प्रश्न – भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति को बताते हुए इसे
नियंत्रित करने की दिशा में सरकार के प्रयासों को बताएं।
भारत की बहुसंख्यक आबादी हानिकारक स्तर पर मौजूद
पीएम 2.5 कणों के संपर्क में हैं जो
सबसे खतरनाक वायु प्रदूषक है। विश्व भर में वायु प्रदूषण मृत्यु का एक बड़ा कारक
है तथा भारत में वायु प्रदूषण का स्तर विश्व में सर्वाधिक है तथा आर्थिक विकास के
क्रम में आनेवाले समय में वायु प्रदूषण भारत का सबसे
बड़ा आर्थिक एवं स्वास्थ्य जोखिम बन सकता है जिसे निम्न प्रकार समझा जा सकता है।
- भारत में जहां वायु प्रदूषण जनित बीमारियों से वर्ष
2019 में लगभग 1.67 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई
वहीं इससे होनेवाली 50% से ज्यादा मौतें केवल पांच राज्यों उत्तर
प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में हुई है जो स्पष्ट करता है कि गरीब एवं कुपोषण
बहुल आबादी वाले राज्यों में वायु प्रदूषण ज्यादा प्रभावी है।
- हिमालय और तराई के क्षेत्रों में वाहनों,
फसलों दहन से उत्पन्न प्रदूषक कणों के कारण ग्लेशियर तेजी से पिघल
रहे हैं।
- एक शोध रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण से हर वित्तीय वर्ष भारतीय व्यवसाय को लगभग 7
लाख करोड़ का नुकसान होता है जो भारत की
कुल जीडीपी का लगभग 3% है ।
स्पष्ट है कि भारत में वायु प्रदूषण भारी आर्थिक नुकसान के
साथ साथ विनाशकारी स्वास्थ्य प्रभाव भी डालता है। जीवाश्म ईंधनों का प्रयोग,
बढ़ता औद्योगीकरण, परिवहन क्षेत्र, कृषि एवं निर्माण कार्य वायु प्रदूषण के मुख्य स्रोत है। अत: नियंत्रण के
लिए इन क्षेत्रों में नियमन की आवश्यकता को समझते हुए सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए
गए हैं जिसे निम्न प्रकार समझा जा सकता है।
औद्योगिक उत्सर्जन
- कोयला आधारित ताप विद्युत संयंत्र हेतु कड़े उत्सर्जन मानक का निर्धारण तथा अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में
ऑनलाइन निरंतर उत्सर्जन निगरानी उपकरण की व्यवस्था ।
धूल और कचरे जलने से
उत्पन्न होने वाला प्रदूषण
- बायोमास या कूड़ा कचरा चलाने पर प्रतिबंध के साथ स्वच्छ
घरेलू ऊर्जा हेतु उज्ज्वला योजना के तहत LPG रसोई गैस की उपलब्धता।
वायु गुणवत्ता की
निगरानी
- राष्ट्रीय वायु निगरानी कार्यक्रम द्वारा सतत निगरानी एवं चेतावनी प्रणाली एवं बड़े शहरो के प्रदूषण के रियल टाइम मापन हेतु राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक।
नीतिगत प्रयास
- वायु प्रदूषण के मुकाबले हेतु नीति आयोग का 15 पॉइंट एक्शन प्लान के अलावा राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम,
"राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम" फेम
इंडिया योजना, इथेनॉल ब्लेडिंग प्रोग्राम, नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान, राष्ट्रीय
हाइड्रोजन मिशन लाया गया ।
बिहार सरकार के प्रयास
- बिहार
सरकार द्वारा केन्द्र सरकार की योजनाओं एवं प्रयासों के साथ समन्वय बनाते हुए वायु
प्रदूषण को कम करने तथा हरित पर्यावरण को बढ़ावा देने हेतु जल-जीवन हरियाली अभियान, कृषि
रोड मैप, नवीकरणीय ऊर्जा नीति, जैविक
कृषि, स्वच्छ ईंधन नीति को लागू करने की दिशा में प्रयास
किए जा रहे हैं।
इसके अलावा
हरित पर्यावरण हेतु 10 वर्षों का एक्शन
प्लान, स्वच्छ वायु डैशबोर्ड की शुरुआत के साथ सतत परिवेशीय
वायु गुणवत्ता अनुश्रवण केंद्रों की स्थापना की गयी है। पटना मुजफ्फरपुर, गया के कुछ क्षेत्र में 22 श्रेणियों के प्रदूषक
उद्योगों की नई इकाई की स्थापना हेतु स्वीकृति नहीं देने के साथ साथ बिहार सरकार द्वारा
फैसला लिया गया कि जो भी किसान पराली जलाएंगे, उन्हें कृषि संबंधित
सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं एवं
नीतिगत उपायों से प्रयास किए जा रहे हैं फिर भी इसके खतरनाक स्तर को देखते हुए नीतियों
और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु इसे
जनता के व्यवहार से साथ जोड़े जाने के साथ साथ पर्याप्त शोध, अनुसंधान एवं वित्त पोषण पर भी ध्यान दिया
जाना चाहिए।
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