बिहार करेंट अफेयर 2024
आपात
स्थिति से निपटने हेतु ग्रीन पैसेज
अगलगी
या किसी अग्निकांड पर शीघ्र नियंत्रण पाने हेतु यातायात बाधाओं से बचते हुए बचाव
दल एवं अग्निशमन वाहनों का समय पर पहुंचाने हेतु पटना में 'ग्रीन पैसेज' बनाया
जाएगा।
अग्निशमन विभाग, ट्रैफिक
पुलिस और जिला प्रशासन में इस दिशा में कार्य योजना को अंतिम रूप देने में लगा
हुआ है। इस व्यवस्था में अगलगी की आपात स्थिति में अग्निशमन स्टेशन से घटनास्थल
तक ट्रैफिक के पूरे मार्ग को दमकल के लिए क्लियर किया जाएगा। इसके अलावा मार्ग में
कोई बाधा या अवरोध आती है तो वैकल्पिक मार्ग की भी व्यवस्था
रखी जाएगी ।
प्रश्न:
पटना में अग्निशमन वाहनों को कम से कम समय में घटना स्थल पर पहुंचाने के लिए कौन
सी योजना शुरू की जा रही है?
A)
आपदा
प्रबंधन योजना
B)
ग्रीन
पैसेज योजना
C)
त्वरित
राहत योजना
D)
यातायात
प्रबंधन योजना
उत्तर: B) ग्रीन
पैसेज योजना
विवरण: पटना में यातायात बाधाओं के कारण अग्निशमन वाहनों का समय पर
पहुंचना कठिन हो जाता है। इस समस्या को हल करने और अग्निकांड पर शीघ्र नियंत्रण
पाने के लिए 'ग्रीन पैसेज' योजना
को लागू किया जा रहा है, जिससे
बचाव दल बिना किसी अवरोध के जल्दी से घटना स्थल तक पहुंच सके।
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कालाजार
से बचाव के लिए आईआरएस चक्र
बिहार
में कालाजार से बचाव के लिए आईआरएस (इनडोर रेसीडुअल स्प्रे) चक्र चलाया जा रहा है। जिसमें
हजारों लोग छोटे छोटे समूह बनाकर छिड़काव दल के रूप में गांवों में सिंथेटिक पायरोथॉयराइड के छिड़काव का कार्य करते
हैं।
उल्लेखनीय
है कि इस समूह में एक छिड़काव दल ऐसा भी है, जिसमें 6 महिलाएं
शामिल है। ये मुजफ्फरपुर जिला के कुढ़नी प्रखंड के छिड़काव के अलावा कालाजार और
चमकी बुखार के बारे में जागरूक करने का भी अतिरिक्त प्रयास करती हैं। इन्होंने
अपने कार्य से न सिर्फ अपने जिले में बल्कि पूरे राज्य और देश के लिए महिला सशक्तिकरण और आर्थिक स्वावलंबन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत
किया है। वर्ष 2022 में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने महिला दिवस पर दल की
महिलाओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया था।
प्रश्न:
बिहार में कालाजार से बचाव के लिए किस प्रक्रिया का उपयोग किया जा रहा है?
A)
मच्छरदानी
वितरण
B)
इनडोर
रेसीडुअल स्प्रे (आईआरएस) चक्र
C)
टीकाकरण
अभियान
D)
जल
शोधन अभियान
उत्तर: B) इनडोर
रेसीडुअल स्प्रे (आईआरएस) चक्र
विवरण: बिहार में कालाजार से बचाव के लिए इनडोर रेसीडुअल स्प्रे
(आईआरएस) चक्र चलाया जा रहा है। इसके तहत छोटे-छोटे समूह बनाकर छिड़काव दल गांवों
में सिंथेटिक पायरोथॉयराइड का छिड़काव करते हैं।
गंगा और
यमुना में माइक्रो प्लास्टिक का जहर
राष्ट्रीय
समुद्र विज्ञान संस्थान गोवा और राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद नई दिल्ली के
वैज्ञानिकों द्वारा हरिद्वार, आगरा, प्रयागराज
और पटना में किया गया अध्ययन के अनुसार गंगा और यमुना
में माइक्रो प्लास्टिक का जहर बढ़ता जा रहा है।
प्लास्टिक
के बड़े टुकड़े जब टूटकर छोटे-छोटे सूक्ष्य कणों में बदल जाते हैं, तो उन्हें
माइक्रो प्लास्टिक कहा जाता कपड़ों और अन्य वस्तुओं के माइक्रोफाइबर के टूटने पर
भी माइक्रो प्लास्टिक्स बनते हैं। आमतौर पर प्लास्टिक के एक
माइक्रोमीटर से पांच मिलीमीटर के टुकड़े को माइक्रोप्लास्टिक कहा जाता है।
प्रश्न:
राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान गोवा और राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद नई दिल्ली के
हालिया अध्ययन के अनुसार गंगा और यमुना नदियों में कौन सा प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा
है?
A)
रासायनिक
प्रदूषण
B)
माइक्रो
प्लास्टिक
C)
जैविक
प्रदूषण
D)
औद्योगिक
कचरा
उत्तर: B) माइक्रो
प्लास्टिक
विवरण: माइक्रो प्लास्टिक का प्रदूषण न केवल गंगा की सतह पर मिले
हैं, बल्कि जल के अंदर और तलहटी तक प्रदूषण फैला हुआ है।
बिहार
एवं लोकसभा चुनाव 2024
बिहार में 7 चरण के लोकसभा चुनाव- महत्वपूर्ण
तथ्य |
|
मतदाताओं की संख्या |
7 करोड़ 56 लाख |
मतदान प्रतिशत |
56.19% |
पुरुष मतदान प्रतिशत |
में 53.27% |
महिला मतदान प्रतिशत |
59.39% |
उच्च महिला मतदान वाला जिला |
सुपौल (70.55%) |
सबसे निम्न महिला मतदान वाला जिला |
नवादा (42.61%) |
सबसे ज्यादा मतदान वाला संसदीय क्षेत्र |
कटिहार (63.76%) |
सबसे कम मतदान वाला संसदीय क्षेत्र |
नवादा (43.17%) |
नोटा को प्राप्त मत |
2.08% |
नोटा का सर्वाधिक प्रयोग |
गोपालगंज, , (42863 वोट) |
नोटा का सबसे कम प्रयोग |
पटना साहिब (5559 वोट) |
मतदान का बहिष्कार करनेवाले बुथों की संख्या |
32 |
कुल उम्मीदवारों की संख्या |
497 |
कुल महिला उम्मीदवार की संख्या |
39 |
विजेता महिला उम्मीदवार की संख्या |
5 |
अकेले स्वतंत्र दल के तौर पर सबसे ज्यादा मत प्रतिशत मिला |
राजद, 22.14% |
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार बिहार से निर्वाचित
40 सांसदों में 21 यानी 53% सांसद ऐसे हैं जिनके खिलाफ
आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा 19 सांसद, यानी 48% पर गंभीर आपराधिक
मामले दर्ज हैं।
गंभीर आपराधिक मामलों का अर्थ 5 वर्ष या इससे ज्यादा
की सजा वाले अपराध या गैर-जमानती अपराध, सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने, हमला, हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसे
अन्य मामले दर्ज होना होता है।
विशेष जानकारी- यदि केन्द्र की एनडीए सरकार की
बात की जाए तो केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल 72 में से 28 यानी 39% मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है
तथा 99% मंत्री
करोड़पति है।
केन्द्र सरकार में सबसे
ज्यादा 5 हजार 705 करोड़ की संपत्ति टीडीपी कोटे से मंत्री बने डॉ चन्द्रशेखर पेम्मासनी के पास है जबकि सबसे कम केवल 30
लाख जीतनराम मांझी के पास है।
बिहार में लोकसभा चुनाव-परिणाम |
||
भाजपा
|
12 |
|
जनता दल (यू) |
12 |
|
लोकजन शक्ति पाटी (रामविलास) |
5 |
|
राष्ट्रीय जनता दल |
4 |
|
कांग्रेस |
3 |
|
सीपीआई (एमएल) |
2 |
|
हिन्दुस्तान अवाम मोर्चा (एस) |
1 |
|
निर्दलीय
(पप्पु यादव) |
1 |
|
सबसे कम उम्र की सांसद |
शांभवी चौधरी (25 वर्ष) लोजपा, समस्तीपुर
|
|
सबसे उम्रदराज सांसद |
जीतन राम मांझी (79) |
|
सबसे अमीर सांसद |
वीणा देवी, वैशाली (46
करोड़ 71 लाख) |
|
सबसे कम संपत्ति वाले सांसद |
जीतन राम मांझी (30 लाख की संपत्ति ) |
|
40 निर्वाचित सांसदों में करोड़पति सांसदों की संख्या |
38 |
|
40 निर्वाचित सांसदों में आपराधिक मामले दर्ज वाले |
21 (इनमें 19 पर गंभीर अपराधिक मामले दर्ज ) |
|
बिहार
से झाारखंड के अलग होने के बाद यह पहला अवसर है जब
बिहार से 5 महिला सांसद बनी है। उल्लेखनीय है कि 2019 में केवल 3 महिलाएं
ही निर्वाचित हुई थी।
बिहार के नवनिर्वाचित महिला सांसद |
|
लवली आनंद, शिवहर |
जनता दल (यू) |
विजय लक्ष्मी कुशवाहा, सीवान
|
जनता दल (यू) |
वीणा देवी, वैशाली |
लोजपा (आर) |
शांभवी चौधरी, समस्तीपुर |
लोजपा (आर) |
मीसा भारती, पाटलिपुत्र
|
राष्ट्रीय जनता दल |
नए गठित मोदी मंत्रिमंडल में बिहार से कुल 8
मंत्री बने है जिनका विवरण निम्नानुसार है |
|
कैबिनेट मंत्री |
|
श्री जीतन राम मांझी |
एमएसएमई मंत्रालय |
श्री ललन सिंह (राजीव रंजन सिंह) |
पंचायती राज, मत्स्य
पालन, पशुपालन
और डेयरी मंत्रालय |
श्री गिरिराज सिंह |
कपड़ा मंत्रालय |
श्री चिराग पासवान |
खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय |
राज्यमंत्री |
|
श्री नित्यानंद राय |
गृह राज्य मंत्री |
श्री राम नाथ ठाकुर |
कृषि राज्य मंत्री |
डॉ. राज भूषण चौधरी |
जल शक्ति राज्य मंत्री |
श्री सतीश चंद्र दुबे |
कोयला और खान राज्य मंत्री |
श्री गिरिराज सिंह
और श्री नित्यानंद के अलावा सभी पहली बार मंत्री बने हैं। |
प्रश्न:
बिहार में 7 चरणों में हुए लोकसभा चुनाव 2024 में कुल कितने मतदाता थे?
