बिहार करेंट अफेयर- अक्टूबर 2024
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'इंस्टा-स्टॉप' बैंड-एड: सड़क दुर्घटनाओं में रक्त बहाव को रोकने में
क्रांतिकारी उपाय
बिहार के होनहार शोधकर्ता डॉ.
प्रशांत झा ने सड़क दुर्घटनाओं के घायलों की जान बचाने के लिए एक अभिनव बैंड-एड
तैयार किया है, जिसका नाम
इंस्टा-स्टॉप रखा गया है।
इस बैंड-एड को विशेष रूप से
सड़क दुर्घटनाओं में घायल व्यक्तियों, फर्स्ट ऐड किट में, सैनिकों, अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों के लिए तैयार किया गया है।
इंस्टा-स्टॉप बैंड-एड को जिस
स्थान पर अत्यधिक खून बह रहा हो, वहां लगाने से यह 95-100 प्रतिशत तक रक्त बहाव को रोक
सकता है जिससे दुर्घटना में घायल व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
प्रश्न: बिहार के
किस शोधकर्ता ने सड़क दुर्घटनाओं के घायलों की जान बचाने के लिए इंस्टा-स्टॉप
बैंड-एड तैयार किया है?
A) डॉ. प्रशांत झा
B) डॉ. राजेश कुमार
C) डॉ. अमरेश सिंह
D) डॉ. अजीत वर्मा
उत्तर: A) डॉ. प्रशांत झा
विवरण: यह
बैंड-एड विशेष रूप से घायलों को तुरंत सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार
किया गया है। इसका उपयोग फर्स्ट ऐड किट, सैनिकों, अर्धसैनिक
बलों और पुलिस बलों के लिए भी किया जा सकता है।
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बिहार: स्वच्छता
ही सेवा 2024 में देशभर में प्रथम स्थान
बिहार ने 17 सितंबर से 2
अक्टूबर 2024 तक आयोजित स्वच्छता ही सेवा 2024 पखवारे के अंतर्गत उत्कृष्ट
प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया। यह उपलब्धि राज्य के
जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों, कर्मचारियों और
जनता की सक्रिय भागीदारी से संभव हो सकी ।
अन्य महत्वपूर्ण
तथ्य
·
बांका जिला पांच
पुरस्कार के साथ राज्य में पहले स्थान पर रहा।
·
'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत 3.74 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया।
प्रश्न: स्वच्छता
ही सेवा 2024 पखवारे में राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने
वाला राज्य कौन सा है?
A) उत्तर प्रदेश
B) बिहार
C) गुजरात
D) महाराष्ट्र
उत्तर: B) बिहार
प्रश्न: स्वच्छता
ही सेवा 2024 पखवारे के तहत बिहार का कौन सा जिला राज्य में पहले
स्थान पर रहा?
A) पटना
B) मुजफ्फरपुर
C) बांका
D) गया
उत्तर: C) बांका
प्रख्यात प्रतीक ने जीता यूएन-रोबोटिक्स
फॉर गुड यूथ चैलेंज इन इंडिया-2024 अवार्ड
बिहार के आरा के रहने वाले प्रख्यात प्रतीक ने यूएन-रोबोटिक्स
फॉर गुड यूथ चैलेंज इन इंडिया-2024 अवार्ड जीतकर राज्य और देश का नाम
रोशन किया है। यह पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय टेलीकॉम्युनिकेशन यूनियन (ITU) द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में दिया गया।
यह प्रतियोगिता आपदा प्रबंधन विषय पर आधारित थी।
जिसमें प्रख्यात और उसके मित्र प्रज्ञान तावकले को सर्वश्रेष्ठ मॉडल के लिए चुना
गया।
प्रख्यात ने भूकंप के समय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित
करने के लिए एक अनोखा मॉडल प्रस्तुत किया। प्रख्यात अगले वर्ष स्विट्जरलैंड के
जेनेवा में यूएन-रोबोटिक्स फॉर गुड यूथ चैलेंज में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा।
प्रश्न:यूएन-रोबोटिक्स फॉर गुड यूथ चैलेंज
इन इंडिया-2024 में बिहार के प्रख्यात प्रतीक और प्रज्ञान तावकले ने किस विषय पर
सर्वश्रेष्ठ मॉडल प्रस्तुत कर पुरस्कार जीता?
A)
शिक्षा सुधार
B)
आपदा प्रबंधन
C)
स्वास्थ्य सेवाएं
D)
पर्यावरण संरक्षण
उत्तर: B) आपदा
प्रबंधन
विवरण: बिहार के आरा जिले के प्रख्यात
प्रतीक और उनके साथी प्रज्ञान तावकले ने अंतरराष्ट्रीय टेलीकॉम्युनिकेशन यूनियन (ITU)
द्वारा आयोजित यूएन-रोबोटिक्स फॉर गुड यूथ चैलेंज इन इंडिया-2024
में आपदा प्रबंधन विषय पर आधारित अपना मॉडल प्रस्तुत किया।
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बिहार में निर्यात केंद्रों की संख्या में
वृद्धि: छोटे उद्यमियों को मिलेगा बड़ा फायदा
बिहार सरकार ने छोटे उद्यमियों के लिए बड़े कदम उठाए
हैं,
ताकि वे अपने उत्पादों को आसानी से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय
बाजारों तक पहुंचा सकें। राज्य भर में निर्यात केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 46 से बढ़ाकर 1,400 कर दी गई है। यह कदम बिहार के
ग्रामीण और छोटे व्यवसायियों के लिए एक वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि इससे उनके उत्पादों को बाजार में पहचान मिल सकेगी।
पहले बिहार में केवल 46 निर्यात केंद्र
थे, जो पूरे राज्य के छोटे उद्यमियों को उनके उत्पाद भेजने
में मदद करते थे। अब यह संख्या बढ़ाकर 1,400 कर दी गई है।
डाक विभाग के बिहार सर्किल ने इस विशेष अभियान का संचालन किया, जिसके तहत 1,000 छोटे-बड़े उद्यमियों को निर्यात
केंद्रों से जोड़ा गया है।
प्रश्न:छोटे उद्यमियों के उत्पादों को
आसानी से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने हेतु बिहार भर में
निर्यात केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 46 से कितनी कर दी गई है?
A)
500
B)
1,000
C)
1,400
D)
2,000
उत्तर: C) 1,400
विवरण:बिहार सरकार ने छोटे उद्यमियों और
ग्रामीण व्यवसायियों के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों तक
पहुंचाने के लिए निर्यात केंद्रों की संख्या में वृद्धि की है। पहले राज्य में
केवल 46 निर्यात केंद्र थे, लेकिन
अब यह संख्या बढ़ाकर 1,400 कर दी गई है।
बिहार में 76
सरकारी स्कूलों में टिंकरिंग लैब की स्थापना
बिहार सरकार ने राज्य के 76
सरकारी स्कूलों में टिंकरिंग लैब की स्थापना की योजना बनाई है। यह लैब माध्यमिक और
उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्थापित होगी और विद्यार्थियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, गणित और इंजीनियरिंग (STEM) के क्षेत्र में नवाचारी कार्य करने का अवसर प्रदान करेगी।
टिंकरिंग लैब
· टिंकरिंग
लैब,
विज्ञान या प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला से अलग होता है क्योंकि यह
बच्चों को अंतविषय शिक्षा पर काम करने के लिए प्रेरित करती है।
· इसमें
विद्यार्थी अपने रुचि और जिज्ञासा से नए और रचनात्मक समाधान पर काम कर सकते हैं।
· यह लैब
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय (भारत सरकार) की मदद से संचालित होगी, जो
बच्चों में वैज्ञानिक कौशल को बढ़ावा देने के लिए वार्षिक प्रतियोगिताएं आयोजित
करता है।
· इन लैबों
के माध्यम से विद्यार्थियों को रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेंसर, माइक्रोकंट्रोलर किट जैसे उपकरणों से नवाचार
करने की प्रेरणा मिलेगी और यहां अपने आविष्कारों और मॉडल्स को वास्तविकता में बदल
सकेंगे।
प्रश्न: बिहार सरकार ने कितने सरकारी
स्कूलों में टिंकरिंग लैब स्थापित करने की योजना बनाई है?
