बिहार करेंट अफेयर- सितम्बर 2024
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बिहार में नदियों
पर वीयरों को बराज में बदलने की योजना
बिहार में नदियों के जल प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण के
उद्देश्य से, राज्य सरकार ने
नदियों पर बने वीयरों को छोटे-छोटे बराजों में बदलने की योजना बनाई है। इस पहल का
मुख्य उद्देश्य किसानों के लिए सिंचाई जल की उपलब्धता बढ़ाना और बाढ़ की समस्याओं
को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना है।
वीयर और उनकी उपयोगिता
·
वीयर एक छोटा
बांध है जो नदी के जलस्तर को नियंत्रित करता है। इसका उपयोग जल प्रवाह को
नियंत्रित करने और सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है लेकिन
वर्तमान में वीयरों की सीमित क्षमता और बढ़ती जरूरतों के कारण इनकी उपयोगिता कम हो
गई है।
·
बराज बनने से
किसानों को सिंचाई के लिए अधिक जल मिलेगा और बाढ़ की समस्या से राहत मिलेगी। योजना
के तहत कमला वीयर , नाटा वीयर के अलावा कुछ अन्य बराज में बदलने के साथ वीयर के आसपास नए
बराजों का निर्माण भी किया जाएगा।
प्रभाव
·
बराज निर्माण से
सिंचाई के लिए जल उपलब्धता बढ़ेगी।
·
बाढ़ की समस्या
का प्रभावी समाधान होगा।
·
किसानों और
ग्रामीण क्षेत्रों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।
प्रश्न: बिहार में नदियों के जल प्रबंधन और बाढ़
नियंत्रण के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने नदियों पर बने वीयरों को छोटे-छोटे
बराजों में बदलने की योजना बनाई है। वीयर को बराज में बदलने का मुख्य उद्देश्य
क्या है?
A) जल विद्युत
उत्पादन बढ़ाना
B) जल प्रवाह को
नियंत्रित करना और सिंचाई के लिए अधिक जल उपलब्ध कराना
C) नदी परिवहन को
बढ़ावा देना
D) पर्यावरण संरक्षण
सुनिश्चित करना
उत्तर: B) जल
प्रवाह को नियंत्रित करना और सिंचाई के लिए अधिक जल उपलब्ध कराना
पेरिस पैरालंपिक
में शरद कुमार का शानदार प्रदर्शन
बिहार के शरद कुमार ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में टी63
हाई जंप इवेंट में रजत पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। इससे पहले उन्होंने 2020
के पैरालंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था। हांलाकि इस पैरालंपिक में जमुई के
शैलेश कुमार चौथे स्थान पर रहे और पदक से चूक गए।
प्रश्न: पेरिस पैरालंपिक 2024 में टी63 हाई जंप इवेंट
में रजत पदक किसने जीता?
A) शैलेश कुमार
B) नीरज चोपड़ा
C) शरद कुमार
D) प्रवीण कुमार
उत्तर: C) शरद
कुमार
विवरण:बिहार के शरद कुमार ने पेरिस
पैरालंपिक 2024 में टी63
हाई जंप इवेंट में रजत पदक जीतकर देश का
नाम रोशन किया। इससे पहले उन्होंने 2020 पैरालंपिक खेलों में कांस्य पदक जीता था।
डॉ. भीम सिंह- 'भारत के 75 महान
क्रांतिकारी' पुस्तक
आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर बिहार के पूर्व मंत्री
और वर्तमान भाजपा सांसद डॉ. भीम सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की शहादत को
सम्मानित करने के उद्देश्य से 'भारत के 75 महान क्रांतिकारी' पुस्तक की रचना की है।
यह पुस्तक न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की गाथाओं
को उजागर करती है, बल्कि नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
प्रश्न: 'भारत के 75 महान क्रांतिकारी' पुस्तक के लेखक कौन हैं?
A) डॉ. भीम सिंह
B) रामचंद्र गुहा
C) शशि थरूर
D) अनुपम खेर
उत्तर: A) डॉ.