A)
6
करोड़ 80 लाख
B)
7
करोड़ 56 लाख
C)
8
करोड़ 20 लाख
D)
7
करोड़ 20 लाख
उत्तर: B) 7
करोड़ 56 लाख
प्रश्न:
बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 में कुल मतदान प्रतिशत कितना था?
A)
60.5%
B)
54.9%
C)
56.19%
D)
58.2%
उत्तर: C) 56.19%
प्रश्न:
बिहार में महिला मतदाताओं का मतदान प्रतिशत कितना था?
A)
53.27%
B)
59.39%
C)
57.8%
D)
52.5%
उत्तर: B) 59.39%
प्रश्न:
बिहार में उच्चतम महिला मतदान वाला जिला कौन सा था?
A)
नवादा
B)
कटिहार
C)
सुपौल
D)
गोपालगंज
उत्तर: C) सुपौल (70.55%)
प्रश्न:
सबसे कम महिला मतदान वाले जिले का नाम बताइए।
A)
सुपौल
B)
नवादा
C)
गोपालगंज
D)
कटिहार
उत्तर: B) नवादा
(42.61%)
प्रश्न:
बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान वाला संसदीय क्षेत्र कौन सा
था?
A)
गोपालगंज
B)
सुपौल
C)
कटिहार
D)
नवादा
उत्तर: C) कटिहार
(63.76%)
प्रश्न:
बिहार में 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे कम मतदान वाला संसदीय क्षेत्र कौन सा था?
A)
सुपौल
B)
गोपालगंज
C)
नवादा
D)
कटिहार
उत्तर: C) नवादा (43.17%)
प्रश्न:
बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव में नोटा का कुल प्रतिशत कितना था?
A)
1.8%
B)
2.08%
C)
2.5%
D)
1.5%
उत्तर: B) 2.08%
प्रश्न:
बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव में नोटा का सबसे अधिक प्रयोग किस संसदीय क्षेत्र में
हुआ?
A)
कटिहार
B)
सुपौल
C)
नवादा
D)
गोपालगंज
उत्तर: D) गोपालगंज
(42863 वोट)
प्रश्न:
बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव में नोटा का सबसे कम प्रयोग किस संसदीय क्षेत्र में
हुआ?
A)
गोपालगंज
B)
कटिहार
C)
पटना
साहिब
D)
सुपौल
उत्तर: C) पटना
साहिब (5559 वोट)
प्रश्न:
बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करने वाले बुथों की कुल संख्या
कितनी थी?
A)
25
B)
30
C)
32
D)
35
उत्तर: C) 32
प्रश्न:
बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव में कुल उम्मीदवारों की संख्या कितनी थी?
A)
421
B)
497
C)
520
D)
450
उत्तर: B) 497
प्रश्न:
बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव में महिला उम्मीदवारों की कुल संख्या कितनी थी?
A)
39
B)
42
C)
45
D)
50
उत्तर: A) 39
प्रश्न:
बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव में विजेता महिला उम्मीदवारों की संख्या कितनी थी?
A)
3
B)
4
C)
5
D)
6
उत्तर: C) 5
प्रश्न:
बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव में स्वतंत्र दल के तौर पर अकेले सबसे ज्यादा मत
प्रतिशत 22.14% किस दल को मिला?
A)
भारतीय
जनता पार्टी (भाजपा)
B)
जनता
दल यूनाइटेड (जदयू)
C)
राष्ट्रीय
जनता दल (राजद)
D)
कांग्रेस
उत्तर: C) राष्ट्रीय
जनता दल (राजद) 22.14%
प्रश्न
1: बिहार में 2024 लोकसभा चुनाव में सबसे कम उम्र की सांसद कौन बनीं?
A)
रुचिका
वर्मा
B)
शांभवी
चौधरी
C)
अंजलि
यादव
D)
प्रीति
कुमारी
उत्तर: B) शांभवी
चौधरी, (25 वर्ष) लोजपा, समस्तीपुर
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बिहार
में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 274
ग्राम
बिहार
में वर्ष 2023-24 में प्रति
व्यक्ति प्रति दिन दूध की उपलब्धता 274
ग्राम पहुंच
गयी है । इस प्रकार यदि 2007-08 की तुलना करें तो
दूध की उपलब्धता 120 ग्राम बढ़ी है। हालांकि, राष्ट्रीय
औसत 459 ग्राम की तुलना में यह अब
भी कम है। पंजाब की 1283
ग्राम की
तुलना में तो यह चार गुना से भी कम है।
बिहार
में दूध का उत्पादन 2022-23 में 125
लाख टन रहा
तथा दूध उत्पादन के मामले में बिहार देशभर में 9वें स्थान
पर है। वैश्विक स्तर पर न्यूजीलैंड में प्रति
व्यक्ति 9773
ग्राम,
आयरलैंड
में 3260 ग्राम और
डेनमार्क में 2411 ग्राम दूध
उपलब्धता है।
प्रश्न:
बिहार में 2023-24 में प्रति व्यक्ति प्रति दिन दूध की उपलब्धता कितनी रही है?
A)
200
ग्राम
B)
274
ग्राम
C)
300
ग्राम
D)
459
ग्राम
उत्तर: B) 274
ग्राम
विवरण:
बिहार में वर्ष 2023-24 में प्रति व्यक्ति प्रति दिन दूध की उपलब्धता 274 ग्राम
पहुंच गई है,
जो
2007-08 की तुलना में 120 ग्राम अधिक है। हालांकि, यह
राष्ट्रीय औसत 459 ग्राम से कम है।
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बिहार
का पहला छह लेन का पुल
मोकामा
के आँटा और बेगूसराय के सिमरिया के बीच बिहार का पहला
छह लेन का पुल गंगा पर बनाया जा रहा है जो 1.86 किमी लंबा है और संभावना है
कि इसका काम दिसम्बर 2024 तक हो जाएगा। इस पुल के चालू होने के बाद उत्तर और
दक्षिण बिहार का संपर्क सुलभ हो जाएगा।
प्रश्न:
बिहार का पहला छह लेन का पुल गंगा पर कहां बनाया जा रहा है?
A)
पटना
और बेगूसराय के बीच
B)
मोकामा
के आँटा और बेगूसराय के सिमरिया के बीच
C)
पटना
और आरा के बीच
D)
मुजफ्फरपुर
और सीतामढ़ी के बीच
उत्तर: B) मोकामा
के आँटा और बेगूसराय के सिमरिया के बीच
पटना
में अब तक नालों की सफाई के लिए रोबोट
पटना
में अब तक नालों और मैनहोल की सफाई के लिए सक्कर मशीन, जेटिंग
मशीन,
उच्च
दबाव वाली क्लीनर मशीन तथा ड्राई क्लीनिंग मशीन का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन अब रोबोट से इसकी सफाई होगी।
पटना
के सैदपुर नाला का डिजाइन भी इसी प्रकार से बनाया जा रहा है कि इसकी नियमित सफाई
रोबोट की जा सके। पटना का यह पहला नाला होगा, जो रोबोट सफाई के मद्देनजर बनाया जा रहा है।
प्रश्न:
पटना में नालों और मैनहोल की सफाई के लिए अब किस तकनीक का उपयोग किया जाएगा?
