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Feb 7, 2024

बिहार लघु उद्यमी योजना

बिहार लघु उद्यमी योजना

हाल ही में बिहार सरकार द्वारा बिहार के 94 लाख गरीब परिवारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने हेतु अगले 5 वर्षों के लिए राज्‍य उद्योग विभाग द्वारा बिहार लघु उद्यमी योजना आरंभ की गयी जिसके प्रमुख प्रावधान निम्‍नलिखित है

 


बिहार लघु उद्यमी योजना के प्रावधान

  • जातिगत गणना में चिह्नित वे लोग जिनकी मासिक आय 6000 रु. से कम है उनके रोजगार हेतु 2 लाख रु. के अनुदान का प्रावधान । 
  • सभी वर्गों सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, एससी-एसटी वर्ग के गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
  • 94 लाख 33 हजार से ज्‍यादा गरीब परिवारों को योजना का लाभ देने की घोषणा की गयी हांलाकि संसाधनों की कमी से आरंभ में पांच लाख परिवारों से ही इसकी शुरुआत हो सकती है जिसे बाद में लाभार्थियों के रुझान को देख विस्‍तारित किया जाएगा।
  • योजना के लाभार्थी का चयन कंप्‍यूटरीकृत रैंडमाइजेशन प्रक्रिया द्वारा किया जाएगा।
  • गरीब परिवारों के कम से कम एक सदस्‍य को 62 प्रकार की इकाइयों में से किसी को स्‍थापित करने तथा उसे चलाने के लिए 3 किश्‍तों में 2 लाख तक का अनुदान कुल पांच वर्षों में तीन किस्तों में (25 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 25 प्रतिशत) में दी जाएगी।

बिहार लघु उद्यमी योजना की विशेषता

यह योजना पूर्व की योजनाओं से अलग है क्‍योंकि इसमें काम करने के लिए पैसे अनुदान के रूप में दिए जा रहे है जिसे लाभार्थियों को वापस लौटाना नहीं होगा।

इस योजना के माध्‍यम से 'टॉप डाउन अप्रोच' (विकास का ऊपर से रिसकर नीचे की ओर जाना) से बाहर निकल कर बॉटम अप अप्रोच' (नीचे से शुरू होकर विकास का ऊपर की ओर बढ़ना) की ओर बढ़ने का प्रयास किया गया है।

 

बिहार लघु उद्यमी योजना के संभावित लाभ/प्रभाव

* खाद्य प्रसंस्‍करण, लघु उद्योगों को प्रोत्‍साहन ।

* आर्थिक क्रियाओं में वृद्धि से निवेश को प्रोत्‍साहन।

* ग्रामीण परिवारों को रोजगार एवं आजीविका ।

* ग्रामीण, मध्‍यम वर्ग की आय अवसरों में वृद्धि।

* गरीबी एवं कुपोषण जैसी समस्‍याओं के कमी लाने में सहायक।

* गरीब परिवारों को अर्थव्‍यवस्‍था की धारा में लाने में सहायक।

 

 

बिहार लघु उद्यमी योजना के लाभ

  • गरीब परिवारों को छोटे-मोटे रोजगार शुरू करने के लिए दी जानेवाली राशि से खाद्य प्रसंस्करण, निर्माण-कार्य, ग्रामीण इंजीनियरिंग, कपड़ा उद्योग जैसे तमाम सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों जैसे क्षेत्रों को लाभ होगा और अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती मिलेगी।   
  • लोगों को नकद सहायता के बजाय काम-धंधा शुरू करने के लिए धन देने की सोच ज्यादा अच्छी है क्‍योंकि नोटबंदी के बाद लघु एवं सूक्ष्म उद्योग पूरी तरह से उबरा नहीं है तथा यह क्षेत्र सर्वाधिक रोजगार पैदा करते हैं। इस कारण इस योजना से बेरोजगारी कम होने से गरीबी में भी कमी आ सकती है।
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के आंकड़े बताते हैं कि देश भर में 30 फीसदी महिलाएं और बच्चे कुपोषण के शिकार हैं जिसका एक मुख्‍य कारण उनकी क्रय- क्षमता काफी कम होना है। माइक्रो सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़ने से लोगों की क्रय-क्षमता बढ़ेगी जिससे कुपोषण की समस्‍या भी कम होगी
  • इस योजना से गरीब तबकों में पैसे आएंगे जिसे वे अपने ऊपर खर्च करेंगे, जिससे खेती-किसानी को भी लाभ मिलेगा और किसानों की उत्‍पादों को भी वाजिब दाम मिलेगें। किसानों की आमदनी बढ़ने से संगठित क्षेत्र में भी मांग बढ़ेगी।  

 

इस प्रकार बिहार की यह पहल महात्मा गांधी के उस सपने को साकार करती है, जिसमें उन्होंने वंचितों को मुख्यधारा में लाने की बात कही थी। यह योजना बॉटम अप अप्रोच' (नीचे से शुरू होकर विकास का ऊपर की ओर बढ़ना) की हिमायती है जिससे बिहार की अर्थव्यवस्‍था को मजबूती मिलने के साथ गरीबी, कुपोषण, बेराजगारी जैसी समस्‍याओं को कम करने में भी मदद मिलेगी ।

बिहार लघु उद्यमी योजना की चुनौतियां/बाधाएं

  • इस योजना के प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए सबसे पहले भ्रष्टाचार पर रोक लगाते हुए बेहतर निगरानी के साथ सही लाभार्थी की पहचान आवश्‍यक होगा ताकि कोई ऐसा व्‍यक्ति इस योजना का कोई बेजा लाभ न उठा पाए जो इसका हकदार नहीं है।
  • इसी क्रम में  सरकार को इसके लिए पर्याप्त संसाधन भी जुटाने होंगे जिसके लिए सख्त आर्थिक अनुशासन को लाना होगा।
  • राज्‍य की आर्थिक स्थिति अच्‍छी नहीं होने के कारण आरंभ में कुछ वित्‍तीय समस्‍या आ सकती है लेकिन योजना के बेहतर कार्य करने से लोगों की आमदनी बढ़ती है या राज्य में उद्योग पनपते हैं, तो परोक्ष रूप से टैक्स के माध्यम से सरकार की भी आमदनी बढ़ेगी।
 

इस प्रकार इस योजना के बेहतर रूप में कार्य करने से जमीन पर इसका व्यापक असर दिखेगा । फिलहाल संसाधनों की कमी के कारण इस योजना की शुरुआत पांच लाख परिवारों से ही हो सकती है तथा बाद में लाभार्थियों के रुझान को देखकर इसका विस्तार किया जाएगा।




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