A)
50
B)
76
C)
100
D)
150
उत्तर: B) 76
विवरण: बिहार सरकार ने राज्य के 76
सरकारी स्कूलों में टिंकरिंग लैब स्थापित करने की योजना बनाई है। ये
लैब माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्थापित की जाएंगी। इसका उद्देश्य
विद्यार्थियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, गणित और इंजीनियरिंग (STEM) के क्षेत्र में नवाचार
और रचनात्मकता के लिए प्रोत्साहित करना है।
पटना में ग्रीन बेल्ट योजना: शहर
की आबोहवा में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
पटना शहर में बढ़ते प्रदूषण और धूल की समस्या को ध्यान
में रखते हुए,
शहर को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह योजना
स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत पिछले साल से शुरू की गई थी।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य हवा में उड़ने वाले धूल के
कणों को रोकना और शहर में प्रदूषण को कम करना है। ग्रिल से घेराबंदी कर, इन
क्षेत्रों में पौधरोपण किया जाएगा, जो प्रदूषण नियंत्रण में
मदद करेगा और शहर की आबोहवा को सुधारने का काम करेगा।
प्रश्न:पटना शहर में बढ़ते प्रदूषण और धूल
की समस्या को नियंत्रित करने के लिए कौन-सी योजना शुरू की गई है?
A)
स्वच्छ पटना अभियान
B)
ग्रीन पटना योजना
C)
हरित पटना परियोजना
D)
ग्रीन बेल्ट विकास योजना
उत्तर: D) ग्रीन
बेल्ट विकास योजना
विवरण:पटना शहर में बढ़ते प्रदूषण और
धूल की समस्या को ध्यान में रखते हुए, ग्रीन
बेल्ट के रूप में शहर को विकसित करने की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत,
शहर के वीवीआईपी इलाकों और व्यस्त सड़कों पर लैंडस्केपिंग और
पौधरोपण किया जाएगा।
बिहार में शिक्षा क्षेत्र में रोजगार:
ई-श्रम पोर्टल पर निबंधन से हुआ बड़ा खुलासा
केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर किए गए निबंधन से यह
जानकारी सामने आई है कि बिहार के शिक्षा क्षेत्र में पांच लाख से अधिक लोग जुड़े
हुए हैं। इनमें से अधिकांश लोग स्कूल-कोचिंग में अध्यापन के साथ-साथ घरों में
ट्यूशन पढ़ाने का काम करते हैं। यह आंकड़ा बिहार को देश के शिक्षा क्षेत्र में
रोजगार के लिहाज से तीसरे स्थान पर रखता है, जबकि पहले और
दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं।
· बिहार
में 12,000 से अधिक कोचिंग संस्थान संचालित हैं, जिनमें 10 लाख से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं।
· ई-श्रम
पोर्टल जिसमें 5 लाख से अधिक लोग निबंधित हैं। इसमें आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों की
हिस्सेदारी (53.22%) शिक्षा क्षेत्र में अधिक है, जबकि महिलाओं की हिस्सेदारी (46.78%) है।
· शिक्षा
क्षेत्र में सबसे अधिक युवा पीढ़ी की भागीदारी है, जिसमें 91.18%
लोग 18 से 40 वर्ष के
बीच हैं।
प्रश्न:केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल के
अनुसार,
शिक्षा क्षेत्र में रोजगार के मामले में बिहार का देश में कौन-सा
स्थान है?
A)
पहला
B)
दूसरा
C)
तीसरा
D)
चौथा
उत्तर: C) तीसरा
विवरण: केंद्र सरकार के ई-श्रम पोर्टल
के अनुसार, बिहार के शिक्षा क्षेत्र में पांच लाख से अधिक लोग
जुड़े हुए हैं, जो स्कूलों, कोचिंग
संस्थानों और घरों में ट्यूशन पढ़ाने का कार्य करते हैं। यह आंकड़ा बिहार को देश
के शिक्षा क्षेत्र में रोजगार के लिहाज से तीसरे स्थान पर रखता है। पहले और दूसरे
स्थान पर क्रमश: उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल हैं।
मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण
योजना: बिहार में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी टीकाकरण
बिहार सरकार ने बच्चेदानी के मुंह (सर्वाइकल) कैंसर से
बचाव के लिए मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना शुरू की है। यह योजना
देशभर में अपनी तरह की पहली पहल है, जिसके तहत 9 से 14 वर्ष की बालिकाओं को मुफ्त में ह्यूमन
पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) टीका लगाया जा रहा है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव हेतु 9
से 14 वर्ष की बालिकाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण
किया जा रहा है। अगस्त 2024 में बिहार में इस योजना को
स्वीकृति दी गई जिसके बाद बिहार देश का पहला राज्य बना, जहां
यह टीका मुफ्त लगाया जा रहा है। इसका वित्तपोषण मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष
से किया जा रहा है।
प्रश्न:बिहार में बच्चेदानी के मुंह
(सर्वाइकल) कैंसर से बचाव के लिए शुरू की गई योजना का क्या नाम है?
A)
मुख्यमंत्री महिला स्वास्थ्य योजना
B)
मुख्यमंत्री बालिका स्वास्थ्य योजना
C)
मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना
D)
मुख्यमंत्री कैंसर बचाव योजना
उत्तर: C) मुख्यमंत्री
बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना
विवरण: बिहार सरकार ने बच्चेदानी के
मुंह (सर्वाइकल) कैंसर से बचाव के लिए देशभर में अपनी तरह की पहली पहल के रूप में
मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना शुरू की है।
किलकारी बाल भवन के आर्सेनिक फिल्टर
प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय पुरस्कार
पटना के किलकारी बाल भवन के बच्चों ने विज्ञान और
नवाचार के क्षेत्र में अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है। सैमसंग कंपनी द्वारा आयोजित
राष्ट्रीय विज्ञान प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में उनके आर्सेनिक फिल्टर प्रोजेक्ट को
प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इस उपलब्धि के लिए उन्हें 50
लाख रुपये का इनाम दिया गया।
आर्सेनिक फिल्टर प्रोजेक्ट की विशेषताएं
· आर्सेनिक
युक्त पानी को शुद्ध करने के उद्देश्य से तैयार किया गया यह फिल्टर न केवल लागत
प्रभावी है,
बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।
· इसे
बच्चों ने स्वयं तैयार किया और इस पर पांच पेटेंट प्राप्त किए हैं, जिनमें
से एक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट और चार भारत सरकार द्वारा दिए गए हैं।
यह फिल्टर गंगा के किनारे स्थित गांवों में आर्सेनिक
युक्त पानी को शुद्ध करने में सक्षम है। अब तक पटना, भोजपुर, और बक्सर के कई गांवों में इसे चापाकल और नलों में स्थापित किया गया है,
जिससे हजारों लोगों को शुद्ध पानी मिल रहा है। इसका लक्ष्य बिहार के
दो करोड़ लोगों तक आर्सेनिक मुक्त पानी पहुंचाना है।
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प्रश्न: किस प्रोजेक्ट के लिए पटना के
किलकारी बाल भवन के बच्चों ने सैमसंग कंपनी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान
प्रोजेक्ट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया?
A)
जल शुद्धि प्रोजेक्ट
B)
आर्सेनिक फिल्टर प्रोजेक्ट
C)
पर्यावरण संरक्षण प्रोजेक्ट
D)
स्मार्ट वाटर प्रोजेक्ट
उत्तर: B) आर्सेनिक
फिल्टर प्रोजेक्ट
विवरण: पटना के किलकारी बाल भवन के
बच्चों ने सैमसंग कंपनी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान प्रोजेक्ट प्रतियोगिता
में अपने आर्सेनिक फिल्टर प्रोजेक्ट के लिए प्रथम स्थान प्राप्त किया। इस
प्रोजेक्ट का उद्देश्य आर्सेनिक युक्त पानी को शुद्ध करना है।
पटना में 173 खेल मैदान और 23 स्टेडियम बनाने की पहल
पटना जिले में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने और युवा
प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए 173 खेल मैदानों का निर्माण
किया जा रहा है। इनमें से 23 मैदानों में स्टेडियम बनाए
जाएंगे। स्टेडियम का निर्माण मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत किया जा रहा है
जबकि स्कूल खेल मैदान का निर्माण मनरेगा योजना के तहत किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि 150 सरकारी स्कूलों में खेल
मैदान बनाने की योजना है जिसके तहत 50 स्कूलों में खेल मैदान
तैयार है जबकि शेष 100 स्कूलों के लिए डीपीआर (डिटेल
प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार हो रहा है। वहीं स्टेडियम की बात करें तो 13 का काम पूरा कर लिया गया है।
प्रश्न: पटना जिले में खेल गतिविधियों को
बढ़ावा देने के लिए कितने खेल मैदानों का निर्माण किया जा रहा है?