A)
ड्रोन
तकनीक
B)
रोबोट
तकनीक
C)
हवाई
सर्वेक्षण
D)
स्वचालित
पंप सिस्टम
उत्तर: B) रोबोट
तकनीक
विवरण:
पटना का सैदपुर नाला विशेष रूप से रोबोट से सफाई करने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा
है। यह पटना का पहला नाला होगा, जो रोबोट सफाई के लिए तैयार किया
जाएगा।
बिहार
में ई-कचरा प्रबंधन और निपटारा
बिहार
में ई-कचरा का वैज्ञानिक विधि से प्रबंधन और निपटारा करने के लिए एक भी प्लांट
चालू नहीं होने के कारण जहां ई-कचरा पटना शहर के लिए चुनौती बनी हुई है वहीं बिहार
के ई कचरे से दूसरे प्रदेश कमाई कर रहे हैं जहां रिसाइक्लिंग के लिए ई कचरा भेजा
जाता है।
उल्लेखनीय
है कि घरों और कार्यालयों मे पुराने पड़े टेलीविजन, मोबाइल फोन, लैपटॉप, म्यूजिक
प्लेयर,
चार्जर, प्रिंटर, एडॉप्टर, मॉडेम या
दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जो अनुपयोगी हो गए है वो ई-कचरा की श्रेणी में है।
पर्यावरण,
वन
एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 7 श्रेणियों में ऐसे
106 तरह के अनुपयोगी इलेक्ट्रानिक सामान को ई-कचरा के रूप में चिह्नित किया
है।
इस प्रकार के लेख बिहार के संदर्भ में प्रारंभिक एवं
मुख्य परीक्षा दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के मासिक पीडीएफ आप हमारे Paid टेलीग्राम ग्रुप में प्राप्त कर सकते हैं जिसमें
जुड़कर आप महत्वपूर्ण पीडीएफ, अपडेट के अलावा मुख्य
परीक्षा का उत्तर लेखन अभ्यास भी कर सकते हैं। दैनिक समाचार पत्रों पर आधारित इस तरह के नोट्स से उत्तर
लेखन अभ्यास से न केवल बेहतर अंक प्राप्त किए जा सकते हैं बल्कि बिहार के
परिप्रेक्ष्य में एक समग्र तैयारी की जा सकती है और चयन सुनिश्चित किया जा
सकता है। |
बिहार
विभूतियों के गांव का पर्यटक स्थल रूप में विकास
बिहार
पर्यटन विभाग द्वारा बिहार की विभूतियों के गांवों में पर्यटन स्थल बना कर ऐसे
स्थलों को मिलाकर एक पर्यटन सर्किट बनाए जाने पर कार्य किया जा रहा है।
इस
योजना के पहले चरण में मैथिली कवि विद्यापति के गांव
बिस्फी को विकसित किया जा रहा है जो मधुबनी जिले स्थित है। इस दिशा में बिस्फी
बनाए जा रहे भवन में जहां महाकवि विद्यापति की प्रतिमा लगेगी वहीं उनका पूरा
जीवनवृत्त और उनसे जुड़ी प्रचलित कहानियों को स्थान देते हुए उनकी कृतियों को
संरक्षित करने का कार्य किया जाएगा। बिस्फी के बाद मंडन
मिश्र और उनकी पत्नी भारती के सहरसा जिले के गांव महिषी को विकसित किया
जाना है।
उल्लेखनीय
है कि बिहार में पहले से भी इस तरह का कार्य किया जा रहा है। जैसे प्रथम
राष्ट्रपति और संविधान सभा के अध्यक्ष रहे डॉ. राजेंद्र
प्रसाद के गांव जीरादेई का तो संपूर्ण क्रांति के जनक जयप्रकाश नारायण के गांव
सिताब दियारा को विकसित किया जा चुका है। इसके अलावा प्रथम मुख्यमंत्री
श्रीकृष्ण सिंह,
बिहार
विभूति अनुग्रह नारायण सिंह सहित कई स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रकवि
रामधारी सिंह दिनकर के अलावा अन्य इतिहासकार, साहित्यकार
आदि महान हस्तियों के गांवों को पर्यटन सर्किट से जोड़ा जाएगा।
बिहार
सरकार द्वारा जन्मस्थली विकसित करने के साथ इन विभूतियों के गांवों तक आने-जाने का
मार्ग भी सुगम बनाने तथा मूलभूत सुविधाएं विकसित करने का कार्य भी किया जाएगा ताकि
पर्यटकों की पहुंच आसानी से हो।
प्रश्न:
बिहार पर्यटन विभाग द्वारा किस कवि के गांव को पहले चरण में पर्यटन स्थल के रूप
में विकसित किया जा रहा है?
A)
काजी
नजरूल इस्लाम
B)
विद्यापति
C)
महात्मा
गांधी
D)
रामधारी
सिंह दिनकर
उत्तर: B) विद्यापति
विवरण: बिहार पर्यटन विभाग के द्वारा बिहार की विभूतियों के गांवों
को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना के पहले चरण में मैथिली कवि
विद्यापति के गांव बिस्फी को विकसित किया जा रहा है, जो
मधुबनी जिले में स्थित है।
बिहार
में प्री वेडिंग शूटिंग का क्रेज
बिहार
में प्री वेडिंग फोटो शूट का क्रेज बढ़ता जा रहा है जिसको देखते हुए पर्यटन विभाग शादी समारोह स्थल (वेडिंग डेस्टिनेशन) की
योजना बना रहा है।
बिहार
में जहां पटना,
बोधगया, राजगीर, वैशाली, सासाराम, वाल्मीकि
नगर आदि जगहों पर जोड़े प्री वेडिंग फोटो शूट के लिए जाते हैं वहीं कई राज्य के बाहर
जैसे राजस्थान,
उत्तराखंड, महाराष्ट्र
आदि राज्यों में शादियों का आयोजन करते हैं।
अत:
पर्यटन विभाग बिहार की योजना है कि बिहार में पटना, नालंदा, राजगीर, बोधगया जैसे
प्रसिद्ध स्थानों पर ऐसी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाए। इसी क्रम में विभाग द्वारा बिहार
के उन ऐतिहासक किले व स्मारक को चिन्हित करने का
कार्य भी किया जा रहा है जहां लोग प्री वेडिंग फोटोशूट करवा सकेंगे।
पर्यटन
विभाग की योजना है कि इनको बिहार में ही ऐसी सुविधा देने के साथ साथ दूसरे राज्यों
के लोगों को भी बिहार आकर्षिक किया जाए जिसके लिए प्राकृतिक सौंदर्य और थीम के
हिसाब से पर्यटन स्थलों की पहचान की जा रही है।
उल्लेखनीय
है कि बिहार में वर्ष 2023 में 8.21 करोड़ घरेलू एवं
विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं इस कारण बिहार में पर्यटन क्षेत्र निवेश के लिए
बेहतर क्षेत्र है । पर्यटन में निवेश के लिए बिहार सरकार द्वारा दिल्ली, कोलकात्ता
आदि में रोड शो कर निवेशको को आमंत्रित किया।
प्रश्न:
बिहार में वर्ष 2023 में कितने घरेलू एवं विदेशी पर्यटक पहुंचे हैं?
A)
6.50
करोड़
B)
7.10
करोड़
C)
8.21
करोड़
D)
9.30
करोड़
उत्तर: C) 8.21
करोड़
विवरण: बिहार में वर्ष 2023 में 8.21 करोड़ घरेलू एवं विदेशी
पर्यटक पहुंचे, जिससे यह साबित होता है कि बिहार का पर्यटन क्षेत्र निवेश के लिए
एक बेहतर क्षेत्र बन चुका है।
कटिहार
की बेटी आशना कुमारी बनी इसरो वैज्ञानिक
भारत
सरकार के अंतरिक्ष विभाग, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन
(इसरो) की वैज्ञानिक अभियंता, एससी (इलेक्ट्रॉनिक्स) की परीक्षा
में कटिहार के कदवा प्रखंड की बेटी आशना कुमारी बंका
ने छठी रैंक हासिल कर बिहार को गौरवान्वित किया।
उल्लेखनीय
है कि इस परीक्षा में पूरे देश से सात से आठ लाख अभ्यर्थी परीक्षा देते हैं जिसमे
सिर्फ आठ छात्र-छत्राओं का ही चयन किया जाता है। इस परीक्षा को पूरे देश में सिर्फ दो छात्रा ने ही सफलता हासिल की
है जिसमें आशना कुमारी बंका भी शामिल है।
प्रश्न:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वैज्ञानिक अभियंता, एससी
(इलेक्ट्रॉनिक्स) परीक्षा में बिहार की किस बेटी ने छठी रैंक हासिल कर बिहार को
गौरवान्वित किया है?
