प्रश्न- बिहार सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की परम्परा में लाए गए चतुर्थ कृषि रोड मैप के विशेष प्रावधान और उससे होनेवाले संभावित लाभों की चर्चा करें ।
उत्तर- बिहार में कृषि के समग्र विकास हेतु बिहार
सरकार द्वारा कृषि रोड मैप लाया गया। उल्लेखनीय है कि पूर्व में बिहार सरकार
द्वारा 3 कृषि रोडमैप लाया गया तथा 1 अप्रैल 2023 से
31 मार्च 2028 तक की अवधि के लिए चतुर्थ कृषि रोड मैप प्रारम्भ किया जा रहा है
उल्लेखनीय है कि चौथे कृषि
रोडमैप में पांच वर्षों में 1 लाख 62 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे तथा पूरे पांच
सालों के लिए एक साथ राशि की स्वीकृति की गयी है । चतुर्थ कृषि रोडमैप के विशेष
प्रावधान निम्नानुसार है।
- किसानों की आमदनी बढ़ाने, बीज
उत्पादन में आत्मनिर्भरता पर मुख्य ध्यान होगा ।
- बीज, सिचाई तकनीकी परामर्श आदि भी किसानों
को सुलभता से उपलब्ध कराया जाएगा।
- चौथे कृषि रोडमैप के
तहत किसानों को बिजली कनेक्शन देने, डेडिकेटेड कृषि फीडर बनाने, नए ट्रांसफॉर्मर लगाने,
तार बिछाने, तार पोल लगाने जैसी विद्युत
संरचनाओं का निर्माण किया जाएगा।
- बीज उत्पादन से लेकर बाजार तक के लिए नेटवर्क तैयार
किया जाएगा तथा दलहन,
तिलहन, मोटे अनाज के बीज उत्पादन पर फोकस
रहेगा ।
- बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता हेतु बिहार में 100 सीड हब बनाने की योजना है तथा हर जिले को वहां उत्पादित होने वाली फसल के लिए सीड हब बनाने के रूप में चयनित किया जाएगा।
- मोटे अनाज का क्लस्टर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है जहां पर किसानों को बीज मिलेंगे तथा उपने उत्पाद भी व्यापारियों को यहां पर बेच सकेंगे।
- चौथे
कृषि रोड मैप में बिहार में पांच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को मंजूरी दी गई है। इनमें
वैशाली के राघोपुर में पान का, बांका में शहद, दरभंगा
में मखाना और किशनगंज में चाय का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाना है।
- जैविक और जलवायु अनुकूल खेती के विस्तार के साथ साथ जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न परिस्थितियों से मुकाबला करने में किसान को सक्षम बनाने का प्रयास ।
- वर्मी कंपोस्ट और हरी खाद योजना के साथ साथ पर्यवारण संरक्षण के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में कार्य किया जाएगा।
- ड्रोन के माध्यम से से फसल व पौधा संरक्षण दिया जाएगा ।
- किसानों की आय बढ़ाने के लिए पशुपालन एवं मत्सय पालन को प्रोत्साहन दिया जाएगा।
इस प्रकार
चतुर्थ कृषि रोडमैप में द्वारा बिहार में कृषि क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी
तथा इसके समुचित क्रियान्वयन से कृषि एवं किसान दोनों को लाभ मिलेगा जिसे निम्न
प्रकार समझा जा सकता है।
बाजार नेटवर्क - फसल उत्पादन
को बाजार तक पहुंचाने हेतु बाजार का नेटवर्क तैयार किया जाएगा जो किसानों की आमदनी
बढ़ाने में सहायक होगा।
कृषि क्षमता विस्तार-कृषि
रोडमैप के कार्यान्वयन से कृषि उत्पादों में वृद्धि एवं उपज भंडारण और प्रसंस्करण
क्षमता का विस्तार होगा।
आत्मनिर्भरता- धान, गेहूं
के अलावा दलहन, तिलहन और मोटे अनाज के बीज उत्पादन में बिहार
आत्मनिर्भर बनेगा।
कलस्टर निर्माण -बिहार में क्लस्टर बनने से खदीर
बिक्री जैसे कार्य आसान होगे जिससे किसान, व्यापारी, ग्राहक आदि को लाभ होगा।
उद्यमशीलता- फसल आधारित
उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा और मखाना, आलू, फल आदि की प्रोसेसिंग यूनिट लगेगी जिससे कृषकों की आय, रोजगार बढेगा । डेयरी व पोल्ट्री फॉर्मिंग, पशुधन
उत्पाद संबंधी कौशल प्रदान कर उद्यमी बनाने से आय एवं रोजगार बढ़ेगी ।
सिंचाई सुविधा - हर खेत तक
सिंचाई को कृषि फीडर का विस्तार की भी योजना है जिससे उत्पाद में बेहतर वृद्धि
होगी ।
जैविक कृषि-वर्मी कंपोस्ट
और हरी खाद योजना फिर से शुरू किए जाने से जैविक एवं टिकाऊ कृषि को बढ़ावा मिलेगा
।
फसल सुरक्षा- खेती में ड्रोन
को बढ़ावा दिए जाने से टाल क्षेत्र को विशेष लाभ होगा और इससे फसल सुरक्षा और पौधा
संरक्षण में इससे मदद मिलेगी।
अन्य लाभ- कृषि रोडमैप के
बेहतर कार्यान्वयन से किसानों की आय बढ़ाने, बीज उत्पादन में
आत्मनिर्भरता, सतत विकास जैसे लक्ष्यों को प्राप्त करने
में मदद मिलेगी ।
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