A)
150
B)
173
C)
200
D)
250
उत्तर: B) 173
विवरण: पटना जिले में खेल गतिविधियों को
प्रोत्साहन देने और युवा प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से 173
खेल मैदानों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से 23 मैदानों में स्टेडियम बनाए जाएंगे। स्टेडियम निर्माण मुख्यमंत्री खेल
विकास योजना के तहत हो रहा है जबकि स्कूल खेल मैदानों का निर्माण मनरेगा योजना के
अंतर्गत किया जा रहा है।
बिहार: औषधीय पौधों का खजाना
बिहार की जैव विविधता न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए
रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, बल्कि औषधीय पौधों के
माध्यम से मानव जीवन को स्वस्थ बनाए रखने में भी योगदान देती है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन
मंत्रालय द्वारा जारी सूची के अनुसार गंगा के मैदानी इलाकों से लेकर राजगीर की
पहाड़ियों तक 22 प्रकार की औषधीय पौधों की प्रजातियां पाई
जाती हैं, जो कई गंभीर बीमारियों जैसे डायरिया, अस्थमा, नेत्र रोग, चर्म रोग,
शुगर से लेकर हाई बीपी को का इलाज करने में सक्षम हैं।
बिहार के 28 जिलों में नए फॉरेंसिक साइंस
लैब भवन
वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार
28 जिलों में फॉरेंसिक साइंस लैब भवन तैयार कर रही है। मार्च 2025 तक 36 एफएसएल
भवनों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इन नई प्रयोगशालाओं से अपराध मामलों
में अनुसंधान की गुणवत्ता और गति में सुधार होगा।
वर्तमान में, पटना, भागलपुर, और मुजफ्फरपुर में एफएसएल की सुविधा उपलब्ध
है। सभी 12 पुलिस रेंजों और 28 जिलों में वैज्ञानिक जांच की सुविधा उपलब्ध कराए
जाने से अपराध मामलों में अनुसंधान तेज और सटीक होगा। उल्लेखनीय है कि नए कानूनों
के तहत, सात वर्ष से अधिक सजा वाले सभी आपराधिक मामलों में
फॉरेंसिक जांच अनिवार्य है।
प्रश्न: बिहार में अप्रैल 2025 से कितने जिलों में फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) भवनों में जांच की
सुविधा शुरू होगी?
A)
28
B)
12
C)
36
D)
3
उत्तर: A) 28
विवरण: बिहार सरकार वैज्ञानिक अनुसंधान
को बढ़ावा देने के लिए 28 जिलों में फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) भवन तैयार
कर रही है, जहां अप्रैल 2025 से जांच
की सुविधा शुरू होगी।
कैथी लिपि में दस्तावेजों की चुनौती
बिहार में भूमि सर्वे
अभियान के दौरान कैथी लिपि में लिखे पुराने दस्तावेजों की जांच, पुनर्लेखन,
सर्वें में कठिनाई हो रही
है। इसे दूर करने के लिए बिहार में राजस्व कर्मियों को इस लिपि के विशेषज्ञों
द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं
साबित हो रहा है। अब सर्वे निदेशालय एक पुस्तिका प्रकाशित कराएगा, जो अमीन, कानूनगो, सर्वे
प्रभारी, राजस्व अधिकारी और अन्य संबंधित कर्मियों को वितरित
की जाएगी। यह पुस्तिका सर्वे निदेशालय की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर भी उपलब्ध
होगी, जिससे कार्य में आसानी होगी।
प्रश्न:बिहार में भूमि सर्वे अभियान के
दौरान किस लिपि में लिखे पुराने दस्तावेजों की जांच और पुनर्लेखन में कठिनाई हो
रही है?
A)
देवनागरी
B)
कैथी
C)
उर्दू
D)
मैथिली
उत्तर: B) कैथी
विवरण:बिहार के भूमि सर्वे अभियान में
कैथी लिपि में लिखे पुराने दस्तावेजों की जांच, पुनर्लेखन,
और सर्वेक्षण में कठिनाई हो रही है।
वैभव सूर्यवंशी का क्रिकेट में इतिहास
रचने का सफर
बिहार के समस्तीपुर जिले के ताजपुर निवासी वैभव
सूर्यवंशी ने क्रिकेट जगत में एक नई ऊँचाई छुई है। 13 साल 5 महीने की उम्र में
बिहार रणजी टीम में डेब्यू करने के बाद उन्होंने भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय
क्रिकेट में अपनी पहचान बनायी।
हाल ही में, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया
अंडर-19 टीम के खिलाफ 62 गेंदों में 104 रन बनाकर इतिहास रचा है। इसके साथ ही वह
क्रिकेट में सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। वैभव ने बाबर आजम और नजमुल हसन शांतो का
रिकॉर्ड तोड़ा,
जो पहले इस श्रेणी में थे।
प्रश्न:बिहार के किस जिले के वैभव
सूर्यवंशी ने 13 साल 5 महीने की उम्र में बिहार रणजी टीम में डेब्यू
कर क्रिकेट में ख्याति प्राप्त की?
A)
पटना
B)
भागलपुर
C)
समस्तीपुर
D)
मुजफ्फरपुर
उत्तर: C) समस्तीपुर
विवरण:समस्तीपुर जिले के ताजपुर निवासी
वैभव सूर्यवंशी ने केवल 13 साल 5 महीने की उम्र में
बिहार रणजी टीम में डेब्यू कर देशभर में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
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बिहार ने सरकारी अस्पतालों में निशुल्क
दवा वितरण में हासिल किया प्रथम स्थान
बिहार ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों को निशुल्क दवा
वितरण के मामले में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और
परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी सितंबर 2024 की मासिक रैंकिंग में बिहार ने
77.22% अंकों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। यह उपलब्धि राज्य की स्वास्थ्य
व्यवस्था में किए गए सुधारों और योजनाओं की सफलता का प्रतीक है।
केंद्रीय मंत्रालय द्वारा संचालित ड्रग एंड वैक्सीन
डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम (डीवीडीएमएस) के माध्यम से सरकारी अस्पतालों में
दवाओं की उपलब्धता और वितरण का प्रबंधन किया जाता है। बिहार ने इस प्रणाली के तहत
दवा स्टॉक से लेकर वितरण तक के 11 मापदंडों पर सर्वोच्च अंक प्राप्त किए। इसके तहत
अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता, वितरण, और उपयोग
को प्रभावी रूप से ट्रैक किया जाता है।आज, बिहार में 611
दवाओं की सूची है, जो मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं।
प्रश्न:सितंबर 2024 की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रैंकिंग के अनुसार, निशुल्क दवा वितरण के मामले में बिहार ने कितने प्रतिशत अंकों के साथ देश
में पहला स्थान प्राप्त किया?