A)
आशना
कुमारी बंका
B)
आराध्या
सिंह
C)
रिंकी
कुमारी
D)
अंजली
कुमारी
उत्तर: A) आशना
कुमारी बंका
विवरण:
कटिहार के कदवा प्रखंड की बेटी आशना कुमारी बंका ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान
संगठन (इसरो) की वैज्ञानिक अभियंता, एससी (इलेक्ट्रॉनिक्स) परीक्षा में
छठी रैंक हासिल कर बिहार को गौरवान्वित किया है।
मरीजों
का डिजिटल रिकॉर्ड- बिहार छठे स्थान पर
केंद्रीय
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार मरीजों का
डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करने में बिहार देश में छठे स्थान पर है। बिहार में जिलों को देखा जाए तो मरीजों का
डिजीटल रिकॉर्ड तैयार करने में पटना पहले स्थान पर
जबकि शेखपुरा अंतिम पायदान पर है।
आंकड़ों
के अनुसार बिहार में 25 जून 2024 तक सरकारी अस्पतालों में आने वाले 14.60 लाख
मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया गया। इस सूची में प्रथम
स्थान उत्तर प्रदेश का है जहां 99.20 लाख मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार
किया गया।
प्रश्न:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार
करने में बिहार देश में किस स्थान पर है?
A)
तीसरे
B)
चौथे
C)
पांचवे
D)
छठे
उत्तर:
D)
छठे
विवरण:
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार बिहार मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड
तैयार करने में देश में छठे स्थान पर है। बिहार के पटना जिले ने इस मामले में पहले
स्थान पर स्थान प्राप्त किया, जबकि शेखपुरा अंतिम पायदान पर है।
बिहार
राज्य मेला प्राधिकार
बिहार
में प्रत्येक वर्ष स्थानीय संस्कृति एवं लोक महत्व से जुड़े 48 से अधिक मेले
लगते हैं जिसमें से केवल 14 को ही वर्तमान में राजकीय
मेले का दर्जा प्राप्त है। बिहार के करीब दो दर्जन मेले ऐसे हैं, जिनका
आयोजन स्थानीय लोगों या कमेटी द्वारा होता है।
उल्लेखनीय
है कि बिहार राज्य मेला प्राधिकार में किसी मेले के शामिल होने से इनके देखरेख
एवं आयोजन की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है जिससे इनका समुचित तरीके से
आयोजन और बेहतर प्रबंधन होता है।
इसी
को समझते हुए बिहार में ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व
वाले सभी मेलों को राज्य स्तरीय पहचान देने के प्रयास आरंभ हो गए है जिसके
तहत इन मेलों को बिहार राज्य मेला प्राधिकार में शामिल किया जाएगा ताकि इनका आयोजन
समुचित तरीके से निर्धारित समय पर हो सके।
बिहार का पहला एक्सप्रेसवे
बिहार का पहला एक्सप्रेसवे काशी
(वाराणसी) कोलकाता एक्सप्रेस-वे को बिहार के
के 61 वें एनएच के रूप में अधिसूचित गया है। यह एक्सप्रेस
वे बिहार को उत्तरप्रदेश, झारखंड व बंगाल से जोड़ेगा ।वर्तमान
में वन विभाग की मंजूरी नहीं मिलने के कारण इस सड़क
का निर्माण अधर में लटक गया है।
उत्तरप्रदेश
के वाराणसी से NH19
से यह सड़क शुरू होकर बिहार में प्रवेश करेगी
जो पश्चिम बंगाल में बगनान के निकट NH16 पर जाकर यह सड़क
समाप्त होगी।
इस
सड़क की कुल लंबाई लगभग 672 किलोमीटर है। इसमें यूपी में
22.8 किमी, बिहार
में 161.60 किमी, झारखंड में
202.60 किमी तो
प. बंगाल में 285 किलोमीटर
है। इसके निर्माण में कैमूर और सासाराम
के बीच सुरक्षित इलाके (वन्यजीव अभ्यारण्य) में टनल का निर्माण किया जाना है।
प्रश्न:
बिहार का पहला एक्सप्रेसवे काशी (वाराणसी) कोलकाता एक्सप्रेस-वे को बिहार के किस
राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के रूप में अधिसूचित किया गया है?
A)
60
B)
61
C)
62
D)
63
उत्तर: B) 61
विवरण:
बिहार का पहला एक्सप्रेसवे काशी (वाराणसी) कोलकाता एक्सप्रेस-वे को बिहार के 61
वें एनएच के रूप में अधिसूचित किया गया है। यह एक्सप्रेस वे बिहार को उत्तरप्रदेश, झारखंड व
बंगाल से जोड़ेगा।
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IIT पटना और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सिडनी MoU
दो
प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच शिक्षण और अनुसंधान में अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने
की दिशा में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) पटना और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
सिडनी
के बीच जून 2024 में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर
हुआ।
इसका
उद्देश्य अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस,
5जी
और 6जी संचार,
सेमीकंडक्टर
डिवाइस आदि क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
प्रश्न:
जून 2024 में किस दो प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच शिक्षण और अनुसंधान में अकादमिक
सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर
हस्ताक्षर हुआ?
A)
IIT पटना
और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सिडनी
B)
IIT पटना
और आईआईटी दिल्ली
C)
IIT मद्रास
और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सिडनी
D)
IIT कानपुर
और आईआईटी बॉम्बे
उत्तर: A) IIT पटना
और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सिडनी
विवरण: जून 2024 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) पटना और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सिडनी
के बीच शिक्षण और अनुसंधान में अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता
ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुआ।
बिहार में रोजगार मांगने वालों में 42% महिलाएं
नेशनल
कॅरियर सर्विस पोर्टल पर हुए निबंधन आंकड़ों के अनुसार इस पोर्टल
पर अब तक बिहार से 17
लाख 68 हजार से अधिक बेरोजगारों ने निबंधन कराए हैं। निबंधन
कराए गए लोगों में 42% महिलाएं
हैं।
रोजगार
मांगनेवाले बिहार में निरक्षर से लेकर पीएचडी डिग्रीधारी भी शामिल है। सबसे ज्यादा
12वीं पास बेरोजगारों ने रोजगार के लिए पोर्टल
पर निबंधन कराया है।
संपूर्ण देश की बात की जाए तो 2 करोड़ 20 लाख 92 हजार बेरोजगारों
ने रोजगार मांगे हैं जिनमें 1 करोड़ 45 हजार से अधिक यानी
45 फीसदी
महिलाएं हैं।
प्रश्न:
नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल पर बिहार से अब तक कितने बेरोजगारों ने निबंधन कराया
है?
A)
15
लाख 50 हजार
B)
16
लाख 40 हजार
C)
17
लाख 68 हजार
D)
18
लाख 10 हजार
उत्तर: C) 17
लाख 68 हजार
विवरण:
नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल पर बिहार से अब तक 17 लाख 68 हजार से अधिक बेरोजगारों
ने निबंधन कराया है। इनमें 42% महिलाएं हैं।
डैम-बैराज, नहरों की निगरानी हेतु स्काडा सिस्टम
बिहार
सरकार का जल संसाधन विभाग राज्य में डैम-बराज
एवं नहर प्रणालियों के प्रभावी संचालन एवं बेहतर निगरानी के लिए वैज्ञानिक तकनीक
के इस्तेमाल की योजना पर विचार कर रही है जिसके लिए विभाग ने डैम, वराज-वीयर
व नहर प्रणालियों में स्काडा सिस्टम लगाने की योजना बनायी है। इस योजना के लिए विश्व बैंक बिहार की मदद करेगा।
कुशल
सिंचाई प्रबंधन के लिए विभाग ने महत्वाकांक्षी योजना बिहार एकीकृत जल संसाधन
प्रबंधन परियोजना तैयार की है। इसमें प्राकृतिक आपदाओं-बाढ़ व सुखाड़ की
परिस्थितियों से निपटने के लिए प्रभावी बाढ़ जोखिम प्रबंधन को भी शामिल किया गया
है। इस परियोजना से राज्य के सभी क्षेत्र लाभान्वित होंगे।
उल्लेखनीय
है कि वर्तमान में पानी की मॉनिटरिंग हेतु कोई पुख्ता प्रबंध नहीं है जिससे किसानों को आवश्यकतानुसार पानी नहीं मिल पाता है।
कई इलाकों में तो पानी की पर्याप्त उपलब्धता के बाद भी किसानों को पानी नहीं मिलता
। स्काडा सिस्टम के बाद इसकी मानिटरिंग बेहतर तरीके से होगी।
स्काडा
कम्प्यूटर आधारित आधुनिक प्रणाली है।यह विकेन्द्रीकृत सुविधाओं की निगरानी साथ साथ
आवश्यक निर्देश को आगे के लिए निर्देशित भी किया जा सकता है। यह सिस्टम बिजली, तेल
व गैस पाइपलाइन, जल वितरण, अपशिष्ट
जल संग्रह, ट्रैफिक लाइट जैसी प्रणालियों को एक साथ जोड़ने में सक्षम है। बिहार
में बिजली के क्षेत्र में यह काफी प्रभावी रहा है। अब जल
प्रबंधन में इसका पहली बार उपयोग होगा।
प्रश्न:
बिहार सरकार का जल संसाधन विभाग राज्य में डैम-बराज एवं नहर प्रणालियों के प्रभावी
संचालन और निगरानी के लिए किस वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना पर विचार
कर रहा है?