भीम सिंह
विवरण: आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर, बिहार के पूर्व मंत्री और वर्तमान भाजपा सांसद डॉ. भीम सिंह ने 'भारत के 75 महान क्रांतिकारी' पुस्तक
की रचना की है।
नए कानून में दंड
दिलाने वाला पहला जिला -सारण
सारण जिले ने अपराध न्याय व्यवस्था में तेजी से
कार्यवाही करके एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया है। नए कानून के तहत
तिहरे हत्याकांड मामले में 14 दिनों के भीतर आरोप पत्र दायर करने और मात्र 48
दिनों में आरोपितों को सजा दिलाने के लिए सारण देश का पहला जिला बन गया है।
प्रश्न: अपराध न्याय व्यवस्था में तिहरे हत्याकांड मामले
में 48 दिनों में सजा
दिलाने वाला भारत का पहला जिला कौन सा है?
A) पटना
B) सारण
C) गया
D) भागलपुर
उत्तर: B) सारण
विवरण: सारण जिले ने तिहरे हत्याकांड मामले में 14 दिनों के भीतर आरोप पत्र दाखिल किया गया और मात्र 48 दिनों में आरोपितों को सजा दिलाई गई, जिससे सारण देश का पहला ऐसा जिला बन गया है।
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70वी BPSC टेलीग्राम ग्रुप (Pre+Mains)
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सभी 44 साइबर
थानों को जोड़ने के लिए पोर्टल
बिहार सरकार ने राज्य के सभी 44 साइबर थानों को एक
आधुनिक नेटवर्किंग सिस्टम से जोड़ने की योजना बनाई है। इसके लिए एक विशेष पोर्टल
तैयार किया जा रहा है, जिसे सी-डैक संस्थान के साथ मिलकर विकसित किया जा रहा है।
इस पोर्टल के माध्यम से सभी थाने सीधे आर्थिक अपराध इकाई
(ईओयू) के साइबर कोर सेंटर से जुड़े होंगे। इसका उद्देश्य साइबर अपराधों की सटीक
मॉनिटरिंग और अपराधियों की गिरफ्तारी को आसान बनाना है। यह प्रणाली, जो केवल साइबर
थानों के लिए तैयार की जा रही है, सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग
सिस्टम) से अलग होगी।
इस नेटवर्क से जुड़ने के बाद साइबर थानों के बीच रियल
टाइम में अपराधियों की जानकारी साझा की जा सकेगी जिससे उनकी गिरफ्तारी में मदद मिलेगी।
प्रश्न: बिहार सरकार किस संस्थान के सहयोग से सभी 44 साइबर थानों के
लिए एक विशेष पोर्टल विकसित कर रही है?
A) आईआईटी पटना
B) एनआईसी
C) सी-डैक
D) ईओयू
उत्तर: C) सी-डैक
विवरण: यह पोर्टल सी-डैक संस्थान के साथ
मिलकर तैयार किया जा रहा है, जिससे सभी थाने सीधे आर्थिक अपराध इकाई
(ईओयू) के साइबर कोर सेंटर से जुड़ सकें।
70वी
BPSC टेलीग्राम ग्रुप (Pre+Mains)
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साइबर अपराध FIR दर्ज करने में
शीर्ष स्थान
अगस्त 2024 में जारी नेशनल क्राइम रिकॉर्ड पोर्टल
(एनसीआरपी) के आंकड़ों के अनुसार बिहार ने न केवल साइबर ठगी में फंसी राशि को वापस
दिलाने में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, बल्कि साइबर अपराध से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करने के
मामले में भी देश में तीसरे स्थान पर है।
साइबर अपराध से जुड़ी प्राथमिकी दर्ज करने में सबसे
अच्छा प्रदर्शन करने वाले जिलों के रूप में सारण, मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद, लखीसराय और पटना
हैं।
इसके अलावा साइबर ठगी के मामलों में बिहार ने लोगों की
फंसी राशि को वापस दिलाने और ठगी राशि को होल्ड कराने में महत्वपूर्ण प्रगति की
है। बिहार ने इस मामले में देश के शीर्ष 10 राज्यों में अपनी जगह बनाई है।
प्रश्न: अगस्त 2024 में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड
पोर्टल (एनसीआरपी) के अनुसार, साइबर अपराध से जुड़ी प्राथमिकी दर्ज करने में बिहार का
देश में कौन सा स्थान है?