A)
74.50%
B)
75.89%
C)
77.22%
D)
78.10%
उत्तर: C) 77.22%
विवरण:बिहार ने 77.22%
अंकों के साथ सितंबर 2024 की मासिक रैंकिंग
में सरकारी अस्पतालों में निशुल्क दवा वितरण के मामले में देश में प्रथम स्थान
हासिल किया।
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बापू टावर का उद्घाटन: एक महत्वपूर्ण मील का
पत्थर
बिहार की राजधानी पटना में स्थित बापू टावर का उद्घाटन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किया जाएगा। इस इमारत का निर्माण 129.38 करोड़
रुपये की लागत से हुआ है और इसे 7 एकड़ भूमि में बनाया गया है। यह परियोजना
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 2 अक्टूबर 2018 को शुरू की गई थी।
बापू टावर की विशेषताएँ:
· बापू
टावर में दो प्रमुख भवन हैं – एक वृताकार छह मंजिला और दूसरा पांच मंजिला गोलाकार
भवन। इस भवन को डिजाइन करते समय विशेष रूप से इसके बाहरी हिस्से को आकर्षक बनाने
के लिए 35 टन तांबे की परत लगाई गई है, जिससे यह देश का पहला ऐसा
भवन बन गया है।
· इसी
इमारत में गोलाकार भवन के भू-तल पर 60 लोगों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम भी बनाया
गया है।
· बापू
टावर के परिसर में 135 दोपहिया वाहनों, 87 चारपहिया वाहनों और 6
बसों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी।
· बापू
टावर के संचालन और देखरेख के लिए एक विशेष बापू टावर समिति का गठन किया गया है, जो
भवन निर्माण विभाग के नियंत्रणाधीन होगी।
प्रश्न:बिहार के बापू टावर के बाहरी
हिस्से को आकर्षक बनाने के लिए किस धातु की परत लगाई गई है?
A)
एल्युमिनियम
B)
तांबा
C)
स्टील
D)
कांसा
उत्तर: B) तांबा
विवरण:बिहार के बापू टावर में दो प्रमुख
भवन हैं – एक वृताकार छह मंजिला और दूसरा पांच मंजिला गोलाकार। इन भवनों के बाहरी
हिस्से को आकर्षक बनाने के लिए 35 टन तांबे की परत लगाई
गई है। यह डिज़ाइन इसकी वास्तुकला को विशेष और प्रभावशाली बनाता है।
बिहार में हॉकी का स्वर्णिम आगाज: एशियाई
महिला हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी का आयोजन
परिचय: बिहार में हॉकी के इतिहास में एक नया अध्याय
जुड़ने जा रहा है। राज्य में बने पहले एस्ट्रो टर्फ पर एशियाई महिला हॉकी
चैम्पियंस ट्रॉफी का आयोजन 11 नवंबर से होगा। यह बिहार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि
राज्य में यह पहली बार हो रहा है कि कोई अंतरराष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता आयोजित की
जा रही है।
राजगीर खेल अकादमी अब हॉकी के शौकियों के लिए एक नई
पहचान बन गई है। यहां बने एस्ट्रो टर्फ पर एशियाई महिला हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी का
आयोजन राज्य की खेल यात्रा में एक स्वर्णिम मील का पत्थर है।
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लिए वेवसाइट www.gkbucket.com
प्रश्न:बिहार में आयोजित होने वाली एशियाई
महिला हॉकी चैम्पियंस ट्रॉफी की शुरुआत कब से हो रही है?
A)
10 नवंबर 2024
B)
12 नवंबर 2024
C)
11 नवंबर 2024
D)
15 नवंबर 2024
उत्तर: C) 11
नवंबर 2024
विवरण: बिहार में एशियाई महिला हॉकी
चैम्पियंस ट्रॉफी का आयोजन 11 नवंबर 2024 से किया जाएगा। यह राज्य में आयोजित होने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय हॉकी
प्रतियोगिता है ! यह आयोजन राज्य के पहले एस्ट्रो टर्फ पर किया
जाएगा।
शेतकरी समृद्धि विशेष ट्रेन: किसानों और
श्रमिकों के लिए एक नई पहल
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अक्टूबर 2024
में महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर तक शेतकरी समृद्धि विशेष ट्रेन को
हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन विशेष रूप से देश के किसानों को समर्पित है
और इसका उद्देश्य किसानों की उपज को समयबद्ध तरीके से देश के अन्य हिस्सों तक
पहुंचाना है। साथ ही,
यह ट्रेन श्रमिकों के लिए भी सस्ती यात्रा का साधन प्रदान करेगी।
इससे जल्दी
खराब होने वाले उत्पादों का कम लागत पर परिवहन संभव होगा, जो
किसानों के लिए बेहद लाभकारी है।
प्रश्न:केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी
वैष्णव ने शेतकरी समृद्धि विशेष ट्रेन को कहाँ से कहाँ तक रवाना किया?
A)
मुंबई से दिल्ली
B)
देवलाली से दानापुर
C)
पुणे से पटना
D)
अहमदाबाद से मुंबई
उत्तर:B) देवलाली
से दानापुर
विवरण:यह ट्रेन विशेष रूप से देश के
किसानों के लिए समर्पित है और इसका उद्देश्य किसानों की उपज को समयबद्ध तरीके से
देश के अन्य हिस्सों तक पहुंचाना है।
दरभंगा हवाई अड्डे का विस्तार: मिथिला
क्षेत्र के लिए विकास की नई उड़ान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अक्टूबर 2024 में
दरभंगा हवाई अड्डे के नए सिविल एन्क्लेव का शिलान्यास किया गया। इस परियोजना के
तहत हवाई अड्डे का विस्तार किया जाएगा जो मिथिला क्षेत्र और उत्तर बिहार के आर्थिक
और सामाजिक विकास को गति देगा।
घोषणा के अनुसार सिविल एन्क्लेव का डिजाइन अयोध्या
हवाई अड्डे की तर्ज पर होगा जिसमें मिथिला की सांस्कृतिक छवि और आधुनिकता का समावेश
होगा । 24 एकड़ जमीन पर नया रनवे, एक साथ 14 विमानों की पार्किंग की
सुविधा के अलावा इस टर्मिनल की वार्षिक
क्षमता 43 लाख यात्रियों को संभालने की होगी।
लाभ
· इसके
बनने से जहां मिथिला और उत्तर बिहार के लिए तेज और किफायती परिवहन सुविधा उपलब्ध
होगी वहीं पर्यटन,
व्यापार, रोजगार और निवेश के अवसरों में
वृद्धि के साथ साथ नए उद्योगों और सेवाओं के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा ।
· इससे
मिथिला और उत्तर बिहार के जिलों के औद्योगिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा मिलेगा
तथा स्थानीय उत्पादों जैसे मधुबनी पेंटिंग, मखाना, और पान का बेहतर विपणन और निर्यात सुगम होगा।
मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना 2024
अक्टूबर 2024 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की
अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य मंत्रिमंडल ने "मुख्यमंत्री वाहन चालक
कल्याण योजना 2024" के प्रस्ताव पर सहमति दी। यह योजना सड़क सुरक्षा बढ़ाने, दुर्घटनाओं
को कम करने और वाहन चालकों के सामाजिक-आर्थिक उन्नयन के लिए लागू की जा रही है।
मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना के
उद्देश्य:
·
मुख्यमंत्री वाहन
चालक कल्याण योजना का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा में सुधार करना और विभिन्न निजी
वाहन चालकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है।
·
इस योजना का लाभ
बिहार के निवासियों और बिहार से लाइसेंस प्राप्त वाहन चालकों को लाभ मिलेगा।
योजना की प्रमुख सुविधाएं:
·
प्रधानमंत्री
जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ जो दुर्घटना या मृत्यु के मामले में बीमा कवर
प्रदान करेगी।
·
प्रधानमंत्री
सुरक्षा बीमा
·
स्वास्थ्य शिविर
और नेत्र जांच की सुविधा ।
·
सुरक्षा के
दृष्टिकोण से बेहतर तरीके से भारी वाहन चलाने का प्रशिक्षण
·
चालको के कौशल
सुधारने और बढ़ाने के लिए पुनश्चर्या प्रशिक्षण।
·
योजना के तहत
चालकों को आधिकारिक पोशाक दी जाएगी जिससे पेशेवर तरीके से अपनी सेवाएं दे सकेंगे।
प्रश्न:
मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना 2024 किस उद्देश्य से लागू की जा
रही है?
A) हरित वाहनों को बढ़ावा देना
B) वाहन चालकों के सामाजिक-आर्थिक उन्नयन को बढ़ावा देना
C) निजी वाहनों की संख्या बढ़ाना
D) वाहनों की सुरक्षा बढ़ाना
उत्तर:B) वाहन चालकों के सामाजिक-आर्थिक उन्नयन को बढ़ावा देना
विवरण: अक्टूबर
2024 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य
मंत्रिमंडल ने "मुख्यमंत्री वाहन चालक कल्याण योजना 2024" के
प्रस्ताव पर सहमति दी।
बिहार में खनिज भंडार की खोज
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने हाल ही में
बिहार के 9 जिलों में खनिज भंडार की पहचान की है। इस खोज से राज्य की खनिज संपदा और
औद्योगिक संभावनाओं में वृद्धि की उम्मीद है।
खनिज भंडार के जिले:
1.