A)
टेडोपा
सिस्टम
B)
स्काडा
सिस्टम
C)
पोल
सिस्टम
D)
बैंड
सिस्टम
उत्तर: B) स्काडा
सिस्टम
विवरण: बिहार सरकार का जल संसाधन विभाग राज्य में डैम-बराज और नहर
प्रणालियों के प्रभावी संचालन और बेहतर निगरानी के लिए स्काडा सिस्टम लगाने की
योजना बना रहा है। इस योजना के लिए विश्व बैंक बिहार की मदद करेगा।
नालंदा विश्वविद्यालय-विश्व
का सबसे बड़ा नेट जीरो कैंपस
राजगीर
की वैभारगिरि की तलहटी में बना अंतरराष्ट्रीय
नालंदा विश्वविद्यालय का कैंपस विश्व का सबसे बड़ा
नेट जीरो कैंपस है। 'पंचामृत' सूत्र के
आधार बने इस कैम्पस की नींव 19 सितम्बर 2014 को
तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा रखी गयी एवं इसका उद्घाटन
वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जून 2024 में किया गया। इस उद्घाटन
कार्यक्रम का नाम राजगीर परिदर्शन दिया गया
है।
महत्वपूर्ण तथ्य
· 8.3
किलोमीटर लंबी दीवार से घिरे तथा 455 एकड़ में बने इस
परिसर का निर्माण पर्यावरण-अनुकूल, हरित, कार्बन
तटस्थ तथा अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कराया गया है।
· नेट जीरो
का तात्पर्य यह है कि जो भी कार्बन उत्सर्जन होता है, उसे उतनी
ही मात्रा में वायुमंडल से बाहर निकालकर संतुलित किया जाता है। वर्ष 2019 में इंग्लैंड की सरकार नेट जीरो उत्सर्जन का कानून
पारित कर ऐसा करनेवाली पहली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी।
· इस कैंपस
में जहां बागवानी के लिए हजारों पौधे लगे हैं। वहीं 100 एकड़ के जल निकाय बनाने के
लिए दो दर्जन से अधिक बड़े- छोटे तालाब बनाए गए हैं।
· यह भारत
में अपनी तरह का पहला परिसर है, जिसमें नेट
जीरो ऊर्जा,
पानी, उत्सर्जन
और अपशिष्ट शामिल हैं। सौर ऊर्जा न केवल परिसर की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि उससे
भी अधिक बिजली बनाती है।
· यह भारत
में ऐसा पहला कैंपस है जहां आहर-पाइन नेटवर्क की स्वदेशी
जल प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से वर्षाजल का संचयन कर उसी जल का उपयोग यहां
के कैम्पस में सालोंभर होता है।
· नालंदा विश्वविद्यालय
के सभी प्रशासनिक भवन वातानुकूलित हैं तथा इन भवनों में एसी
चलाने के लिए भाप ऊर्जा का उपयोग किया जा रहा है।
· परिसर में 3 लाख पुस्तकों की क्षमता वाला विशालकाय 9 मंजिला
पुस्तकालय का निर्माण हो रहा।
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BPSC Pre के
बाद Mains writing batch आरंभ।
प्रश्न:
राजगीर की वैभारगिरि की तलहटी में स्थित अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के
कैंपस को किस आधार पर बनाया गया है?
A)
त्रिदिशा सूत्र
B)
पंचामृत
सूत्र
C)
परिदक्षिणा
सूत्र
D)
पांरपरिक
सूत्र
उत्तर: B) पंचामृत
सूत्र
विवरण: अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय का कैंपस 'पंचामृत' सूत्र
के आधार पर बनाया गया है। यह विश्व का सबसे बड़ा नेट जीरो कैंपस है।
प्रश्न:
नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन कार्यक्रम का नाम क्या था?
A)
"नालंदा
उत्सव"
B)
"राजगीर
परिदर्शन"
C)
"नालंदा
समागम"
D)
"नालंदा
उद्घाटन"
उत्तर: B) "राजगीर
परिदर्शन"
विवरण: नालंदा विश्वविद्यालय का उद्घाटन जून 2024 में प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। इस उद्घाटन कार्यक्रम का नाम "राजगीर
परिदर्शन" रखा गया।
बिहार
का आरक्षण कानून रद्द
पटना
उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के आरक्षण सीमा को 15% बढ़ाए जाने के फैसले को निरस्त
कर दिया। न्यायालय का मानना है कि आरक्षण को 50% से बढ़ाकर 65% करना संवैधानिक
प्रावधानों के विरुद्ध है। उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार ने सरकारी नौकरियों और
शिक्षण संस्थानों में एससी/एसटी, ओबीसी और ईबीसी को 50% के स्थान
पर 65% आरक्षण
देने का निर्णय लिया था जिसको पटना उच्च न्यायालय
में चुनौती
दी गई थी। न्यायालय ने सरकार के इस निर्णय को रद्द कर दिया।
1. न्यायालय
ने कहा कि बिहार में सरकारी नौकरी में पिछड़े वर्ग को पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। सरकारी
कर्मचारियों में पिछड़े वर्ग कुल कर्मचारियों का
68.52%है।
2. पटना उच्च न्यायालय ने कहा कि वर्तमान आरक्षण दायरे को 50%
से बढ़ाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी
बनाम भारत संघ में अहम फैसले दिए हैं तथा इसको
50% से बढ़ाने के लिए कई मुद्दों को ध्यान में रखने की जरूरत है जिस पर बिहार
सरकार ने कोई गहन अध्ययन या विश्लेषण नहीं कराया।
3. बिना किसी गहन
अध्ययन या विश्लेषण के आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक बढ़ाना संविधान के
समानता के मूलभूत सिद्धांतों की दृष्टि से गलत है।
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बिहार सरकार का
पक्ष न्यायालय ने बिहार पदों और सेवाओं में
रिक्तियों का आरक्षण (अनुसूचित जाति,
अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों
के लिए) संशोधन अधिनियम, 2023 और बिहार आरक्षण (शैक्षणिक
संस्थानों में प्रवेश में) संशोधन अधिनियम, 2023
को संविधान के विरुद्ध और अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत समानता का उल्लंघन मानते हुए निरस्त कर दिया। न्यायालय के
फैसले को बिहार सरकार सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती देगी। बिहार सरकार का कहना
है कि · बिहार सरकार ने जातीय गणना कराने के बाद
आरक्षण की सीमा को 50% से बढ़ाकर 65% किया था। · भारत के कुछ राज्यों जैसे तमिलनाडु में 69% आरक्षण का
प्रावधान है। बिहार सरकार द्वारा आरक्षण कोटे में की गई बढ़ोतरी संविधानसम्मत और
न्यायोचित है। बिहार में सभी समुदायों और वर्गों को संविधान के दायरे में आरक्षण
का लाभ दिया गया है। · राज्य सरकार ने न्यायालय में तर्क दिया
था कि जाति सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि एससी और एसटी सहित पिछड़े
वर्गों को और अधिक आरक्षण की जरूरत है। इन वर्गों के उत्थान के लिए कदम उठाना
सरकार का दायित्व है। |
न्यायालय
ने कहा कि बिहार में कुल जनसंख्या का केवल 1.57% आबादी ही सरकारी नौकरी में है।
प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारियों के अनुपात को देखा जाए तो उनकी कुल जनसंख्या की
तुलना में निश्चित रूप से मुक्त श्रेणी को 3.19% बढ़त है।
कुल
सरकारी कर्मचारियों की संख्या पर गणना किए जाने पर पिछड़े वर्गों का पर्याप्त
प्रतिनिधित्व है। कुल 20,49,370 सरकारी कर्मचारियों में अन्य
पिछड़ा वर्ग की संख्या 6,21,481 है जिससे उनका प्रतिनिधित्व 30.32% है। अत्यंत पिछड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व 22.53%, अनुसूचित जाति का 14.19% और अनुसूचित जनजाति का 1.47% है।
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बिहार में सरकारी कर्मचारी/नौकरी का
प्रतिशत |
|
कुल जनसंख्या में सरकारी नौकरी वाले |
1.57% |
पिछड़ा वर्ग का प्रतिशत |
68.52% |
अन्य पिछड़ा वर्ग का प्रतिशत |
30.32% |
अत्यंत पिछड़ा वर्ग |
22.53% |
अनुसूचित जाति |
14.19% |
अनारक्षित वर्ग |
31.48% |
न्यायालय
ने कहा कि कुल 20,49,370 सरकारी
कर्मचारियों में पिछड़े वर्ग के 14,04,374 लोग सरकारी पदों पर नियुक्त हैं जो कुल कर्मचारियों का 68.52% है। अनारक्षित वर्ग
सरकारी नौकरी में कुल पदों का 31.48% है। न्यायालय
ने कहा कि सरकारी नौकरी में पिछड़े समुदायों का प्रतिशत केवल आरक्षण के आधार पर
नहीं है।
प्रश्न:
हाल ही में पटना उच्च न्यायालय ने किस संशोधन अधिनियम को संविधान के विरुद्ध
मानते हुए निरस्त कर दिया?