A) पहला
B) दूसरा
C) तीसरा
D) चौथा
उत्तर: C) तीसरा
विवरण: आंकड़ों के अनुसार, बिहार साइबर अपराध से संबंधित प्राथमिकी दर्ज करने में देश में तीसरे स्थान
पर है।
बिहार में एयर
कनेक्टिविटी का विस्तार
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हवाई
कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कहा कि राज्य के किसी भी हिस्से से अधिकतम 200
किलोमीटर की दूरी में हवाई अड्डा उपलब्ध होगा। यह कदम न केवल बिहारवासियों के लिए
यात्रा की सुविधा को बढ़ाएगा, बल्कि राज्य के किसानों और उद्यमियों के उत्पादों को देश
और विदेशों में सुगमता से भेजने में मदद करेगा।
राज्य में वर्तमान में तीन प्रमुख हवाई अड्डे हैं—पटना, गया, और दरभंगा। इन
हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ, नए हवाई अड्डों की योजना भी बनाई जा रही है। इनमें
पूर्णिया, रक्सौल, राजगीर, और भागलपुर शामिल
हैं, जहां नए हवाई
अड्डों का निर्माण किया जाएगा।
प्रश्न: बिहार में हवाई कनेक्टिविटी को सुधारने के लिए
किन स्थानों पर नए हवाई अड्डे बनाए जाने की योजना है?
A) पूर्णिया, रक्सौल, राजगीर, और भागलपुर
B) पटना, गया, दरभंगा, और मुजफ्फरपुर
C) मोतिहारी, सहरसा, राजगीर, और बेतिया
D) पूर्णिया, पटना, भागलपुर, और सहरसा
उत्तर: A) पूर्णिया, रक्सौल, राजगीर, और भागलपुर
विवरण: नए हवाई अड्डे पूर्णिया, रक्सौल, राजगीर, और भागलपुर में बनाए जाएंगे, जिससे राज्य के सभी हिस्सों में अधिकतम 200 किलोमीटर के भीतर हवाई अड्डा उपलब्ध हो सके।
बिहार में इंडिया
पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) एप डाउनलोडिंग में अग्रणी
बिहार ने डिजिटल बैंकिंग और मोबाइल एप डाउनलोडिंग के
क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। राज्य में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स
बैंक (आईपीपीबी) का मोबाइल एप डाउनलोड करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख के
पार पहुंच गई है, जिससे यह देशभर में सबसे आगे है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) एप
डिजिटल लेन-देन और बैंकिंग सेवाओं को सरल और सुलभ बनाता है।
आईपीपीबी के जरिए खाता खोलने में बिहार का दूसरा स्थान
है, जबकि उत्तरप्रदेश
सबसे ऊपर है। बिहार में 1.40 करोड़ आईपीपीबी खाताधारी हैं। इसके अलावा खाता जमा
राशि में भी बिहार दूसरे स्थान पर है, जहां डाकघरों के खातों में 17 करोड़ 50 लाख रुपये जमा
हैं।
प्रश्न: बिहार में इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक
(आईपीपीबी) से संबंधित निम्नलिखित में से कौन सा बयान सही है?
A) बिहार ने
आईपीपीबी एप डाउनलोड करने में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है।
B) बिहार में
आईपीपीबी के खाता धारकों की संख्या 1.40 करोड़ है।
C) बिहार में
आईपीपीबी के माध्यम से खाता खोलने में राज्य का स्थान तीसरा है।
D) बिहार में
डाकघरों के खातों में कुल जमा राशि 17 लाख रुपये है।
उत्तर: A) बिहार
ने आईपीपीबी एप डाउनलोड करने में देशभर में पहला स्थान हासिल किया है।
विवरण: बिहार ने डिजिटल बैंकिंग में एक
महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है, जहां इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक
(आईपीपीबी) का मोबाइल एप डाउनलोड करने वाले उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख के पार पहुंच गई है, जिससे
यह राज्य देशभर में पहले स्थान पर है।
बिहार में
हाईस्पीड रेल कॉरिडोर
बिहार में प्रस्तावित हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के लिए तीन
प्रमुख स्थानों—पटना के बिहटा, गया के मानपुर और बक्सर के हुकाहां में स्टेशनों के
निर्माण के लिए भूमि का चयन किया गया है। इसके अलावा, आरा में भी एक स्टेशन निर्माण की अनुशंसा की गई है। यह
परियोजना राज्य में परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने और यात्रा को तेज एवं
सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है।
प्रश्न: बिहार में प्रस्तावित हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के
लिए निम्नलिखित में से कौन सा स्थान स्टेशनों के निर्माण के लिए चुना गया है?
