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Nov 13, 2023

स्वास्थ्य सेवाओं डिजिटलीकरण

 

प्रश्‍न- भारत में विशाल जनसंख्‍या को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के डिजिटलीकरण की आवश्‍यकता को बताते हुए इसकी राह में विद्यमान चुनौतियों के समाधान हेतु क्‍या सुझाव देना चाहेंगे।



 

प्रश्‍न-  विश्‍व की 17 प्रतिशत से ज्‍यादा आबादीवाले देश भारत में सभी को बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं की उपलब्‍धता सुनिश्चित करने की दिशा में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का डिजीटलीकरण आवश्‍यक है। उल्‍लेखनीय है कि सरकार द्वारा लाए गए सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के लक्ष्य को पूर्ण करने हेतु भारत सरकार द्वारा 2020 में राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन का आरम्भ किया गया जो एक हेल्थ आईडी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, डिजी डॉक्टर और स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री के साथ डिजिटल स्वास्थ्य व्यवस्था है ।

 

इसी क्रम में नागरिकों का एक डिजिटल हेल्थ रजिस्टर बनाने और हेल्थ डाटा को मैनेज करने हेतु सितम्बर 2021 में 'आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन' का शुभारंभ किया गया जिसके तहत सरकार द्वारा व्यक्ति के डिजीटल यूनिक हेल्थ कार्ड बनाने का प्रावधान है । इस प्रकार स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का डिजीटलीकरण किया जा रहा है तथा डिजटलीकरण की आवश्‍यकता को निम्‍न प्रकार समझा जा सकता है।


  • कोरोना महामारी जैसी आपदाओं में तीव्र गति से स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने हेतु ।
  • कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के समझ अनेक चुनौतियां को-विन (कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क) के माध्यम से समयबद्ध तरीके से सामना किया गया।
  • बढ़ती बीमारियों के परिप्रेक्ष्य में मरीजों की भारी संख्या के कारण मरीजों का डाटा तथा रिकॉर्ड प्रबंधन हेतु।
  • मरीजों को तीव्र तथा बेहतर सेवा प्रदान करने हेतु अनुभवी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सेवाओं के साथ जुड़ने हेतु ।
  • स्वास्थ्य सेवा उद्योग के डिजिटल परिवर्तन से डाक्टरों, अस्पतालों तथा स्वास्थ्य संगठनों की क्षमता बढ़ाने में।
  • दूर दराज के क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन, टेली चिकित्सा सलाह आदि द्वारा बेहतर स्वस्थ सुविधा उपलबध कराने हेतु।


स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के डिजिटलीकरण से स्वास्थ्य प्लेटफॉर्मो, एप टेलीमेडिसीन द्वारा ऑन डिमांड स्वास्थ्य सेवा देने के साथ साथ स्वास्थ्य क्षेत्र के नैदानिक, अनुसंधानिक, प्रशासनिक तथा ऑपरेशनल डेटाओं का सुगमतार्वूक प्रबंधन करना आसान होगा।

 

इसी क्रम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स तथा मशीन लर्निंग अनुप्रयोगों से रोगों के निदान, देखभाल प्रक्रिया,, माइक्रोसर्जरी, संचारी रोगों अन्य विशेष रोगों के उपचार स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण में सटीकता आएगी ।

 

उल्‍लेखनीय है कि डिजिटल अवसंरचना के कारण ही देश में  जीवन और आजीविका दोनों क्षेत्रों को सुरक्षित रखते हुए एक त्वरित और टिकाऊ आर्थिक सुधार दर्ज कर सका। इसी प्रकार बिहार में भी डिजीटल अवसंरचना ने महामारी से निपटने, टीकाकारण, जनजागरुकता आदि  में काफी मदद पहुंचायी । 



 

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स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के डिजीटलीकरण की चुनौतियां

इस प्रकार भारत में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं के डिजिटलीकरण से सार्वभौमिक स्‍वास्‍थ्‍य कवरेज प्राप्‍त होगा हांलाकि फिलहाल में साइबर हमले, आवश्‍यक अवसंरचना की कमी, बेहतर एवं गुणवत्‍तापूर्ण संचार नेटवर्क तथा आवश्‍यक अवसंरचना की कमी, तथा चिकित्सालयों तथा चिकित्सा पेशेवरों द्वारा वृहद मात्रा में एकत्रित डेटा के प्रसंस्करण और विश्लेषण, यूजर फ्रेंडली डिजिटल स्वास्थ्य उत्पादों तथा सेवाओं की डिजाइनिंग जैसी चुनौतियां है जिसे दूर करना आवश्‍यक है ।

 

कोविड महामारी में के बाद स्वास्थ्य सेवाओं के डिजटलीकरण में तीव्रता से कार्य हुए है और बजट घोषणाओं में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन तथा राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम  इसी दिशा में सरकार का प्रयास है। निश्चित ही स्वास्थ्य सेवाओं के डिजटलीकरण से गुणवत्‍तापरक स्‍वास्‍थ्‍य परामर्श एवं देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच स्‍थापित करने में मदद मिलेगी लेकिन इसके लिए वित्‍तीय आवंटन में वृद्धि के साथ साथ बेहतर अवसंरचना निर्माण, पेश्‍वरों के प्राशिक्षण, शोध एवं अनुसंधान में विशेष ध्‍यान के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों तथा छोटे शहरों के निवासियों के मध्य जानकारी, जागरूकता फैलाने की दिशा में कार्य करना होगा तभी सभी को सस्‍ती एवं बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं उपलब्‍ध करायी जा सकेगी। 


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