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Jun 2, 2024

प्रश्‍न- जनता द्वारा चुनी हुई सरकार वास्‍तविक अर्थों में तभी तक लोकतांत्रिक होती है जब वह संवैधानिक कानूनों और नागरिक अधिकारों द्वारा खींची लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही काम करती है। कथन की समीक्षा करें।

प्रश्‍न- जनता द्वारा चुनी हुई सरकार वास्‍तविक अर्थों में तभी तक लोकतांत्रिक होती है जब वह संवैधानिक कानूनों और नागरिक अधिकारों द्वारा खींची लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही काम करती है। कथन की समीक्षा करें।



लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा रूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं तथा लोगों द्वारा चुने गए शासक ही सारे प्रमुख फैसले संविधान द्वारा तय बुनियादी कानूनों और नागरिक अधिकारों के दायरे को मानते हुए करते हैं। वर्तमान में अनेक देशों में लोकतंत्र है लेकिन कई लोकतांत्रिक कहे जानेवाले देशों में कई ऐसी घटनाएं देखने में आती है जो अलोकतांत्रिक होती है जैसे

  • सरकार द्वारा संविधान में बदलाव करके अधिकारों में वृद्धि एवं जवाबदेही को कम किया जाना,
  • विपक्षी दलों को अनावश्‍यक परेशान करना।
  • जनअधिकारों का अतिक्रमण।
  • सरकार विरोधी प्रदर्शनों और आंदोलनों को गैर-कानूनी घोषित किया जाना।
  • सरकार की आलोचना के अधिकार को सीमित करना।
  • अभिव्‍यक्ति की स्‍वतंत्रता पर सरकारी नियंत्रण।
  • सरकार के एकपक्षीय विचार एवं शासक दल के विचार का ही प्रसारण।
  • न्‍यायालयी निर्णयों को प्रभावित करने हेतु न्‍यायाधीशों पर दबाव, प्रलोभन आदि की घटनाएं ।

 

इस प्रकार कई ऐसी घटनाएं लोकतांत्रिक देशों में देखने में आती है जो अलोकतांत्रिक होती है। इस प्रकार केवल स्‍पष्‍ट जनादेश पाना या लोकप्रिय नेता का चुनाव लोकतंत्र नहीं है। लोकप्रिय नेता भी अलोकतांत्रिक और तानाशाह हो सकते हैं। अत: लोकतंत्र वास्‍तविक अर्थों में लोकतंत्र को चुनाव प्रक्रियाओं, कानूनी प्रावधानों, सरकार की गतिविधियों एवं कार्यप्रणाली के आधार पर परखा जा सकता है।

 

 

इसी क्रम में यह ज़रूरी है कि नागरिकों को अपने बुनियादी अधिकारों जैसे स्‍वतंत्र अभिव्‍यक्ति, अपनी राय बनाने, सार्वजनिक रूप से अपने विचार व्यक्त करने, संगठन बनाने, विरोध करने और अन्य राजनैतिक गतिविधियाँ करने की स्वतंत्रता हो तथा कानून की नज़र में सभी लोगों की समानता होनी चाहिए। इन अधिकारों की रक्षा स्वतंत्र न्यायपालिका को करनी चाहिए जिसके आदेशों का पालन सब लोग करते हों।

 

एक लोकतांत्रिक सरकार सिर्फ इस कारण से मनमानी नहीं कर सकती कि उसने चुनाव जीता है। जनता के प्रति उत्तरदायी होते हुए बुनियादी तौर तरीकों का पालन करते हुए हर फैसले को विचार-विमर्श के बाद लेना चाहिए। इस प्रकार कहा जा सकता है कि जनता द्वारा चुनी हुई सरकार वास्‍तविक अर्थों में तभी तक लोकतांत्रिक होती है जब वह संवैधानिक कानूनों और नागरिक अधिकारों द्वारा खींची लक्ष्मण रेखाओं के भीतर ही काम करती है। 


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प्रश्‍न- संविधान लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था का अनिवार्य तत्‍व है। स्‍पष्‍ट करें।  200

उत्‍तर- संविधान लिखित नियमों का संग्रह होती है जिसे सर्वोच्च कानून के रूप में मान्‍यता प्राप्‍त होती है। संविधान के मूल तत्‍व इसके कार्यों से निर्धारित होता है जिनमें प्रमुख निम्‍नानुसार है।


  • लोगों के बीच भरोसा और सहयोग विकसित करता है।
  • सरकार गठन की प्रक्रियास्‍वरूपनिर्णयण अधिकार को स्‍पष्‍ट करता है।
  • सरकार तथा नागरिकों के अधिकार को स्‍पष्‍ट करता है।
  • बेहतर समाज के गठन में जन आकांक्षाओं को व्यक्त करता है।

इस प्रकार संविधान लोगों के आपसी संबंध को तय करने के साथ साथ उनके और सरकार के संबंध को भी तय करता है। यही कारण है कि किसी देश में रहने वाले सभी लोग सामूहिक रूप से इसे मानते हैं ।


लोकतंत्रविहीन देश का संविधान हो सकता है लेकिन संविधानविहिन लोकतंत्र नहीं होता यानी जिन देशों में लोकतांत्रिक शासन है वहाँ संविधान का होना जरूरी है। अमेरिकाभारत ने आजादी के बाद तो फ्रांस ने क्रांति के बाद अपने लिए संविधान का निर्माण किया जिसके बाद  लिखित संविधान लोकतांत्रिक शासन व्‍यवस्‍था की विशेषता बन गयी और संविधान लोकतांत्रिक व्‍यवस्‍था का अनिवार्य तत्‍व माना गया।  








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