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Jul 27, 2024

केन्‍द्रीय बजट 2024-25 एवं बिहार

केन्‍द्रीय बजट 2024-25 एवं बिहार

 




विशेष दर्जा या विशेष पैकेज की चाहत रखने वाले इस राज्य के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने कई नई योजनाओं को मंजूरी दी है। प्रत्यक्ष तौर पर बिहार के लिए करीब 59000 करोड़ का एलान किया गया है लेकिन विभिन्न योजनाओं के मद में आवंटित राशि से राज्य को एक लाख करोड़ तक का लाभ मिलेगा।

 

एक्सप्रेस-वे घोषणाएं

26,000 करोड़ की लागत से निम्‍न कार्य किए जाएंगे।

  1. पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे ।
  2. बोधगया-राजगीर-वैशाली-दरभंगा एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं का विकास 
  3. बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे ।
  4. बक्सर में 02 लेन का नया पुल गंगा पर बनेगा।

 


 


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महत्‍वपूर्ण कॉरिडोर

विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर ही विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर को समेकित रूप से विकसित किया जाएगा। इन स्‍थानों को विश्वस्तरीय तीर्थ और पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। 

 

विष्णुपद मंदिर और महाबोधि मंदिर कॉरिडोर को समेकित रूप से विश्वस्तरीय तीर्थ और पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। 

बिहार सरकार विष्णुपंद मंदिर के पास वैकल्पिक मार्ग, धर्मशला निर्माण, महाबोधि मंदिर के पास सौंदर्याकरण जैसे कार्य कर रही है ।

अब केंद्रीय सहयोग मिलने के बाद अन्य परियोजनाओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा जिससे इस क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा।

 

राजगीर में सप्तऋषि कॉरिडोर बनेगा

राजगीर हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्मों के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण स्थल है। यहां 20 वें तीर्थकर मुनिसुव्रत का प्राचीन मंदिर, सप्तऋऋषि और सात गर्म झरने तथा गर्म पानी वाला ब्रह्मकुंड पवित्र स्थल हैं जिसे देखते हुए राजगीर का समेकित विकास किया जाएगा।


बिहार में नये एयरपोर्ट, मेडिकल कॉलेज बनेंगे, खेल की आधारभूत संरचना के निर्माण में भी केंद्र मदद देगा।

 

नालंदा को पर्यटन केंद्र

नालंदा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा जिससे यहां होटल उद्योग को गति मिलेगी तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

नालंदा विश्वविद्यालय को उसके गौरवशाली स्वरूप में पुनर्जीवित किया जाएगा।

राजगीर के हिन्दुओं, बौद्धों और जैनों के लिए धार्मिक महत्व वाले स्‍थलों को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल की तर्ज पर तैयार किया जाएगा।

 

अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर का मुख्यालय

गया प्राचीन सांस्कृतिक केंद्र रहा है और बजट में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर का मुख्यालय गया में बनाने की घोषणा की गयी जिससे गया अर्थव्यवस्था का भी केंद्र बनेगा। गया सांस्‍कृतिक एवं औद्योगिक केन्‍द्र के रूप में विकसित होगा जिससे यह कॉरिडोर पूर्वी भारत के औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा।


इस क्षेत्र की हवाई, सड़क, रेल, हल्दिया बंदरगाह से कनेक्टिविटी अच्छी है। इस क्षेत्र में कृषि/खाद्य प्रसंस्करण, ऑटो कंपोनेंट्स, स्टील उत्पाद, मेडिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, निर्माण उद्योग, फर्नीचर, हस्तशल्पि, और हथकरघा जैसे क्षेत्रों निवेश की अच्‍छी संभावना है। यहां प्लग एंड प्ले योजना के तहत भी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।


इस प्रकार औद्योगिक केन्‍द्र बनने से बड़े और मध्यम दर्जे के उद्योग की संख्‍या बढ़ेगी, आर्थिक क्रियाएं बढ़ेगी और रोजगार एवं निवेश बढ़ेगा।


 

अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर

बजट घोषणा के बाद बिहार के सबसे बड़े औद्योगिक पार्क के निर्माण से धार्मिक-सांस्कृतिक महत्व वाला शहर गया महत्‍वपूर्ण औद्योगिक केन्‍द्र के रूप में उभरेगा तथा युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। अमृतसर-कोलकाता कॉरिडोर का मुख्‍यालय गया में होने से डोभी में बन रहे औद्योगिक केंद्र के विकास को गति मिलेगी। राज्य और केंद्र सरकार दोनों के सहयोग से विकसित होनेवाली औद्योगिक केंद्र में निम्‍न विशेषताएं होगी।