भागलपुर
2.
बांका
3.
मुंगेर
4.
जमुई
5.
बेगूसराय
6.
आरा
7.
गया
8.
नालंदा
9.
नवादा
भागलपुर में कुसुमघाट-दिघीबारी और पिंडारा में मिले
पदार्थ के 212 सैंपल की जांच के बाद तांबा और जस्ता होने की पुष्टि हुई है। वहीं,
बांका में कटसकरा-झिलुआ क्षेत्र के कुसुमघाट, ढाबा,
बिहारबाड़ी और अम्बाकोला में 70 किमी क्षेत्र
में कॉपर, जिंक व लेड होने का अनुमान है।
सर्वेक्षण दल ने इन जगहों पर 35
भू-रासायनिक और 25 पेट्रोलॉजिकल नमूने एकत्र किया था। यहां
मिले प्रमुख खनिज में तांबा (Copper), जस्ता (Zinc), शीशा (Lead)तथा अन्य खनिज पदार्थ शामिल है।
प्रश्न:भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण
(जीएसआई) ने हाल ही में बिहार के कितने जिलों में खनिज भंडार की पहचान की है?
A)
5
B)
7
C)
9
D)
11
उत्तर: C) 9
विवरण: भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण
(जीएसआई) ने हाल ही में बिहार के 9 जिलों में खनिज भंडार की पहचान की है। इस
महत्वपूर्ण खोज से राज्य की खनिज संपदा और औद्योगिक संभावनाओं में वृद्धि की
उम्मीद जताई जा रही है।
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बालू खनन पर नई नियमावली
बिहार में अवैध खनन पर नियंत्रण की दिशा में अक्टूबर
2024 में बिहार कैबिनेट ने बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) (संशोधन) नियमावली, 2024
स्वीकृत की है । इसके द्वारा बिहार में बालू खनन के नियमों को सख्त करते हुए भारी
जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
नई नियमावली के प्रमुख बिंदु:
·
सभी बालू खनन
वाहनों पर जीपीएस सिस्टम का होना अनिवार्य होगा। जीपीएस न होने पर 20 हजार से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना होगा।
·
वाहनों पर
विशिष्ट रंग और निर्धारित शब्द लिखना आवश्यक होगा।
·
भींगे या बिना
ढके बालू ढोने पर जुर्माना होगा ।
·
खनन स्थल पर
जीआईएस मैप और जियो कोऑर्डिनेट्स के साथ सीमांकन नहीं करने पर 5 लाख रुपये का
जुर्माना लगेगा।
·
खनन स्थल पर साइन
बोर्ड न लगाने, पानी का छिड़काव
न करने, प्रकाश की
व्यवस्था न करने और पौधरोपण न करने पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
·
खनन योजना
प्रस्तुत करने में देरी होने पर जुर्माना लगेगा। अगर खनन योजना प्रस्तुत नहीं की
जाती है, तो खनन स्थल की
मंजूरी रद्द कर दी जाएगी और प्रतिभूति राशि जब्त की जाएगी।
·
पर्यावरणीय
मंजूरी के लिए आवेदन नहीं देने पर भी खनन ठेकेदार की मंजूरी रद्द कर दी जाएगी।
·
अन्य राज्यों से
आने वाले लघु खनिजों को ट्रांजिट पास के माध्यम से निगरानी में रखा जाएगा।
बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनन क्षेत्र
से 3600 करोड़ रुपये राजस्व एकत्र करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया
है।
बिहार में बालू घाटों की संख्या 580 से बढ़कर 984 हो
गई है जो बड़े घाटों को छोटी इकाइयों में बांटने से यह वृद्धि हुई है। बिहार सरकार
बालू घाटों की संख्या बढ़ाकर और नीलामी प्रक्रिया को सरल बनाकर खनन से राजस्व
बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इसी क्रम में अवैध खनन रोकने और घाटों पर पारदर्शिता
सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है।
अवैध खनन पर रोक हेतु उपाए |
|
ड्रोन से निगरानी |
घाटों पर अवैध खनन रोकने के लिए ड्रोन की मदद ली
जाएगी। |
सीसीटीवी और कंट्रोल रूम |
सभी घाटों पर लगे सीसीटीवी कैमरे कंट्रोल रूम से
जुड़े हैं। |
जीओ-फेंसिंग और बैनर |
घाटों की सीमा तय कर वहां बैनर लगाए जाएंगे। |
चेकपोस्ट और धर्म कांटा |
ओवरलोडिंग रोकने के लिए सभी घाटों पर यह सुविधा दी
गई है। |
जीपीएस अनिवार्य |
खनिज ढोने वाले सभी वाहनों में जीपीएस लगाना
अनिवार्य है। |
प्रश्न: बिहार में अवैध खनन पर नियंत्रण के
लिए बिहार कैबिनेट ने अक्टूबर 2024 में किस नियमावली को स्वीकृत किया?
A)
बिहार खनिज सुरक्षा नियमावली, 2024
B)
बिहार खनिज परिवहन नियमावली, 2024
C)
बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण निवारण) (संशोधन) नियमावली, 2024
D)
बिहार खनिज नियमन और संरक्षण नियमावली, 2024
उत्तर: C) बिहार
खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं
भंडारण निवारण) (संशोधन) नियमावली, 2024
विवरण: अक्टूबर 2024 में बिहार कैबिनेट
ने बिहार खनिज (समानुदान, अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण
निवारण) (संशोधन) नियमावली, 2024 में अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
बिहार का अंतरराष्ट्रीय निर्यात क्षेत्र
में बढ़ता कदम
बिहार ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में बड़ी
उपलब्धि हासिल की है। बिहटा के नवनिर्मित इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) से अक्टूबर
2024 में बिहार से 90 कंटेनरों की पहली खेप रूस के लिए रवाना हुई। यह कदम न केवल
राज्य के व्यापारिक परिदृश्य को बदलने वाला है, बल्कि बिहार के उत्पादों
को वैश्विक पहचान दिलाने में भी मदद करेगा।
मुख्य बिंदु:
·
बिहटा इनलैंड
कंटेनर डिपो बिहार का पहला ड्राई पोर्ट और इनलैंड कंटेनर डिपो है।
·
बिहार के निर्यात
की काफी संभावनाएं हैं जिसमें कृषि और खाद्य उत्पाद जैसे मक्का, लीची, चावल, मखाना, फल और पैक्ड फूड
के अलावा अन्य उत्पादों में स्पंज आयरन, वेस्टपेपर, और अन्य औद्योगिक सामग्री शामिल है।
·
यह रेलमार्ग
द्वारा कोलकाता, हल्दिया, विशाखापट्टनम, नहवा शेवा, और मुंद्रा जैसे
प्रमुख बंदरगाहों से जुड़ा हुआ है जो आधुनिक सुविधाएं जैसे भंडारण, सीमा शुल्क, निकासी और परिवहन
सेवाओं का प्रदान करते हुए बिहार के आयातकों एवं निर्यातकों के लिए वन-स्टॉप
सॉल्यूशन प्रदान करेगा।
·
इस पोर्ट के बनने
के बाद बिहार के उत्पाद को वैश्विक पहचान मिलेगी और राज्य के उत्पाद अंतरराष्ट्रीय
स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनेंगे।
·
अब राज्य का
अंतरराष्ट्रीय व्यापार में तेजी आएगी और उत्पादों के निर्यात से रोजगार और राजस्व
में वृद्धि होगी।
प्रश्न:बिहार से 90 कंटेनरों की पहली खेप
किस देश के लिए रवाना की गई है, जो बिहटा के नवनिर्मित
इनलैंड कंटेनर डिपो (आईसीडी) से अक्टूबर 2024 में भेजी गई?
