प्रश्न- बिहार के मृदा में संरचनात्मक जटिलताओं, शैलों की विविधता, वनस्पतियों आदि के कारण व्यापक भिन्नताएं देखने को मिलती है। चर्चा करें ।
उत्तर- भूपटल के ऊपरी असंगठित पदार्थों की परत जिसका निर्माण चट्टानों के टूटने-फूटने से होता है मिट्टी कहलाती है। बिहार में एक बहुत बड़े भाग पर जलोढ़ मिट्टी पायी जाती है जो गंगा तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा लाए गए अवसादों से निर्मित है फिर भी संरचनात्मक जटिलता, शैलों की विविधता तथा वनस्पतियों के प्रभाव से विभिन्न प्रकार की मिटिटयां पायी जाती है जिसे निम्न प्रकार देखा जा सकता है।
- बिहार के उत्तरी पश्चिमी भाग में जहां शिवालिक क्रम की
पहाड़ियों के आस पास की मृदा में बालू पत्थर, क्वार्टजाइट, गोलाश्म आदि के अंश पाए जाते हैं वहीं विशाल मैदानी भागों में हिमालयी नदियों
के अवसाद जमाव से निर्मित जलोढ़ मृदा का विस्तार पाया जाता है जिनमें काँप तथा
बालू का अंश भिन्न मात्रा में देखने को मिलता है।
- सीमांत दक्षिणी भाग में कैमूर क्षेत्र में जहां विन्धयन
काल की चट्टाने बालुका पत्थर, डोलोमाइट, चूनापत्थर
आदि से प्रभावित मिट्टियाँ पायी जाती है वहीं गया के पहाड़ी भाग में आर्कियन एवं
धारवाड़ काल की चट्टाने जैसे नीस एवं शिष्ट से प्रभावित मिट्टियाँ मिलती है। इसके अलावा
राजगीर, नवादा, बाँका की पहाड़ियों में
क्वार्टजाइट, शेल, आग्नेय चट्टानों से
प्रभावित मिट्टियाँ पायी जाती है।
- दक्षिणी बिहार में पहाड़ी भागों में मृदाओं में वनस्पतियों का भी प्रभाव भी दृष्टिगोचर होता है। दक्षिण बिहार की नदियाँ पठारी भाग से मिट्टी तथा बालू का अंश लाकर जमा करती है जिससे मिट्टियों के गुणवत्ता में क्षेत्रीय अन्तर आता है और कहीं उपजाऊ केवाल मिट्टी तो कहीं दोमट मिट्टी पायी जाती है।
- कैमूर, जमुई क्षेत्रों की मिट्टियों
का रंग लाल होता है तो गंगा घाटी की मिट्टियां जीवाश्मयुक्त होने के कारण मटमैला होती
है। गंगा के मैदान में अतीत में हुए समुद्री निक्षेप के कारण जहां मिट्टियों की गहराई
2500 मीटर तक पाई जाती है वहीं पठारी क्षेत्रों में यह अपेक्षाकृत कम
गहरी होती है ।
इस प्रकार क्षेत्रफल की दृष्टि से बिहार जैसे अपेक्षाकृत छोटे राज्य में मृदा में व्यापक भिन्नताएं देखने को मिलती है और बिहार कृषि अनुसंधान विभाग द्वारा मूल चट्टान, भूआकृति, भौतिक एवं रासायनिक संरचना के आधार पर बिहार की मृदा को उत्तर बिहार के मैदान की मिट्टी, दक्षिण बिहार के मैदान की मिट्टी और दक्षिणी सीमांत पठार की मिट्टी में वर्गीकृत करते हुए अनेक उपवर्गों में बांटा गया है।
आवश्यक सूचना ¶ BPSC मुख्य परीक्षा के लिए सामान्य अध्ययन के संभावित प्रश्नों को तैयार कर मुख्य परीक्षा लेखन अभ्यास टेलीग्राम ग्रुप में PDF मॉडल उत्तर के रूप कराया जा रहा है।
¶ अत: जो भी संपूर्ण लाभ लेना चाहते हैं, टेलीग्राम ग्रुप अवश्यक ज्वान करें तथा संपूर्ण नोट्स का इंतजार न करें । BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्हाटसएप/कॉल करें 74704-95829 सभी मॉडल उत्तर के लिए वेवसाइट www.gkbucket.com पर जा सकते हैं ।
|
BPSC Mains टेलीग्राम ग्रुप से 67th BPSC में चयनित अभ्यर्थी
No comments:
Post a Comment