  1. अमृतसर कोलकाता एक्सप्रेस वे की सहायता से माल यातयात सुगम होगा। 
  2. दिल्ली-कोलकाता मुख्य रेललाइन, हल्दिया बंदरगाह, अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा नजदीक होने से माल का आयात निर्यात, आवागमन बेहतर होने से कंपनियों की रुचि बढ़ेगी और निवेश आकर्षित होगा।
  3. पर्यटकों की गया और बोधगया जैसे पर्यटन केंद्र तक पहुंच आसान होगी।
  4. पूर्वी, उत्तरी और उत्तर-पूर्व भारत के अलावा नेपाल, बांग्लादेश, भूटान के बाजार तक पहुंच आसान होगी। बांग्लादेश और भूटान तक माल ले जाने में आसानी से बड़ी कंपनियों के निवेश की संभावना।
  5. इस क्षेत्र की हवाई, सड़क, रेल, हल्दिया बंदरगाह से कनेक्टिविटी अच्छी है। इस क्षेत्र में कृषि/खाद्य प्रसंस्करण, ऑटो कंपोनेंट्स, स्टील उत्पाद, मेडिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, निर्माण उद्योग, फर्नीचर, हस्तशल्पि, और हथकरघा जैसे क्षेत्रों निवेश की अच्‍छी संभावना है। यहां प्लग एंड प्ले योजना के तहत भी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा।

इस प्रकार औद्योगिक केन्‍द्र बनने से बड़े और मध्यम दर्जे के उद्योग की संख्‍या बढ़ेगी, आर्थिक क्रियाएं बढ़ेगी और रोजगार एवं निवेश बढ़ेगा।



 

बिहार समेत पूर्वी भारत के राज्यों के समेकित विकास के लिए केंद्र सरकार ने पूर्वोदय योजना की घोषणा बजट में की है जिसमें बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्रप्रदेश को रखा गया है। इससे बिहार में मानव संसाधन और आधारभूत संरचना विकास को गति मिलेगी जिससे आर्थिक समृद्धि व रोजगार सृजन के कार्य होंगे।

 

बाढ़ की समस्या समाधान हेतु प्रावधान

बाढ़ नियंत्रण को लेकर नेपाल में हाईडैम निर्माण लंबे समय से लंबित है। इस मसले पर भारत सरकार नेपाल से बातचीत करेगी।


उल्‍लेखनीय है कि बिहार की बाढ़ से मुक्ति में नेपाल की भूमिका प्रमुख है। कोसी नदी पर हाई डैम, सप्‍तकोशी परियोजना से बाढ़ पर कुछ नियंत्रण किया जा सकता है। हांलाकि इन परियोजनाओं पर पिछले कुछ दशकों से नेपाल से बात चल रही है लेकिन कोई विशेष हल नहीं निकल पाया है। इस बजट से इन गतिरोधों के दूर होने की एक उम्‍मीद बनी है।

  1. केंद्र सरकार उत्तर बिहार में बाढ़ से होने वाले नुकसान का सर्वे कराएगी। नई सिंचाई परियोजनाएं बनेंगी तथा त्वरित सिचाई कार्यक्रम के तहत बिहार सरकार को विभिन्न परियोजनाओं के लिए 11 हजार 500 करोड़ की मदद दी जाएगी।
  2. बराज निर्माण और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने जैसे कार्य होंगे।
  3. कोसी-मेची लिंक परियोजना और पूर्व से जारी 20 योजनाओं का क्रियान्वयन होगा।

 

कोसी-मेची लिंक परियोजना से कोसी और सीमांचल इलाके को बाढ़ से राहत मिलेगी इससे कोसी नदी के अधिशेष जल को 76 किमी लंबे चैनल से महानंदा बेसिन तक ले जा कर मेची से जोड़ा जाएगा। इससे जहां बाढ़ से राहत मिलेगी वहीं सिंचाई सुविधा भी मिलेगी। 

 

ऊर्जा परियोजना

भागलपुर, पीरपैंती में 2400 मेगावाट का नया पावर प्लांट बनेगा। इसमें 800-800 मेगावाट की तीन यूनिटें होंगी। इस नई इकाई के साथ ही बिहार की अन्य बिजली परियोजनाओं पर 21 हजार 400 करोड़ खर्च होंगे।

 

  • पीरपैंती के राजमहल में कोयले का भंडार है। इसका उपयोग बिजली के क्षेत्र में किया जाएगा।
  • पीरपैंती पावर प्लांट प्रोजेक्ट के स्थापित हो जाने पर बिहार में बिजली की उपलब्धता बढ़ जाएगी और बिजली की बढ़ती मांग को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। हांलाकि 2014 में इसकी घोषणा हुई थी लेकिन इसमें कोई प्रगति नहीं हुई। 