A)
चीन
B)
रूस
C)
जर्मनी
D)
अमेरिका
उत्तर: B) रूस
· BPSC के बदलते
पैटर्न के अनुसार छोटे प्रश्नों का उत्तर लिखने में शब्द सीमा बहुत महत्वपूर्ण
भूमिका निभाती है। · इसी को देखते हुए बिहार के समाचार पत्रों पर आधारित अति
महत्वपूर्ण करेंट अफेयर को संक्षिप्तता एवं सटीकता के साथ छोटे लेख के रूप में
अपडेटेड तथ्यों एवं आंकड़ों के साथ
उपलब्ध कराया जाता है। यह नोट्स आप हमारे BPSC के लिए टेलीग्राम अभ्यास ग्रुप में प्राप्त कर सकते
हैं। |
पटना में ठोस कचरा प्रबंधन और बायोगैस
प्लांट
पटना नगर निगम क्षेत्र में ठोस कचरे के बढ़ते प्रबंधन
संकट को देखते हुए रामाचक बैरिया में 100 टन क्षमता वाले कंप्रेस्ड बायो गैस
प्लांट की स्थापना की योजना बनाई गई है। यह योजना ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के
तहत तैयार की गई है,
और इससे कचरे के वैज्ञानिक निपटान के साथ ऊर्जा उत्पादन संभव होगा।
महत्वपूर्ण बिन्दु
·
केंद्रीय आवासन
एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने पटना को ठोस कचरा से विद्युत और बायो गैस उत्पादन के
लिए चयनित किया है तथा ठोस कचरा के वैज्ञानिक प्रबंधन हेतु पटना के रामाचक बैरिया
का चयन किया गया है।
·
रामचक बैरिया
डंपिंग यार्ड पर 15 वर्षों से कचरे का संग्रह हो रहा है। अब तक 15 लाख टन से अधिक
कचरा यहां जमा हो चुका है। बायो गैस प्लांट बनने के बाद प्रतिदिन 100 टन कचरे से
3.5 टन बायो गैस का उत्पादन होगा।
·
पटना नगर निगम
क्षेत्र से प्रतिदिन 933 टन कचरा निकलता है तथा प्रति व्यक्ति औसत कचरा उत्पादन
442 ग्राम आंका गया है।
बायो गैस प्लांट के लाभ:
·
ऊर्जा
उत्पादन:कचरे से बायो गैस का उत्पादन और सिलेंडर या पाइपलाइन के
माध्यम से वितरण।
·
कचरा
प्रबंधन में सुधार: ठोस कचरे के वैज्ञानिक निपटान से पर्यावरणीय नुकसान
में कमी।
·
डंपिंग
यार्ड का भार घटेगा: बैरिया डंपिंग यार्ड में जमा
कचरे का भार कम होगा।
·
स्वच्छता
और सतत विकास:स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों की पूर्ति होगी।
·
शहर की स्वच्छता और पर्यावरणीय स्थिरता में सुधार होगा।
बैरिया में कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट कार्यान्वित
होने से ठोस कचरे का वैज्ञानिक निपटान और नगर निगम क्षेत्र की स्वच्छता में सुधार
संभव होगा। यह पहल न केवल पटना के लिए बल्कि अन्य शहरी क्षेत्रों के लिए भी एक
आदर्श मॉडल बन सकती है।
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प्रश्न:पटना नगर निगम क्षेत्र में ठोस
कचरे के प्रबंधन के लिए कहां पर 100 टन क्षमता वाला कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट
स्थापित किया जाएगा?
A)
बिहटा
B)
रामाचक बैरिया
C)
दानापुर
D)
कंकड़बाग
उत्तर: B) रामाचक
बैरिया
विवरण: पटना नगर निगम क्षेत्र में ठोस
कचरे के बढ़ते प्रबंधन संकट को हल करने के लिए रामाचक बैरिया में 100 टन क्षमता
वाले कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट की स्थापना की योजना बनाई गई है। यह योजना ठोस
कचरा प्रबंधन नियम-2016 के तहत तैयार की गई है।
बिहार पासपोर्ट सेवा में 'ए'
श्रेणी में शामिल
बिहार ने पासपोर्ट निर्माण के
मामले में 'ए' श्रेणी प्राप्त
कर ली है। इस वर्ष राज्य में 3.80 लाख से अधिक पासपोर्ट बनाए गए, जो इसे देश के प्रमुख राज्यों की श्रेणी में ले आया है।
पासपोर्ट
निर्माण की श्रेणियां:
·
'ए' श्रेणी: 3 लाख से अधिक पासपोर्ट बनाने वाले राज्य।
·
'बी' श्रेणी: 3 लाख से कम, लेकिन ढाई लाख से अधिक।
·
'सी' श्रेणी: ढाई लाख से कम।
बिहार का प्रदर्शन पहले:'बी' श्रेणी में था
लेकिन इस वर्ष 3.80 लाख पासपोर्ट
बनाकर 'ए' श्रेणी में शामिल
हो गया। उल्लेखनीय है बढ़ती संख्या के कारण अतिरिक्त कार्यालयों की आवश्यकता है
तथा जल्दी ही बिहार में संबंधित जिलों के डाकघरों में नए पासपोर्ट कार्यालय खोले
जाएंगे जिससे स्थानीय लोगों को पासपोर्ट सेवा आसानी से उपलब्ध होगी।
प्रश्न:बिहार ने
पासपोर्ट निर्माण के मामले में कौन सी श्रेणी प्राप्त की है?
A) 'बी' श्रेणी
B) 'सी' श्रेणी
C) 'ए' श्रेणी
D) 'डी' श्रेणी
उत्तर: C) 'ए' श्रेणी
विवरण: बिहार
ने पासपोर्ट निर्माण के मामले में 'ए' श्रेणी
प्राप्त की है। इस वर्ष राज्य में 3.80 लाख से अधिक पासपोर्ट बनाए गए, जो इसे देश के प्रमुख राज्यों की श्रेणी में ले आता है। 'ए' श्रेणी उन राज्यों को मिलती है जिन्होंने 3 लाख से अधिक पासपोर्ट बनाए हों।
बिहार विजन 2047: सतत विकास और समृद्धि की
दिशा
बिहार सरकार ने आगामी दो दशकों के लिए राज्य के विकास की रूपरेखा तैयार करने
हेतु बिहार विजन 2047 डॉक्यूमेंट बनाने की प्रक्रिया शुरू की है। यह दस्तावेज
बिहार के सामाजिक-आर्थिक विकास को गति देने के साथ-साथ सतत विकास लक्ष्यों के
अनुरूप योजनाओं को समाहित करेगा।
बिहार विजन 2047 का लक्ष्य मौजूदा विकास योजनाओं को गति देना, उन्नत करना और
भविष्य की जरूरतों के अनुसार नई योजनाएं बनाना है ताकि बिहार को विकसित राज्य के
रूप में स्थापित किया जाए।
बिहार विजन
2047 में शामिल बिन्दु:
·
राज्य की प्रमुख
योजनाएं, कार्यक्रम, और विभागीय विजन।
·
बिहार विजन 2047
दस्तावेज में हर विभाग के विजन को समाहित किया जाएगा
·
आर्थिक विकास दर
को उच्चतम स्तर पर बनाए रखने की कार्य योजना।
·
संसाधनों के
अधिकतम उपयोग की विस्तृत योजना।
·
सतत विकास लक्ष्य
(SDGs) के अनुरूप
वैश्विक लक्ष्यों के साथ समन्वय हेतु योजना।
·
योजनाओं की बेहतर
रूप में तकनीकी निगरानी और विभागीय समन्वय ।
·
समय समय पर उच्च
जिलास्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक, समीक्षा एवं तदनुसार क्रियान्वयन योजना।
बिहार विजन 2047 में बिहार की
भविष्य की सभी योजनाओं, मौजूदा योजनाओं के स्वरूप और भविष्य की जरूरतों के आधार
पर तैयार की जाने वाली योजनाओं को शामिल किया जाएगा। विजन में शामिल कुछ प्रमुख
योजनाएं निम्न है
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BPSC टेलीग्राम ग्रुप (Pre+Mains)
BPSC
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बिहार विजन
2047 का महत्त्व:
·
दीर्घकालिक
विकास:इस दस्तावेज़ से बिहार के दीर्घकालिक विकास की आधारशिला रखी जाएगी।
·
सतत विकास
लक्ष्यों का अनुसरण: राज्य की योजनाएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों से मेल
खाएंगी।
·
समृद्धि और
समन्वय:सभी विभागों और क्षेत्रों का संतुलित विकास सुनिश्चित होगा।
·
आर्थिक और
सामाजिक सुधार:बिहार की विकास दर को तेज करने, रोजगार और शिक्षा में सुधार लाने में सहायक।
बिहार विजन 2047 डॉक्यूमेंट
राज्य को अगले दो दशकों में एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में एक