A) पटना के बिहटा
B) गया के मानपुर
C) बक्सर के हुकाहां
D) सभी उपर्युक्त
स्थान
उत्तर: D) सभी
उपर्युक्त स्थान
विवरण: बिहार में प्रस्तावित हाईस्पीड रेल
कॉरिडोर के लिए पटना के बिहटा, गया के मानपुर, और
बक्सर के हुकाहां में स्टेशनों के निर्माण के लिए भूमि का चयन किया गया है। इसके
अतिरिक्त, आरा में भी एक स्टेशन निर्माण की अनुशंसा की गई।
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स्वास्थ्य
सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में कदम
सितम्बर 2024 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य
मंत्री जे.पी. नड्डा ने पटना स्थित आईजीआईएमएस में पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े
नेत्र अस्पताल का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार आईजीआईएमएस में
1200 बेड का सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल का निर्माण 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद, अस्पताल में कुल
बेड की संख्या 3000 से ज्यादा हो जाएगी।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में
9 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण की घोषणा की, जिससे बिहार में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 6 से बढ़कर 11
हो गई है। इसके अलावा, 15 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण पर काम चल रहा है, और 8 मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में केंद्र सरकार का
सहयोग मिल रहा है।
प्रश्न: सितम्बर 2024 में बिहार में कौन सा सबसे
बड़ा नेत्र अस्पताल उद्घाटित किया गया था?
A) पटना स्थित
आईजीआईएमएस में
B) गया स्थित एम्स
में
C) मुजफ्फरपुर स्थित
नेत्र अस्पताल में
D) दरभंगा स्थित
नेत्र अस्पताल में
उत्तर: A) पटना
स्थित आईजीआईएमएस में
विवरण: सितम्बर 2024
में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने पटना
स्थित आईजीआईएमएस में पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े नेत्र अस्पताल का उद्घाटन
किया।
बिहार का पहला
स्पोर्ट क्लाइम्बिंग वॉल
बिहार ने एडवेंचर स्पोर्ट्स की दिशा में एक बड़ा कदम
उठाते हुए पाटलिपुत्र खेल परिसर में राज्य के पहले राष्ट्रीय स्तर के स्पोर्ट
क्लाइम्बिंग वॉल का उद्घाटन किया। खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने इसका उद्घाटन किया
और युवाओं को इस खेल में भागीदारी के लिए प्रेरित किया।
यह वॉल स्पोर्ट क्लाइम्बिंग ओलंपिक खेलों का एक हिस्सा
है जो बिहार को नई पहचान देगा। भविष्य में राजगीर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का
स्पोर्ट क्लाइम्बिंग वॉल बहुत जल्द बनने जा रहा है।
प्रश्न: बिहार में राज्य के पहले राष्ट्रीय स्तर के
स्पोर्ट क्लाइम्बिंग वॉल का उद्घाटन कहां किया गया था?
A) पटना के गांधी
मैदान में
B) पाटलिपुत्र खेल
परिसर में
C) राजगीर खेल परिसर
में
D) मुजफ्फरपुर खेल
परिसर में
उत्तर: B) पाटलिपुत्र
खेल परिसर में
विवरण: बिहार ने एडवेंचर स्पोर्ट्स की
दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए पाटलिपुत्र खेल परिसर में राज्य के पहले राष्ट्रीय
स्तर के स्पोर्ट क्लाइम्बिंग वॉल का उद्घाटन किया।
महिला कॉलेजों
में एनीमिया मुक्त होने की दिशा में सकारात्मक कदम
बिहार के 60 महिला कॉलेजों में चल रहे सेहत केंद्रों के
माध्यम से छात्राओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप, 50% से अधिक
छात्राएं एनीमिया मुक्त हो गईं हैं। इन सेहत केंद्रों ने छात्राओं की कमजोरी, सिरदर्द, पेट दर्द जैसी
समस्याओं में भी काफी कमी की है। यह जानकारी जुलाई 2024 में किए गए सर्वे में
सामने आई है, जिसमें 55,765
छात्राओं को शामिल किया गया था।
वर्ष 2018 में, महिला कॉलेजों में सेहत केंद्र खोले गए थे, ताकि छात्राओं
में स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाई जा सके। इन केंद्रों में सेमिनार, स्वास्थ्य
संबंधित प्रतियोगिताएं, और विशेषज्ञों से बातचीत जैसी गतिविधियां होती हैं। इसके
माध्यम से छात्राओं को चिकित्सा सहायता और दवाइयाँ भी प्रदान की जाती हैं।
प्रश्न: बिहार के महिला कॉलेजों में सेहत केंद्रों के
माध्यम से छात्राओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ने के परिणामस्वरूप कितनी
प्रतिशत छात्राएं एनीमिया मुक्त हो गईं हैं?