बिहार सरकार के आग्रह पर केन्‍द्र सरकार द्वारा राज्य को अतिरिक्त आर्थिक मदद दी जाएगी।


बिहार में नए हवाई अड्डों, मेडिकल कॉलेजों और खेलकूद अवसंरचना का निर्माण भी किया जाएगा।



आलोचना

अगस्‍त 2015 में आरा की भूमि से प्रधानमंत्री द्वारा सवा लाख करोड़ रुपए का पैकेज की धोषणा हुई थी तो उसको भी देखा जाना चाहिए कि उससे बिहार में कितना विकास हुआ।


बजट में घोषित कुछ परियोजनाएं पूर्व समय से ही लंबित है उन पर अभी तक कोई विशेष ध्‍यान क्‍यों नहीं दिया गया। बिहार में जहां सबसे ज्‍यादा गरीबी है फिलहाल वहां इतने हवाई अड्डो की  आवश्‍यकता विशेष नहीं है ।


वर्तमान में बिहार सरकार जब केन्‍द्र सरकार के साथ संबंधों में बेहतर स्थिति में है तो इससे कही बेहतर की उम्‍मीद की जा सकती थी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।


गया, नालंदा आदि में पर्यटन एवं अन्‍य सुविधाओं के विकास की दिशा में बिहार सरकार स्‍वयं अपने प्रयासों से बेहतर कार्य कर रही है ऐसे में केन्‍द्रीय बजट में इन स्‍थलों का उल्‍लेख तथा थोड़ी बहुत सहायता से इन योजनाओं को थोड़ा लाभ तो मिलेगा लेकिन इससे इसका श्रेय केन्‍द्र सरकार को भी जाएगा जो आनेवाले चुनावों में उसके लिए लाभकारी होगा। इस दृष्टि से यह चुनावी बजट माना जा सकता है। 


बिहार सरकार विष्णुपंद मंदिर के पास वैकल्पिक मार्ग, धर्मशला निर्माण, महाबोधि मंदिर के पास सौंदर्याकरण जैसे कार्य कर रही है ।


केंद्रीय सहयोग मिलने के बाद अन्य परियोजनाओं को भी इसमें शामिल किया जाएगा जिससे इस क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा। इसके लिए पूंजीगत निवेशों में सहायता करने के लिए अतिरिक्त आबंटन उपलब्ध कराया जाएगा तथा बहुपक्षीय विकास बैंकों से बाह्य सहायता के बिहार सरकार के अनुरोधों पर तेजी से कार्रवाई की जाएगी


कृपया ध्‍यान दें यदि आप BPSC की तैयारी कर रहे हैं तो यह अति महत्‍वपूर्ण एवं प्रासंगिक प्रश्‍न है। बजट पर आधारित इन सभी प्रश्‍नों का उत्‍तर आप केवल एक वीडियो से प्राप्‍त कर सकते हैं। वीडियो पूरा देखें और उत्‍तर लिखने का प्रयास करें।

अभ्‍यास प्रश्‍न-

प्रश्‍न- बिहार के संदर्भ में क्‍या यह कहा जा सकता है कि विशेष राज्‍य के दर्जा से प्राप्‍त होनेवाले लाभों की तुलना में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 की घोषणाएं एक बेहतर विकल्‍प साबित हो सकती है?

 

प्रश्‍न- संसाधन विहिन राज्‍य बिहार के विकास के लिए केन्‍द्र सरकार द्वारा समय समय पर दी जानेवाली क्षेत्रवार अवसंरचना सहयोग किस प्रकार बिहार के विकास में सहायक साबित हो सकता है।

 

प्रश्‍न- क्‍या आपको यह लगता है कि गठबंधन सरकार में एक मजबूत स्थिति में होने के बावजूद बिहार के संदर्भ में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 की घोषणाएं बिहार के विकास से ज्‍यादा राजनीतिक प्रेरित घोषणाएं मात्र प्रतीत होती है।

 

प्रश्‍न- क्‍या आप इस कथन से सहमत है कि केन्‍द्रीय बजट 2024-25 की घोषणाएं बिहार के विकास को गति देने की दिशा में एक बेहतर मार्गदर्शक की भूमिका में है?

 

प्रश्‍न- पूर्वी राज्‍यों में बिहार की अर्थव्‍यवस्‍था को एक बेहतर स्थिति प्रदान करने में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 में उल्‍लेखित पूर्वोदय योजना किस प्रकार एक बेहतर विकल्‍प साबित हो सकता है? चर्चा करें।



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