69th BPSC Model Answer-चंपारण सत्याग्रह
1917 में
गांधीजी द्वारा चंपारण में तिनकठिया प्रणाली की समाप्ति हेतु चलाया गया आंदोलन
चंपारण सत्याग्रह कहलाता है। तीनकठिया प्रणाली एक शोषणकारी व्यवस्था थी जिसके तहत
प्रति
बीघा में 3
कट्ठे पर नील की खेती करना अनिवार्य था।
चंपारण के किसान राजकुमार शुक्ल
के निमंत्रण पर गांधीजी ने आंदोलन का नेतृत्व किया और अन्यायपूर्ण व्यवस्था के प्रतिरोध का
अकाट्य शस्त्र सत्याग्रह एवं अहिंसा का प्रयोग किया गया।
आंदोलन की लोकप्रियता तथा
गंभीरता को देखते हुए अंग्रेज सरकार ने मामले की जांच हेतु “चंपारण एग्रेरियन कमेटी” गठित किया जिसमें गांधीजी
को भी सदस्य बनाया गया और
इसकी सिफारिश पर कृषकों के पक्ष में निम्न कदम उठाएं गए-
- तिनकठिया प्रणाली समाप्त हुई।
- किसानों को नील की खेती से मुक्त किया गया ।
- किसानों से की गई अवैध वसूली का 25% हिस्सा लौटाया गया।
इस प्रकार इस आंदोलन में
जहां पहली बार किसान समस्या को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया गया वहीं कालांतर में इससे
प्रेरित अनेक सफल किसान आंदोलन हुए ।
शब्द संख्या 159
गुणवत्तापूर्ण एवं न्यूनतम शुल्क के साथ अध्ययन सामग्री एवं अभ्यास Whatapp or Call- 74704-95829
No comments:
Post a Comment