A) 40%
B) 50%
C) 60%
D) 70%
उत्तर: B) 50%
विवरण: बिहार के 60 महिला
कॉलेजों में चल रहे सेहत केंद्रों के माध्यम से छात्राओं में स्वास्थ्य के प्रति
जागरूकता बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप 50% से अधिक छात्राएं एनीमिया मुक्त हो गईं हैं।
बिहार में हर
दरवाजे पशु चिकित्सा सेवा की शुरुआत
सितम्बर 2024 में बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा बिहार
में हर दरवाजे पर पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 534 मोबाइल पशु
चिकित्सा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन वाहनों के माध्यम से पशुपालकों
को उनके घर के पास पशु चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी। प्रत्येक मोबाइल पशु चिकित्सा
वाहन में पशु रोगों की पहचान, चिकित्सा और लघु सर्जरी, आवश्यक दवाइयाँ और कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा, पशु चिकित्सक, सहायक की सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा मोबाइल पशु चिकित्सा कॉल
सेंटर का उद्घाटन भी किया और पशुपालकों के लिए बिहार पशुपालक ऐप और किसान पशुपालक
ऐप का भी लोकार्पण किया। इन ऐप्स और कॉल सेंटर का उद्देश्य पशुपालकों को उनकी
समस्याओं का त्वरित समाधान उपलब्ध कराना है।
इस पहल से बिहार के ग्रामीण और सुदूर इलाकों में
पशुपालकों के लिए बीमारियों का त्वरित इलाज और विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त
करना संभव होगा, जिससे राज्य में
पशुपालन क्षेत्र की स्थिति मजबूत होगी।
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प्रश्न: बिहार के मुख्यमंत्री ने सितम्बर 2024 में पशुपालकों
के लिए कौन सी सेवाओं की शुरुआत की?
A) मोबाइल पशु
चिकित्सा वाहनों की शुरुआत
B) निःशुल्क पशु टीकाकरण
योजना
C) पशु पालन के लिए
नई कृषि नीति
D) सभी उपरोक्त
उत्तर: A) मोबाइल
पशु चिकित्सा वाहनों की शुरुआत
विवरण: सितम्बर 2024 में
बिहार के मुख्यमंत्री ने हर दरवाजे पर पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए 534 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना
किया।
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बिहार में गुड़
उद्योग प्रोत्साहन नीति लागू
बिहार में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के
उद्देश्य से गुड़ उद्योग प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दी गई है। यह नीति राज्य में
गन्ना उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक
महत्वपूर्ण पहल है।
गुड़ उद्योग प्रोत्साहन योजना की
विशेषताएं
·
इस वर्ष 81 नई गुड़ इकाइयों
की स्थापना का लक्ष्य।
·
इकाई स्थापना के
लिए पूंजी अनुदान का प्रावधान किया गया है।1 अक्टूबर 2024 से केन केयर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन लिए
जाएंगे।
·
गुड़ उत्पादन
इकाइयों को चीनी मिल से कम से कम 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया जाएगा।
बिहार के 9 में से 6 चीनी मिलें चीनी, बिजली और इथेनॉल का उत्पादन कर रही हैं।
प्रश्न: बिहार सरकार ने कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा
देने के लिए किस उद्योग को प्रोत्साहन देने की योजना बनाई है?