मजबूत पहल है। यह राज्य के संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित करेगा और योजनाओं को
समय पर पूरा करने में मदद करेगा। इस विजन के प्रभावी कार्यान्वयन से बिहार के
नागरिकों के जीवन स्तर में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
बिहार में पर्यटन
स्थलों की वैश्विक ब्रांडिंग के लिए फिल्म निर्माण पहल
बिहार सरकार ने राज्य के
पर्यटन स्थलों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और ब्रांडिंग के लिए 12 जिलों में
पर्यटन आधारित फिल्मों की शूटिंग शुरू करने की घोषणा की है। इस पहल के तहत, मुंबई की एक
पेशेवर एजेंसी को पर्यटन स्थलों की ड्रोन शूटिंग, वीडियो एडिटिंग और डॉक्यूमेंट्री निर्माण का कार्य सौंपा
गया है।
बिहार सरकार के इस पहल का
उद्देश्य बिहार के समृद्ध सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक स्थलों को अंतरराष्ट्रीय बाजार
में पहचान दिलाना, वैश्विक ब्रांडिंग करना तथा अधिक संख्या में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय
पर्यटकों को आकर्षित करना है।
शूटिंग के लिए
चिह्नित स्थल:
·
पटना: पटना जंक्शन, हनुमान मंदिर, तारामंडल, पटना म्यूजियम, बिहार म्यूजियम, गोलघर, तख्तश्री हरमंदिर
साहिब, गांधी मैदान, मरीन ड्राइव।
·
बेतिया और आसपास:
वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व, लौरिया नंदनगढ़ स्तूप, भितिहरवा गांधी आश्रम, उदयपुर वाइल्डलाइफ सेंचुरी और मोतीझील।
·
सीतामढ़ी: जानकी
मंदिर, बगही मठ, पंथ पकार।
·
दरभंगा: अहिल्या
मंदिर, आनंदबाग पैलेस, श्री रक्त काली
चौसठ मंदिर, मां उग्रतारा
स्थान मंदिर, संत कारू खिरहरी
मंदिर।
·
गया: विष्णुपद
मंदिर, मां मंगलागौरी
मंदिर, ब्रह्मयोनि हिल।
बोधगया:
महाबोधि मंदिर, मुचलिंडा पोखर, 80 फीट बुद्ध प्रतिमा।
·
मुंगेर का बिहार
स्कूल ऑफ योगा
·
भागलपुर: विक्रमशिला गैंगेटिक डॉल्फिन सेंचुरी, कहलगांव।
·
बांका: ओढ़नी डैम
·
जमुई: नागी डैम
बर्ड सेंचुरी, लछुआर श्वेतांबर
जैन मंदिर।
·
दक्षिण बिहार:
मां मुंडेश्वरी मंदिर, कैमूर वाइल्डलाइफ सेंचुरी, तेलहर कुंड, करमचट डैम, शेरगढ़ फोर्ट।
महत्व:
·
पर्यटन विकास: यह
पहल पर्यटन क्षेत्र में रोजगार सृजन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगी।
·
राज्य की
छवि:बिहार के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर स्थलों को एक नई पहचान
मिलेगी।
·
आधुनिक तकनीक का
उपयोग:ड्रोन और डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग पर्यटन स्थलों के व्यापक प्रचार-प्रसार
में सहायक होगा।
यह पहल बिहार को वैश्विक
पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य के
समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को उजागर करने से न केवल पर्यटकों की संख्या
बढ़ेगी, बल्कि राज्य की
आर्थिक और सांस्कृतिक छवि भी सुदृढ़ होगी।
बिहार में पर्यटन
के लिए नए सुविधाएं: राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों पर पर्यटन केंद्रों का विकास
बिहार सरकार ने राज्य के
राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों पर यात्रियों के लिए खाने-पीने और अन्य सुविधाएं
प्रदान करने की दिशा में एक नई पहल शुरू की है।
इस परियोजना के तहत, पर्यटन विभाग इन
मार्गों पर रेस्टोरेंट, कैफेटेरिया, फूड प्लाजा और अन्य सुविधाएं विकसित करेगा, ताकि पर्यटकों और
यात्रियों को बेहतर अनुभव मिल सके।
खाने-पीने की
सुविधाएं:
·
राजमार्गों पर
रेस्टोरेंट, कैफेटेरिया और
फूड प्लाजा खोले जाएंगे, जहां यात्री आसानी से भोजन कर सकेंगे।
·
विभिन्न प्रकार
के खाद्य विकल्प उपलब्ध होंगे, जिनमें स्थानीय व्यंजन भी शामिल होंगे।
पार्किंग और
विश्राम सुविधाएं:
·
यात्री वाहनों के
लिए पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था।
·
विश्राम के लिए
सुविधाजनक स्थल, आवास की सुविधा
भी कुछ स्थानों पर उपलब्ध कराई जाएगी।
आवश्यक सेवाएं:
·
शौचालय, पेयजल और
चिकित्सा सुविधाएं यात्रियों के लिए उपलब्ध की जाएंगी।
·
हस्तशिल्प बाजार
और स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए स्टॉल भी लगाए जाएंगे, जिससे स्थानीय
कारीगरों को प्रोत्साहन मिलेगा।
बिहार सरकार की यह पहल राज्य
के पर्यटन और यातायात क्षेत्र के लिए एक बड़ी और सकारात्मक कदम है। इस परियोजना के
सफल क्रियान्वयन से न केवल बिहार में यात्रा करने का अनुभव बेहतर होगा, बल्कि राज्य के
समग्र विकास में भी अहम भूमिका निभाई जाएगी।
बिहार की विद्युत
क्रांति
बिहार ने पिछले दो दशकों में
ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सुधार करते हुए एक नई पहचान बनाई है। 2005 में जहां राज्य
बिजली कटौती और जर्जर ढांचे से जूझ रहा था, वहीं आज यह पूरे देश में विद्युतीकरण के एक मॉडल के रूप
में उभर कर सामने आया है। ऊर्जा क्षेत्र में बिहार की उपलब्धियों को निम्न प्रकार
देखा जा सकता है
विद्युतीकरण
में रिकॉर्ड वृद्धि
·
इसरो की नाइट
टाईंग लाइट रिपोर्ट के अनुसार, 2012 से 2022 के बीच राज्य में रोशनी में 274% की वृद्धि हुई, जो राष्ट्रीय औसत से 10 गुना अधिक है।
·
2005 में औसतन 7-8 घंटे बिजली की आपूर्ति होती थी, जो अब 22-24 घंटे तक हो रही है।
·
ग्रामीण
विद्युतीकरण का लक्ष्य 2017 में पूरा किया गया।
पुराने ढांचे
का पुनर्निर्माण
·
88000 सर्किट किमी तारों को बदला गया, जिससे विद्युत स्पर्शाघात से होने वाली दुर्घटनाओं में
कमी आई।
·
पुराने जर्जर
ढांचे को बदलने के साथ-साथ नई संरचनाओं का निर्माण किया गया।
संचरण क्षमता
में वृद्धि:
·
2005 में अधिकतम विद्युत मांग 700 मेगावाट थी, जो 2024 में 8005 मेगावाट तक पहुंच गई।
·
प्रति व्यक्ति
ऊर्जा खपत 70 यूनिट (2005) से बढ़कर 363 यूनिट हो गई।
कृषि और सस्ती
बिजली
·
4 लाख से अधिक कृषि कनेक्शन प्रदान किए गए।
·
डेडिकेटेड कृषि
फीडर का निर्माण किया गया।
·
उपभोक्ताओं को 40% से 92% तक सब्सिडी देकर
सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रेरणादायक
मॉडल
·
हर घर बिजली
योजना को एक राष्ट्रीय मॉडल के रूप में अपनाते हुए सौभाग्य योजना की शुरुआत की गई।
·
नालंदा जिला
प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
·
सौर ऊर्जा को
बढ़ावा देने के लिए "जल जीवन हरियाली" अभियान के तहत नए कदम उठाए गए।
·
स्मार्ट प्रीपेड
मीटर पूरे राज्य में लगाए जा रहे हैं।
आर्थिक और
सामाजिक प्रभाव
·
राज्य की आर्थिक
प्रगति में बिजली आपूर्ति का अहम योगदान।
·
गांवों, टोलों, और शहरों में
बिजली पहुंचने से ग्रामीण और शहरी जीवनस्तर में सुधार हुआ।
·
बेहतर बिजली
आपूर्ति कृषि और उद्योग क्षेत्र को प्रोत्साहन।
बिहार की यह विद्युत क्रांति