A) बिहार पदों
और सेवाओं में रिक्तियों का आरक्षण संशोधन अधिनियम, 2023
B) बिहार
आरक्षण (शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश) संशोधन अधिनियम, 2023
C) दोनों A और B
D) बिहार
आरक्षण (स्वास्थ्य सेवाओं में) संशोधन अधिनियम, 2023
उत्तर:
C) दोनों A और
B
विवरण: न्यायालय ने बिहार पदों और सेवाओं में रिक्तियों का आरक्षण
(अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए) संशोधन अधिनियम, 2023 और बिहार आरक्षण (शैक्षणिक संस्थानों में
प्रवेश में) संशोधन अधिनियम, 2023 को
संविधान के विरुद्ध और अनुच्छेद 14, 15 और 16 के तहत समानता का उल्लंघन मानते हुए
निरस्त कर दिया।
प्रश्न:
बिहार में सरकारी नौकरी में कितने प्रतिशत लोग नियुक्त हैं?
A) 1.57%
B) 2.19%
C) 3.19%
D) 5.10%
उत्तर:
A) 1.57%
विवरण:
बिहार में कुल जनसंख्या का केवल 1.57% आबादी ही सरकारी नौकरी में है।
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मंगल
क्रेटरों में एक का नाम 'हिलसा'
हाल
ही में अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने मंगल पर खोजे गए 3 नए क्रेटर के नामकरण को
मान्यता दी जो उनकी खोज में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाने से वैज्ञानिकों
से संबंधित है।
क्रेटर नाम |
सुझावकर्ता वैज्ञानिक |
हिलसा |
बिहार शरीफ के हिलसा के रेढ़ी गांव निवासी डॉ. राजीव रंजन भारती के सुझाव पर जो इसरो के अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में वरीय वैज्ञानिक है। |
मुरसान |
उत्तर प्रदेश के मुरसान में जन्मे डॉ. अनिल भारद्वाज के
सुझाव पर जो अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में निदेशक है। |
लाल |
सबसे बड़ा क्रेटर जिसका नामकरण भारतीय भौतिक विज्ञानी प्रोफेसर देवेंद्र लाल के नाम पर किया गया है जिन्होंने 1972-1983 तक भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला का नेतृत्व किया। |
उल्लेखनीय
है कि 69 किमी व्यास वाले सबसे बड़ा क्रेटर का नाम लाल रखा गया
है और उसके दोनों ओर दो छोटे-छोटे सुपरइम्पोज्ड
क्रेटर (अत्यधिक सटे हुए ज्वालामुखी गड्ढे) को मुरसान (गोलाई 10 किमी) और हिलसा (गोलाई 10 किमी) कहा
गया। ये मंगल ग्रह के थारिस ज्वालामुखी क्षेत्र
में स्थित हैं।
यह
पहली बार नहीं है जब ऐसा हुआ है। इसरो के वैज्ञानिकों ने पूर्व में भी मंगल ग्रह
पर कुछ क्रेटरों के नाम रखने में सफलता प्राप्त की। भारत ने 2013 में मंगल ग्रह पर पहला सफल मिशन मंगलयान
लॉन्च किया था। उस समय दिखे 11.3 किलोमीटर व्यास
वाले क्रेटर का नाम महाराष्ट्र के एक पूर्व शहर के नाम पर लोनार क्रेटर रखा गया। महाराष्ट्र के शहर के नाम के नाम
पर रखा गया पूना क्रेटर का व्यास 20 किमी है। लखनऊ
के पास स्थिति काकोरी शहर के नाम पर काकोरी क्रेटर तो
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के पहले निदेशक के नाम पर एक क्रेटर का नाम रामनाथन क्रेटर रखा गया।
खोज
का महत्व- लाल क्रेटर वाला पूरा क्षेत्र लावा से भरा है तथा नासा के मार्स रेकोनेंसेंस ओर्बिटल पर लगे 'शरद' यंत्र से पता चला
कि क्रेटर की सतह के नीचे 45 मीटर मोटी तलछट (गाद) जमा है। इससे
यह पता चलता है कि मंगल की सतह पर कभी पानी
मौजूद था।
प्रश्न:
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ ने मंगल पर खोजे गए 3 नए क्रेटर के नामकरण को
मान्यता दी। इनमें से एक क्रेटर का नाम "हिलसा" किसके सुझाव पर रखा गया?
A)
डॉ.
अजय कुमार सिंह
B)
डॉ.
राजीव रंजन भारती
C)
डॉ.
सुधीर कुमार
D)
डॉ.
दीपक कुमार
उत्तर: B) डॉ.
राजीव रंजन भारती
विवरण: यह नाम बिहार शरीफ के हिलसा के रेढ़ी गांव निवासी डॉ. राजीव
रंजन भारती के सुझाव पर रखा गया, जो
इसरो के अहमदाबाद स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला में वरीय वैज्ञानिक हैं।
खाद्य
प्रसंस्करण क्षेत्र में सर्वाधिक निवेश
जून 2024 में हुए बिहार में हुए राज्य निवेश
प्रोत्साहन पर्षद की बैठक में बिहार में 88 नई
औद्योगिक इकाइयां के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इनमें सबसे ज्यादा खाद्य प्रसंस्करण के 30
और चावल मिल के 12 प्रस्ताव आए हैं।
इस प्रकार बिहार खाद्य प्रसंस्करण निवेश के लिए पसंदीदा
क्षेत्र बना हुआ है।
दूसरे स्थान पर विनिर्माण क्षेत्र के 18 प्रस्ताव
आए। इसके अलावा प्लास्टिक और रबर के 9, चमड़ा एवं
वस्त्रत्त् उद्योग के 5, रिन्युअवल इनर्जी के 4 और आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर
के 3 प्रस्ताव शामिल हैं।
सबसे
ज्यादा इकाई लगाने के प्रस्ताव पटना से 23 और
मुजफ्फरपुर 16 और वैशाली में 9 हैं। इसके अलावा समस्तीपुर, भोजपुर, नालंदा
औरंगाबाद,
गया, बेगूसराय, कैमूर, सीवान, मुंगेर आदि
जिलों के प्रस्ताव है।
इन
इकाइयों से बिहार में न केवल निवेश एवं आर्थिक विकास को गति मिलेगी बल्कि 6000 से ज्यादा कामगारों को रोजगार मिलने की उम्मीद
है।
उल्लेखनीय
है कि कपड़ा उद्योग में सबसे ज्यादा रोजगार सृजन हो रहा है। उद्योग विभाग के
आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 में खाद्य
प्रसंस्करण की 134 इकाइयों
के लगने से 5505,
कपड़ा उद्योग की 44
इकाइयों से 8004, चमड़ा उद्योग की 14 इकाइयों
में 1356,
आईटी-इलेक्ट्रॉनिक
की 11 इकाइयों
में 412 लोगों को
रोजगार मिला है।
प्रश्न:
जून 2024 में बिहार में हुई राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की बैठक में बिहार में
कितनी नई औद्योगिक इकाइयों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, और इनमें
से सबसे ज्यादा प्रस्ताव किस क्षेत्र से थे?
