ाने तथा कृषि को लाभप्रद बनाने हेतु कुशल विपणन प्रणाली के प्रोत्साहन हेतु
सरकार द्वारा अनेक योजनाएं/ पहल चलायी जा रही है जिनमें प्रमुख निम्न है।
- फसलों की बुआई से लेकर उपज की बिक्री तक की जरूरी जानकारी उपलब्ध कराने हेतु किसान सारथी डिजीटल प्लेटफार्म लाया गया।
- खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सस्ता ऋण प्रदान करने के लिए विशेष कोष क्रेडिट गारंटी फंड की स्थापना।
- ग्रामीण कृषि बाजार
के विकास और उन्नयन के लिए एग्री-मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर
फंड की स्थापना।
- सम्पूर्ण मंडियों
को एक राष्ट्रीय बाजार के रूप में एकीकृत करने और बिचौलियों को समाप्त करने हेतु e-NAM लाया गया।
- कृषि वस्तुओं के
थोक मूल्यों को वास्तविक समय के आधार पर प्रदर्शित करने हेतु ई-पोर्टल AGMARKNET ।
- ऑपरेशन ग्रीन्स के माध्यम से टमाटर, प्याज और आलू (TOP) उत्पादक किसानों उच्च मूल्य प्रदान कराना।
- सब्जी ,फल इत्यादि जैसे कृषि उत्पादों को निश्चित समय के भीतर गंतव्य स्थान, मंडियों तक पहुंचाने हेतु किसान रेल योजना तथा कृषि उड़ान योजना ।
- स्थानीय उत्पाद की
सप्लाई चैन बढ़ाने के लिए ‘एक स्टेशन, एक
उत्पाद’ योजना ।
इस प्रकार भण्डारण, परिवहन, संस्थागत नवाचारों जैसे उपाय जहां किसानों को बेहतर
विपणन करने हेतु सक्षम बनाते हैं वहीं उपभोक्ताओं को भी इसका लाभ प्राप्त होता है
अतः किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के हित हेतु कुशल विपणन व्यवस्था की भूमिका
महत्वपूर्ण है।
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