अनेर धुनेर के राम
रखवार
70th BPSC Mains Special Notes
for Sample WhatsApp 74704-95829
70वी BPSC टेलीग्राम ग्रुप (Mains)
BPSC Mains answer writing batch आरंभ
भूमिका
हमारे लोकजीवन में कहावतें केवल शब्दों का संकलन नहीं
होतीं,
बल्कि वे गहन अनुभव और व्यावहारिकता का परिचय देती हैं। "अनेर
धुनेर के राम रखवार" एक ऐसी ही कहावत है, जो बताती है
कि ईश्वर या प्रकृति किसी भी स्थिति में किसी का सहारा बन सकती है। जब सभी रास्ते
बंद हो जाते हैं, तो अदृश्य शक्तियां हमारी रक्षा करती हैं।
यह कहावत जीवन में आस्था, आत्मविश्वास और ईश्वर पर निर्भरता
की प्रेरणा देती है।
नोट-कहावत के संदर्भ में थोड़ी जानकारी देना, ताकि हम बता सके कि आगे हम किस संदर्भ में अपने निबंध (विचार) लिखने जा रहे है। कहने का तात्पर्य संक्षिप्त जानकारी
"अनेर धुनेर" का मतलब होता है कमजोर और
असहाय लोग,
जो अपनी परिस्थितियों से लड़ने में सक्षम नहीं हैं। "राम
रखवार" का अर्थ है कि भगवान या कोई उच्च शक्ति उनकी मदद करती है। यह कहावत
बताती है कि चाहे कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों, अगर व्यक्ति का विश्वास और धैर्य अडिग है, तो उसे
किसी न किसी रूप में सहायता मिलती है। यह जीवन में आशा और विश्वास बनाए रखने की
प्रेरणा देती है। इस कहावत का महत्व हर युग और हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। यह
न केवल व्यक्तिगत जीवन, बल्कि सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक संदर्भों में भी अपनी उपयोगिता सिद्ध करती है।
नोट- दिए गए विषय का विस्तार- इसमें भाग में हम अपने मौलिक विचार, घटनाएं, कहानियां, ऐतिहासिक, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक जो भी संदर्भ हो उसे लिखते हुए निबंध के विषय को केन्द्र में रखते हुए अपने विचार को विस्तार दे सकते हैं।
जीवन में हर व्यक्ति को संघर्षों का सामना करना पड़ता
है। कई बार हमें ऐसा महसूस होता है कि हमारी कोशिशें नाकाफी हैं और परिस्थितियां
हमारे पक्ष में नहीं हैं। लेकिन ऐसे समय में भी, अगर हम अपने
विश्वास को बनाए रखते हैं, तो हमें अप्रत्याशित रूप से
समाधान मिल जाता है। यह कहावत हमें सिखाती है कि संघर्षों के समय में धैर्य और
आत्मविश्वास बनाए रखें, क्योंकि भगवान या प्रकृति हर किसी की
रक्षा के लिए तत्पर रहती है।
समाज में कई ऐसे वर्ग होते हैं,जो
कमजोर, वंचित या असहाय माने जाते हैं। उनके पास अपनी
समस्याओं का समाधान निकालने के साधन या क्षमता नहीं होती। ऐसे समय में, समाज के अन्य हिस्से या फिर सरकार उनकी सहायता के लिए आगे आती है। यह
कहावत हमें यह सिखाती है कि कमजोर और वंचित लोगों की मदद करना हमारा दायित्व है,
क्योंकि हम ईश्वर के माध्यम बन सकते हैं।
धार्मिक मान्यताओं में कहा गया है कि भगवान हमेशा अपने
भक्तों की रक्षा करते हैं। चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, अगर
व्यक्ति का ईश्वर में विश्वास है, तो वह उसे संकट से निकाल
ही देता है। महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में भी ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं,
जहां भगवान ने कमजोर और असहाय लोगों की मदद की।
यह कहावत आर्थिक और व्यावसायिक क्षेत्र में भी महत्व
रखती है। कई बार छोटे व्यापारी या गरीब किसान अपनी समस्याओं में घिर जाते हैं। ऐसे
समय में सरकार,
गैर-सरकारी संगठन या सामुदायिक प्रयास उनकी सहायता के लिए आगे आते
हैं। यह उनकी समस्याओं को हल करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होता है।