A)
70
नई इकाइयाँ,
सबसे
ज्यादा प्रस्ताव कृषि क्षेत्र के थे
B)
88
नई इकाइयाँ,
सबसे
ज्यादा प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण के थे
C)
100
नई इकाइयाँ,
सबसे
ज्यादा प्रस्ताव चावल मिल के थे
D)
75
नई इकाइयाँ,
सबसे
ज्यादा प्रस्ताव आईटी क्षेत्र के थे
उत्तर: B) 88
नई इकाइयाँ, सबसे ज्यादा प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के थे
विवरण: जून 2024 में बिहार की राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की
बैठक में 88 नई औद्योगिक इकाइयों के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, जिनमें सबसे ज्यादा प्रस्ताव खाद्य प्रसंस्करण (30 प्रस्ताव)
क्षेत्र से थे।
बिहार के आय के स्रोत एवं मदद वाले क्षेत्र
जून
2024 में 16वें वित्त आयोग द्वारा राजगीर, बिहार में पूर्वी क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। डॉ. अरविंद
पनगढ़िया की अध्यक्षता में हुए इस बैठक में बिहार समेत पांच राज्यों की आय के
स्रोत के साथ इन राज्यों को विकसित राज्यों के समकक्ष खड़ा करने हेतु सहयोग के
क्षेत्रों तथा सुझावों पर चर्चा किया गया।
बैठक
में बिहार का पिछड़ापन दूर करने के लिए निम्न बिन्दुओं पर चर्चा की गयी-
· बिहार का
पिछड़ापन दूर करने के लिए 16वें वित्त आयोग को विशेष प्रावधान करना चाहिए।
· बिहार के ऐतिहासिक और भौगोलिक कारकों को ध्यान में रखते हुए पिछड़ापन
दूर करने के लिये विशेष प्रावधान की व्यवस्था की जाए।
· बिहार के
विकास के लिए विशेष आर्थिक सहायता दी जानी
चाहिए ।
· गरीबी दूर
करने के लिये बड़े स्तर पर पब्लिक सेक्टर में निवेश की
आवश्यकता।
· बिहार को
मिलने वाली ग्रांट इन एड में कमी आयी है। वन
क्षेत्र और 2011 के जनगणना के आधार पर प्रावधान करना कतई उचित नहीं है। चूंकि जातीय
गणना के अनुसार बिहार की आबादी बढ़कर 13 करोड़ हो गयी है अत: इस आधार पर ही बिहार
के लिए फंडिंग होनी चाहिये।
· कर से
प्राप्त सेस और सरचार्ज से मिलने वाली राशि केंद्र सरकार के खाते में जाती है। सेस और सरचार्ज से
मिलनेवाली राशि को बिहार समेत दूसरे राज्यों को हिस्सेदारी देने का सुझाव
दिया गया।
· बिहार को अवसंरचना एवं परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए विशेष
मदद मिलनी चाहिए।
· जलवायु
परिवर्तन के कारण बिहार को नई आपदा जैसे लू एवं सूखा का सामना करना पड़ रहा है। अत:
नई आपदा से निपटने के लिये बिहार हेतु विशेष प्रावधान
किया जाना चाहिए।
· आपदा
निवारण और आपदा जागरूकता के लिये किये जा रहे प्रयासों के लिये राशि का प्रावधान
वित्त आयोग द्वारा किया जाए।
· राज्य को
मानव जनित आपदा जैसे नाव और सड़क दुर्घटना, आगजनी आदि
के लिये एसडीआरएफ में आवंटित राशि में केवल 10% राशि खर्च करने का कैप वित्त आयोग ने
लगाया है जिसे बढ़ाने पर वित्त आयोग को विचार करना चाहिए।
हर
खेत सिंचाई का पानी योजना
बिहार
सरकार द्वारा हर खेत सिंचाई का पानी योजना को वर्ष
2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है जिसके लिए सरकार द्वारा नए सिरे से
कार्ययोजना बनायी गयी है। इसके लिए जल संसाधन विभाग, लघु जल
संसाधन,
ग्रामीण
विकास,
कृषि
और उर्जा विभाग अपने-अपने स्तर से काम कर रहे हैं।
इस
योजना के तहत पूरे राज्य को तीन जोन ए, बी और सी में बांटकर हर खेत सिंचाई का पानी पहुंचाया
जाएगा। जोन ए में जहां उत्तर बिहार के जिलों को शामिल किया गया है वहीं जोन बी में
कैमूर,
रोहतास, बक्सर, आरा, पटना, नालंदा, भागलपुर व
बेगूसराय जिले को रखा गया है। शेष बचे जिले को जोन सी में रखा गया है।
प्रश्न:
बिहार सरकार द्वारा "हर खेत सिंचाई का पानी" योजना को किस वर्ष तक पूरा
करने का लक्ष्य रखा गया है?
A)
2024
B)
2025
C)
2026
D)
2027
उत्तर: B) 2025
बिहार
की दो हस्तियों को साहित्य अकादमी पुरस्कार
बिहार
की दो साहित्यिक हस्तियों मधुबनी जिले के
घोघरडीहा निवासी डॉ. नारायण और
मधुबनी जिले के ही ननौर गांव निवासी रिंकी झा ऋषिका
का चयन साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए हुआ है।
डॉ.
नारायण जी को बाल कथा संग्रह अनार के लिए
साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जाएगा। इनका पहला कविता-संग्रह हम घर घुरि रहल छी
था। इनके दो कहानी- संग्रह चित्र और सांझबाती प्रकाशित हैं।
रिंकी
झा ऋषिका मूलत कवयित्री हैं और इनकी कविताओं में स्त्रियों के मुद्दे झलकते हैं। इनके
कविता-संग्रह नदी घाटी सभ्यता के लिए इनको साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार दिया जाएगा। इसके
अलावा इनका कठिन समयक कविता संग्रह भी प्रकाशित है।
प्रश्न:
बिहार की कौन सी दो साहित्यिक हस्तियों का चयन साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए हुआ
है?
A)
डॉ.
नारायण और रिंकी झा ऋषिका
B)
वंदना
प्रेयशी और रिंकी झा
C)
सुमिता
सिंह और डॉ. मोहन कुमार
D)
पंकज
कुमार और ममता सिंह
उत्तर: A) डॉ.
नारायण और रिंकी झा ऋषिका
विवरण: बिहार की दो साहित्यिक हस्तियों, डॉ.
नारायण और रिंकी झा ऋषिका का चयन साहित्य अकादमी पुरस्कार के लिए किया गया है।
प्रश्न:
बिहार के मधुबनी जिले के घोघरडीहा निवासी डॉ. नारायण जी को किस काव्य संग्रह के
लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जाएगा?
A)
हम
घर घुरि रहल छी
B)
अनार
C)
चित्र
D)
सांझबाती
उत्तर: B) अनार
प्रश्न:
मधुबनी जिले के ही ननौर गांव निवासी रिंकी झा ऋषिका को किस कविता संग्रह के लिए
साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार दिया जाएगा?
A)
कठिन
समयक
B)
नदी
घाटी सभ्यता
C)
स्त्री
मुद्दे
D)
कविता
आलोक
उत्तर: B) नदी
घाटी सभ्यता
जमुई
में विश्वस्तरीय पक्षी संग्रहालय
बिहार
के जमुई के झाझा प्रखंड स्थित नागी पक्षी आश्रयणी के
समीप वन,
पर्यावरण
एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से विश्वस्तरीय हाईटेक पक्षी संग्रहालय का
निर्माण कराया जाएगा।
12
एकड़ में बनने वाले इस म्यूजियम में पूरे विश्व में पाए जाने वाले पक्षियों के 1300 से ज्यादा प्रजातियों के बारे में पर्यटकों को
जानकारी दी जाएगी।
प्रश्न:
बिहार के जमुई जिले के झाझा प्रखंड स्थित नागी पक्षी आश्रयणी के समीप किस विभाग
द्वारा विश्वस्तरीय हाईटेक पक्षी संग्रहालय का निर्माण कराया जा रहा है?
A)
पर्यटन
विभाग
B)
वन, पर्यावरण
एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
C)
जल
संसाधन विभाग
D)
कृषि
विभाग
उत्तर: B) वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग
पटना
के अलावा बिहार के चार और शहरों में मेट्रो रेल
बिहार
कैबिनेट की बैठक में दिए गए सैद्धांतिक स्वीकृति के अनुसार पटना के अलावा बिहार के
चार और शहरों गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में भी मेट्रो रेल चलेंगे।
उक्त
चारों शहरों में मेट्रो रेल के निर्माण खर्च का 20-20 प्रतिशत राज्य और केंद्र
सरकार तथा 60 प्रतिशत विभिन्न वित्तीय संस्थानों से ली जाएगी। वर्तमान में पटना में मेट्रो रेल परिचालन का काम चल रहा है जिसके
पहले चरण का शुभारंभ वर्ष 2026 में होने की संभावना है।
प्रश्न:
बिहार कैबिनेट की बैठक में सैद्धांतिक स्वीकृति के अनुसार पटना के अलावा बिहार के
कौन से चार शहरों में मेट्रो रेल चलेंगे?
A) गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर
B) पटना, गया, हाजीपुर, दरभंगा
C) मुजफ्फरपुर, भागलपुर, राजगीर, समस्तीपुर
D) पटना, अररिया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर
उत्तर:
A) गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर
विवरण: बिहार कैबिनेट की बैठक में सैद्धांतिक स्वीकृति दी गई है कि
पटना के अलावा बिहार के चार और शहरों गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर में भी मेट्रो रेल चलेंगे।
बिहार
में खेल क्लब
बिहार
सरकार कैबिनेट के द्वारा बिहार में खेल को बढ़ावा देने और युवाओं को साधन उपलब्ध
कराने के लिए सरकार द्वारा सभी नगर और ग्राम पंचायतों
में खेल क्लब का गठन करने एवं आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया गया है । उल्लेखनीय
है कि मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के दौरान हर पंचायतों में खेल के मैदान बनाने
की घोषणा की थी।
प्रश्न:
बिहार सरकार ने खेल को बढ़ावा देने और युवाओं को साधन उपलब्ध कराने के लिए किस
निर्णय की घोषणा की है?