राज्य के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई है। न केवल बिजली आपूर्ति में सुधार हुआ, बल्कि यह ग्रामीण
विकास, कृषि, और औद्योगिक
विकास का भी आधार बनी।
बिहार में योजनाओं का
बेहतर कार्यान्वयन हेतु बिहार सहायता मिशन
परिचय: बिहार में विकास
योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन के लिए नीति आयोग ने एक नई पहल शुरू की है। इसके तहत
राज्य सहायता मिशन और राज्य परिवर्तन सेल कार्यक्रम कार्यान्वन इकाई की स्थापना
की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बिहार सरकार के योजना और
विकास विभाग ने नीति आयोग के साथ मिलकर एक विस्तृत विकास कार्ययोजना तैयार की है, जो विभिन्न
विभागों के बीच समन्वय और परिणामोन्मुखी कार्यविधियों को प्रोत्साहित करेगा।
उल्लेखनीय है कि 2015-16 में
केन्द्र प्रायोजित स्कीम की संख्या 28 थी जो 2023 में बढ़कर 107 हो गयी । अत:
यह आवश्यक है कि इन योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो । इस पहल का उद्देश्य राज्य
के अधिकारियों को योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में मार्गदर्शन देना और
उन्हें विस्तृत रिसर्च के आधार पर कार्ययोजना बनाने में मदद करना है।
महत्वपूर्ण बिन्दु
·
नीति आयोग ने इस
पहल के तहत चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान को लीड नॉलेज इंटूटर के रूप में चुना है।
·
इस योजना के
उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए विभिन्न कार्यशालाओं, अनुसंधान, और परामर्श का आयोजन किया जाएगा।
·
बिहार में आर्थिक
सुधार और विकास की गति को बढ़ावा नीति आयोग राज्य सहायता मिशन और परिवर्तन सेल
इकाई बनाएगा।
·
इस पहल के दौरान
कृषि, बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला विकास, डाटा एनालिटिक्स, शहरी विकास, कौशल विकास, रोजगार, और उद्यमिता जैसे
प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में उभरती
प्रौद्योगिकियों की सहायता से राज्य के विकास को गति दी जाएगी।
·
विकास योजनाओं को
तेजी से लागू करने और बेहतर नियोजन के लिए केंद्रीय और राज्य सरकार के अधिकारियों
के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा।
·
उन क्षेत्रों में
विशेष सहयोग होगा जहां राज्य बेहतर परिणाम हासिल कर सकता है, जैसे कि कृषि
प्रसंस्करण और स्मार्ट प्रौद्योगिकी के उपयोग से क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना।
नीति आयोग की यह पहल बिहार
में योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन और राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने में
सहायक सिद्ध होगी। चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान द्वारा प्रदान किया गया ज्ञान और
मार्गदर्शन राज्य के अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण होगा, जिससे विकास के
उद्देश्यों को प्रभावी ढंग से प्राप्त किया जा सके।
Whatsapp/Contact No. 74704-95829
70वी
BPSC टेलीग्राम ग्रुप (Pre+Mains)
BPSC
Pre के बाद Mains
writing batch आरंभ
विषय: बिहार की
ग्राम कचहरियों में लंबित मुकदमे और समाधान की दिशा में प्रयास
बिहार में ग्राम कचहरियों का
गठन ग्रामीण स्तर पर विवादों के त्वरित और सुलभ समाधान के उद्देश्य से किया गया
था। पंचायत राज अधिनियम 2006 के तहत स्थापित ये कचहरियां ग्रामीण न्याय व्यवस्था
का आधार हैं। हालांकि, हाल की रिपोर्टों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2023-24 तक बिहार में
ग्राम कचहरियों में 14,777 थी जिसमें सबसे ज्यादा लंबित मुकदमे भागलपुर (1,654)
के थे । यह स्थिति न्याय की त्वरित उपलब्धता के उद्देश्य को चुनौती देती है।
लंबित मुकदमों के कारण
·
बैठकें पर्याप्त
संख्या में आयोजित न होना।
·
कचहरी सचिव और
न्याय मित्र की कमी।
·
विवादों में
दोनों पक्षों का न्याय प्रक्रिया में सहयोग न करना।
·
प्रशासनिक और
तकनीकी चुनौतियां।
ग्राम कचहरी का महत्व
·
न्याय की पहुंच:
यह ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय व्यवस्था को सरल और सुलभ बनाती है।
·
सिविल कोर्ट का
भार कम: ग्राम स्तर पर विवादों के निपटारे से उच्च अदालतों पर मुकदमों का भार घटता
है।
·
आपसी सहमति से
समाधान: ग्राम कचहरी अधिकतर मामलों को आपसी समझौते से हल करती है, जिससे विवादों का
सौहार्दपूर्ण समाधान होता है।
·
सामाजिक समरसता:
विवादों का समाधान ग्रामीण समाज में शांति बनाए रखने में सहायक होता है।
तत्कालिक कदम
·
विशेष बैठकें-ग्राम
कचहरियों में लंबित मुकदमों के निबटारे के लिए नियमित और विशेष बैठकें आयोजित की
जाएं।
·
न्याय मित्र और
सचिवों की सक्रिय भूमिका-कचहरी सचिव और न्याय मित्रों को प्रशिक्षित किया जाए और
उनकी जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाए।
·
तकनीकी
सुधार-लंबित मुकदमों की स्थिति को ट्रैक करने के लिए डिजिटल प्रणाली का उपयोग।
दीर्घकालिक
रणनीति
·
सार्वजनिक
जागरूकता-ग्रामीण जनता को ग्राम कचहरी की उपयोगिता और प्रक्रिया के बारे में
शिक्षित किया जाए।
·
संसाधनों की
उपलब्धता-कचहरियों में पर्याप्त संसाधन, जैसे कार्यालय सामग्री, कर्मी और आधारभूत संरचना सुनिश्चित की जाए।
·
पंच और सरपंच का
प्रशिक्षण-ग्राम कचहरियों में न्यायिक प्रक्रिया की दक्षता बढ़ाने के लिए सरपंच और
पंचों को प्रशिक्षण दिया जाए।
·
अंतर-विभागीय
समन्वय- न्यायिक, प्रशासनिक और पुलिस विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया जाए।
ग्राम कचहरियां बिहार के
ग्रामीण क्षेत्रों में न्याय की पहली सीढ़ी हैं। इन कचहरियों में लंबित मुकदमों का
शीघ्र समाधान न केवल न्याय प्रक्रिया को सुगम बनाएगा, बल्कि ग्रामीण समाज में शांति और विकास को भी
प्रोत्साहित करेगा।
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70th BPSC Telegram Group (Mains)
पंचायत सरकार भवनों और स्ट्रीट लाइट की
प्रगति
अक्टूबर 2024 में बिहार के मुख्यमंत्री
द्वारा 2615 पंचायत सरकार भवनों का शिलान्यास किया जिसे जून 2025 तक सभी पंचायतों में इनके निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही उन्होंने सभी वार्डों में स्ट्रीट लाइट
लगाने को भी समयबद्ध तरीके से पूरा करने
पर जोर दिया। पूरे राज्य में 11.75 लाख से ज्यादा स्ट्रीट लाइट
लगाने का लक्ष्य है। अक्टूबर 2024 तक 3.75 लाख सोलर स्ट्रीट लाइटों का लोकार्पण किया गया जबकि शेष बचे स्ट्रीट लाइट
लगाने का काम मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है ।
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Best of Luck to all
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