हमें जीवन में आशावान होना चाहिए
। चाहे
जीवन में कितनी भी विपरीत परिस्थितियां क्यों न हों, हमें कभी भी आशा
का दामन नहीं छोड़ना चाहिए। आशा वह दीप है जो अंधकार में भी हमारे मार्ग को रोशन
करता है और हमें निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
यह कहावत ईश्वर में विश्वास और धैर्य रखने का संदेश भी
देती है। जीवन में कई बार ऐसी स्थितियां आती हैं, जब हमें लगता है
कि हमारे प्रयास व्यर्थ जा रहे हैं, लेकिन ईश्वर में विश्वास
और धैर्य हमें मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखते हैं। विश्वास हमें यह समझने में मदद
करता है कि हर कठिनाई के बाद समाधान जरूर मिलेगा, और धैर्य
हमें उस समाधान तक पहुंचने का साहस देता है।
सामाजिक दृष्टिकोण से, यह कहावत हमें कमजोर
और असहाय लोगों की सहायता करने का संदेश देती है। समाज के सक्षम व्यक्तियों का यह
कर्तव्य है कि वे जरूरतमंदों की मदद करें, क्योंकि यही
मानवता का आधार है। यह विचार न केवल समाज को एकजुट रखता है, बल्कि
व्यक्तिगत रूप से भी हमें मानसिक संतोष प्रदान करता है।
यह कहावत कठिनाइयों के समय में भी संघर्ष
जारी रखने की प्रेरणा देती है। यह हमें यह विश्वास दिलाती है कि कोई भी परिस्थिति
स्थायी नहीं होती, और ईश्वर या प्रकृति हमेशा किसी न किसी रूप में मदद
करती है। कठिनाई के समय में प्रयास करना और हार न मानना ही हमें सफलता की ओर ले
जाता है। इस प्रकार, यह कहावत जीवन में आशा, विश्वास, धैर्य, और
संघर्ष का महत्व स्पष्ट रूप से दर्शाती है इसका ज्वलंत उदाहरण कोविड महामारी में
घटित अनेक घटनाओं में देख सकते हैं। बिहार की ज्योति कुमारी (साइकिल गर्ल) ने
दिखाया कि कितनी भी विपरित स्थितियों क्यों न हों हमे अपना विश्वास नहीं छोड़ना
चाहिए और लक्ष्य की प्राप्ति तक संघर्ष जारी रखना चाहिए।
इस प्रकार हमें अपनी जीवन में धैर्य और विश्वास रखना चाहिए
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाएं और केवल ईश्वर की
मदद का इंतजार करें। जीवन में कर्तव्य करना अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास
करना हमारी जिम्मेदारी है,
जबकि सफलता का मार्ग प्रशस्त करना ईश्वर का काम है। हमें अपनी
जिम्मेदारियों से भागना नहीं चाहिए और हर परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास
करना चाहिए।
निष्कर्ष
"अनेर धुनेर के राम रखवार" एक प्रेरणा है जो
हमें सिखाती है कि ईश्वर हर व्यक्ति की रक्षा के लिए तत्पर रहता है, चाहे
वह कितना ही कमजोर या असहाय क्यों न हो। यह हमें विश्वास, धैर्य
और मानवता के गुणों को अपनाने की प्रेरणा देती है। यह कहावत यह भी याद दिलाती है
कि हम समाज में कमजोर और असहाय लोगों के लिए ईश्वर का माध्यम बन सकते हैं। इसलिए,
जीवन में हर परिस्थिति का सामना करने के लिए धैर्य और विश्वास को
बनाए रखना ही सफलता की कुंजी है।
नोट- निबंध लेखन में मौलिक विचार एवं आपकी विशिष्ट लेखन शैली की अति प्रभावी भूमिका होती है। अत: यह केवल मार्गदर्शन के लिए दिया गया है जिसमें आप अपनी मौलिकता का समावेश कर इस निबंध को और बेहतर एवं मौलिक रूप में लिख सकते हैं।
निबंध आपके विचार एवं विषय वस्तु पर आपके ज्ञान एवं उससे संबंधित विचारों का मिला जुला रूप है। अत: एक अच्छे निबंध के लिए अपने ज्ञान, विचार क्षमता, विश्लेषण क्षमता, लेखन शैली को समृद्ध करें जिसके लिए सतत अध्ययन एवं अभ्यास सर्वोत्तम माध्यम है।
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