A)
सभी
जिलों में खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना
B)
सभी
नगर और ग्राम पंचायतों में खेल क्लब का गठन और आर्थिक मदद
C)
सभी
स्कूलों में खेलों का अनिवार्य करना
D)
हर
जिले में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल स्टेडियम बनाना
उत्तर: B) सभी
नगर और ग्राम पंचायतों में खेल क्लब का गठन और आर्थिक मदद
विवरण: बिहार सरकार ने खेल को बढ़ावा देने और युवाओं को साधन
उपलब्ध कराने के लिए सभी नगर और ग्राम पंचायतों में खेल क्लब का गठन करने और
उन्हें आर्थिक मदद देने का निर्णय लिया है।
बिहार एवं
विशेष राज्य का दर्जा
2024 के लोकसभा चुनाव के बाद, जनता दल
(यूनाइटेड) और तेलुगु देशम पार्टी केंद्र सरकार गठन में प्रभावशाली पार्टी के रूप
में उभरी हैं जिसके बाद बिहार और आंध्र प्रदेश के लिये विशेष श्रेणी का दर्जा
हासिल करने की मांग की चर्चा फिर से आरंभ हो गयी।
विशेष श्रेणी का दर्जा (Special Category Status- SCS) केंद्र सरकार द्वारा वर्गीकरण है जो भौगोलिक और
सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे राज्यों के विकास में सहायता करता है। संविधान
SCS के लिये प्रावधान नहीं करता है और यह वर्गीकरण बाद में वर्ष 1969
में पाँचवें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया था।
विशेष राज्य का दर्जा के लाभ
·
विशेष
श्रेणी दर्जा प्राप्त राज्यों को अधिक वित्तपोषण जैसे लाभ मिलता है जिसमें केंद्र
प्रायोजित योजनाओं के लिये 90% धनराशि केंद्र द्वारा दी जाती है।
·
ये राज्य
एक वित्तीय वर्ष से अगले वित्तीय वर्ष तक अप्रयुक्त निधियों
को आगे बढ़ा सकते हैं और कर रियायतों का लाभ उठा सकते हैं।
इन्हें केंद्र के सकल बजट से 30% तक अधिक आवंटन भी मिलता है।
पहली बार वर्ष 1969
में जम्मू-कश्मीर, असम और नगालैंड को यह दर्जा दिया गया था। वर्तमान में भारत
में 11 राज्यों अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और
कश्मीर, तथा
उत्तराखंड को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि जुलाई 2024 में संसद के
मानसून सत्र के पहले ही दिन बिहार को विशेष
राज्य का दर्जा और विशेष
पैकेज देने की मांग उठी और लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे को
लेकर चर्चा हुई।
केंद्र सरकार ने इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट
करते हुए कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का मामला राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) के मौजूदा
मानदंडों के आधार पर नहीं बनता है। विशेष राज्य का दर्जा उन राज्यों को दिया गया
है जो पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों, कम
जनसंख्या घनत्व, आदिवासी जनसंख्या की अधिकता, सीमा पर
रणनीतिक स्थान, और अल्प
विकसित बुनियादी ढांचे के कारण विशेष जरूरतें रखते हैं।
बिहार
में शून्य-भूख, शून्य-कार्बन खाद्य प्रणाली
कॉर्नेल
विश्वविद्यालय में टाटा कॉर्नेल इंस्टीट्यूट फॉर एग्रीकल्वर एंड न्यूट्रिशन (TCI) के शून्य-भूख, शून्य-कार्बन
खाद्य प्रणाली परियोजना के भीतर किये गए एक अध्ययन के अनुसार बिहार कृषि क्षेत्र
में तीन परिवर्तनकारी तकनीकों को लागू करके सतत् विकास की दिशा में महत्त्वपूर्ण
प्रगति कर सकता है।
1. वैकल्पिक
गीलापन और सुखाने: (Alternate wetting and drying): एक
नियंत्रित सिंचाई तकनीक, AWD का उपयोग निरंतर
बाढ़ के बजाय धान की खेती में किया जा सकता है। यह धान की खेती से होने वाले पानी
की खपत और कुल GHG
उत्सर्जन
को 20% तक कम करता है, जबकि पैदावार को बनाए रखता है या बढ़ा भी
देता है।
2. उन्नत
कृत्रिम गर्भाधान (advanced artificial insemination): लिंग-सॉर्टेड
वीर्य का उपयोग गर्भाधान से पहले मवेशियों के बच्चे के लिंग को नियंत्रित करने में
मदद करता है,
जिसके
आर्थिक निहितार्थ हैं। उदाहरण के लिए, डेयरी उत्पादक
प्रतिस्थापन बछिया के लिए मादा बछड़ों को प्राथमिकता दे सकते हैं, जबकि
गोमांस उत्पादक मांस उत्पादन के लिए नर बछड़ों को प्राथमिकता दे सकते हैं।
3. एंटी-मीथेनोजेनिक
फ़ीड सप्लीमेंट(Anti-methanogenic feed supplements): हरित धारा
पशुधन उत्पादन में उपयोग किया जाने वाला एक एंटी-मीथेनोजेनिक फ़ीड सप्लीमेंट है, जिसे
इंटरनेशनल कमेटी फॉर एनिमल रिकॉर्डिंग (ICAR) द्वारा पेटेंट
कराया गया था। सप्लीमेंट में एंटरिक किण्वन से मीथेन उत्सर्जन को 20% तक कम करने
की क्षमता है।
इस
प्रोजेक्ट का उद्देश्य उत्पादकता के स्तर को बनाए रखते हुए बिहार में कृषि
उत्सर्जन को कम करने की रणनीति विकसित करना है।
· पहले चरण
के परिणामस्वरूप, TCI ने बिहार में कृषि ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन
को कम करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए नीति विकल्पों का एक सेट तैयार किया।
· परियोजना
के दूसरे चरण में, शोधकर्ता कई जलवायु-स्मार्ट हस्तक्षेपों की
व्यवहार्यता का आकलन करने और मौजूदा कृषि और आजीविका कार्यक्रमों के माध्यम से उन
हस्तक्षेपों को बढ़ाने के लिए साक्ष्य तैयार करने के लिए काम कर रहे हैं।
शोधकर्ता
परियोजना के पहले चरण में पहचाने गए तीन हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित कर रहे
हैं:
1. बेहतर
आनुवंशिक सामग्री और फ़ीड सप्लीमेंट्स के साथ सेक्स-सॉर्टेड वीर्य के उपयोग के
माध्यम से मवेशियों के झुंड के आकार और पशुधन से उत्सर्जन को कम करना जो मीथेन
उत्पादन को कम करते हैं
2. एकीकृत
प्रबंधन प्रथाओं का उपयोग करके चावल उत्पादन प्रणालियों में इष्टतम जल और पोषक
तत्वों का उपयोग प्राप्त करना
3. कृषि
उत्पादों और बिजली दोनों का उत्पादन करने के लिए एक ही भूमि का उपयोग करके
एग्रीवोल्टाइक के कार्यान्वयन के माध्यम से सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना
इन
गतिविधियों में बिहार में उत्पादकता और किसानों की आजीविका में सुधार करते हुए
शुद्ध कृषि उत्सर्जन को कम करने की क्षमता है, जो भारत के
अन्य राज्यों के लिए एक अनुकरणीय मॉडल प्रदान करता है।
परियोजना
के दूसरे चरण में कृषि विस्तार प्रोटोकॉल का विकास भी शामिल है, जो छोटे
किसानों को जलवायु शमन रणनीतियों और उनके लाभों के बारे में बेहतर जानकारी देने के
लिए डिज़ाइन किया गया है।
70th BPSC मुख्य परीक्षा टेलीग्राम ग्रुप
· 70th BPSC मुख्य परीक्षा टेलीग्राम ग्रुप 16 दिसम्बर में आरंभ हो रहा है
जिसमें हमारे नोट्स, करेंट अफेयर के महत्वपूर्ण लेखों,
सूचनाओं का संग्रहित PDF
(जो नोट्स में नहीं है) के माध्यम से उत्तर लेखन किया
जाएगा।
· आप सभी
जानते हैं कि बिहार के Pre, Mains, Interview तीनों
में बिहार से संबंधित जानकारी एवं उत्तर में उसका प्रयोग आपको दूसरों से बेहतर
एवं अंक दिलाने वाला साबित हो सकता है।
· इसी को ध्यान में रखते हुए पिछले 1 वर्षों जनवरी
2024 के बिहार समाचारपत्रों से बिहार के महत्वपूर्ण लेखों, जानकारी को ग्रुप में उपलब्ध
कराया जा रहा है।
· यदि आप भी इसमें जुड़ना चाहते हैं तो जल्द से जल्द जुड़ जाए क्योंकि
केवल हार्ड कॉपी नोट्स जो दिया जाता है उसमें सभी चीजें जुड़ नहीं पाती है
इसलिए कुछ नया अपडेट या विशेष जानकारी ग्रुप में ही शेयर किया जाता है।
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रहेगी इस ग्रुप में मुख्य परीक्षा तक के समाचारों, तथ्यों
के अपडेट मिलेंगे। यदि केवल 70th BPSC Mains टेलीग्राम ग्रुप ज्वाइन करना है तो शुल्क 2400/
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·
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·
जो कंटेट कलरफुल हार्ड
कॉपी यानी होम डिलीवरी होगी उसका PDF नहीं दिया जाएगा और जिसका PDF दिया जाएगा उसकी हार्ड कॉपी डिलीवरी नहीं की जाएगी।
·
इसके अलावा कोई भी संदेह है तो संपर्क कर सकते हैं। पूरी
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GK
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