69 bpsc mains, bpsc pre and mains exam ki tayari, bihar daroga and other exams

Nov 13, 2023

"राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5

प्रश्‍न–"राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जहां कई मोर्चों पर उत्साहजनक परिणाम प्रस्तुत किए हैं वहीं महिलाओं और बालिकाओं के विरुद्ध प्रचलित ऐसी अनेक कुप्रथाएं हैं जिनको संबोधित किए जाने की आवश्‍यकता है।" राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 रिपोर्ट के संदर्भ में कथन की समीक्षा करें।


उत्‍तर- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के पांचवे दौर की रिपोर्ट जारी किया गया जो देश के स्वास्थ्य परिदृश्य को स्पष्ट करता है।


इस रिपोर्ट के अनुसार जहां कई मोर्चों पर उत्साहजनक परिणाम आए हैं वहीं दूसरी ओर कई ऐसे क्षेत्रों को बताया गया है जिसमें भविष्य में सुधार किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।  "राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 रिपोर्ट के अनुसार भारत ने जिन मोर्चें पर बेहतर परिणाम प्राप्‍त किया है उसमें प्रमुख निम्‍न हैं



ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता में सुधार

  • बिजली के साथ रहने वाले ग्रामीण परिवारों का अनुपात 2015-16 में 83% से बढ़कर 2019-21 में 96% हो गया है।
  • स्‍वच्‍छ एवं बेहतर पेयजल स्रोत वाले परिवार की स्थिति 89% से बढ़कर 95% हो गई हैं।
  • संस्थागत जन्म 75% से बढ़कर 87% हो गया है।

 

जनसंख्या लिंगानुपात

  • NFHS 4 के लिंगानुपात 991 की अपेक्षा NFHS 5 में लिंगानुपात 1020 होना एक बड़ा बदलाव है। उल्लेखनीय है कि किसी भी जनगणना या NFHS की रिपोर्ट में यह पहली बार है जब लिंगानुपात महिलाओं के पक्ष में रहा।

 

कुल प्रजनन दर 

  • कुल प्रजनन दर का NFHS 4 के 2.2 के स्तर से  NFHS 5 में 2.0 के स्तर पर आना भारत की जनसंख्या वृद्धि स्थिर होने का संकेत देता है। 
  • रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार ने कुल प्रजनन दर में गिरावट दर्ज की है जिससे भारत प्रजनन दर को प्रतिस्थापन स्तर से नीचे लाने में सफल रहा।

 

मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार  

  • वर्ष 2019-21 में 88.6% महिलाओं द्वारा संस्थागत प्रसव सेवा का उपयोग किया गया जो वर्ष 2015-16 की 78.90% की तुलना में 9.8% अंक की वृद्धि दर्शाता है। सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में संस्थागत प्रसव में भी वृद्धि हुई जो 52.1% से बढ़कर 61.9% हो गयी। 

 

शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार  

  • NFHS 5 के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में भारत के अधिकांश राज्यों में शिशु और बाल मृत्यु दर में कमी आयी है तथा 12 से 23 माह के बच्चों में पूर्ण टीकाकरण अभियान में अखिल भारतीय स्तर पर 62% से 76% तक सुधार देखा गया ।

 

प्रौद्योगिकी उपयोग, बीमा एवं बैंकिंग संबंधी प्रगति

  • प्रधानमंत्री जन धन योजना के फलस्वरूप बैंक खाते रखने वाली महिलाओं के अनुपात में 25.6% की वृद्धि हुई ।
  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, जन आरोग्य योजना जैसी योजनाओं ने अच्छा कार्य किया और स्वच्छता, स्वास्थ्य बीमा में सुधार हुआ है।

 

इस रिपोर्ट ने जहां जनसंख्या स्थिरीकरण, परिवार नियोजन सेवाओं, टीकाकरण, स्वास्थ्य प्रणालियों के बेहतर वितरण जैसे कई मोर्चों पर उत्साहजनक परिणाम प्रस्तुत किए हैं वहीं दूसरी ओर इसने बच्‍चों में एनीमिया की बढ़ती चिंता, लैंगिक हिंसा, महिलाओं एवं बालिकाओं के विरुद्ध प्रचलित कुप्रथाओं जैसे बाल विवाह, पक्षपातपूर्ण लिंग चयन आदि को संबोधित करने हेतु भविष्य में और सुधार किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। 

 

भारतीय समाज में प्रचलित भेदभावपूर्ण सामाजिक मानदंडों ने महिलाओं और बालिकाओं की समस्‍याओं को और गंभीर बना दिया है जो सतत् विकास लक्ष्य 2030  एवं भारत के विकास लक्ष्यों की उपलब्धि के लिये बाधाकारी हैं। अत: इस दिशा में विशेष कार्य किए जाने की आवश्‍यकता है ।




 

आवश्‍यक सूचना

 BPSC मुख्‍य परीक्षा के लिए सामान्‍य अध्‍ययन के संभावित प्रश्‍नों को तैयार कर मुख्‍य परीक्षा लेखन अभ्‍यास टेलीग्राम ग्रुप में PDF मॉडल उत्‍तर के रूप कराया जा रहा है। 

 

 अत: जो भी संपूर्ण लाभ लेना चाहते हैं, टेलीग्राम ग्रुप अवश्‍यक ज्‍वान करें तथा संपूर्ण नोट्स का इंतजार न करें  

BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए

व्‍हाटसएप/कॉल करें 74704-95829

सभी मॉडल उत्‍तर के लिए वेवसाइट www.gkbucket.com   पर जा सकते हैं ।

 

  BPSC Mains टेलीग्राम ग्रुप से  67th BPSC में  चयनित अभ्‍यर्थी 


BPSC मुख्य परीक्षा के हमारे Telegram Practice Group में जुड़े और निरंतर अभ्यास द्वारा लेखन शैली का विकास करें।

Whatsapp/call 74704-95829

No comments:

Post a Comment