A) तंबाकू उद्योग
B) गुड़ उद्योग
C) मक्का उद्योग
D) चाय उद्योग
उत्तर: B) गुड़
उद्योग
विवरण: बिहार सरकार ने कृषि आधारित
उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुड़ उद्योग प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दी
है। इस नीति के तहत इस वर्ष 81
नई गुड़ इकाइयों की स्थापना का लक्ष्य रखा
गया है।
बिहार में
बीमारियों की रिपोर्टिंग में बेहतरीन प्रदर्शन: जहानाबाद और कैमूर ने शीर्ष दस में
जगह बनाई
बिहार में बीमारियों की नियमित रिपोर्टिंग और सूचना
प्रदान करने में प्रभावी प्रणाली को लेकर महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त हुई है। राज्य
के दो जिलों जहानाबाद और कैमूर ने राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष दस जिलों में स्थान
प्राप्त किया है।
इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल (IHIP) के तहत यह
रिपोर्टिंग प्रणाली काम करती है, जिसमें पारा-चिकित्सा कर्मियों और समुदाय के सदस्य
बीमारियों के पूर्व लक्षणों और उपचार पैटर्न की रिपोर्ट करते हैं। इन रिपोर्टों का
संग्रह कर IHIP पोर्टल पर अपलोड
किया जाता है, जिससे संबंधित
क्षेत्र में बीमारियों के प्रकोप को तुरंत नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
प्रश्न: बिहार के कौन से दो जिले राष्ट्रीय स्तर पर
बीमारियों की रिपोर्टिंग में शीर्ष दस जिलों में स्थान प्राप्त किए हैं?
A) पटना और गया
B) जहानाबाद और
कैमूर
C) मुजफ्फरपुर और
बक्सर
D) नालंदा और
समस्तीपुर
उत्तर: B) जहानाबाद
और कैमूर
विवरण: बिहार के जहानाबाद और कैमूर जिलों
ने बीमारियों की रिपोर्टिंग में राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष दस जिलों में स्थान
प्राप्त किया है।
बिहार अल्पावास
गृहों की स्थापना
मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद राज्य सरकार ने महिला
एवं बाल विकास निगम के तहत संचालित
अल्पावास गृह को बंद कर दिया गया था जिसे अब पुन: खोलने का निर्णय बिहार
सरकार द्वारा लिया गया है।
यह कदम उन महिलाओं और किशोरियों के लिए महत्वपूर्ण है
जिनके पास रहने की सुविधा नहीं है, और जो विभिन्न कारणों से असुरक्षित या संकट में हैं।
·
राज्य के 27 जिलों में नए
अल्पावास गृह खोले जाएंगे। इन अल्पावास गृह में उन महिलाओं और किशोरियों को आश्रय
मिलेगा, जो मानव व्यापार, मानसिक
विक्षिप्तता, घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना, या अदालत के आदेश
के तहत यहां भेजी जाएंगी।
·
पहले अल्पावास
गृहों का संचालन एनजीओ द्वारा किया जा रहा था, लेकिन मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद राज्य सरकार ने
इन गृहों का संचालन अपने हाथ में लेने का निर्णय लिया।
·
अब से सभी
अल्पावास गृह जिलाधिकारियों के संरक्षण में काम करेंगे। वर्तमान में 11 जिलों में
अल्पावास गृह संचालित हैं, और बाकी जिलों में भी जल्द इसे शुरू किया जाएगा।
निष्कर्ष: इन अल्पावास गृहों के माध्यम से राज्य में उन
महिलाओं और किशोरियों को उचित संरक्षण और पुनर्वास सुविधा मिलेगी, जो विभिन्न
समस्याओं का सामना कर रही हैं।
प्रश्न: बिहार सरकार ने किस कांड के बाद महिला एवं बाल
विकास निगम के तहत संचालित अल्पावास गृह को बंद कर दिया था, जिसे अब पुनः
खोलने का निर्णय लिया गया है?
A) मुजफ्फरपुर
बालिका गृह कांड
B) पटना बालिका गृह
कांड
C) बक्सर बालिका गृह
कांड
D) गया बालिका गृह
कांड
उत्तर: A) मुजफ्फरपुर
बालिका गृह कांड
विवरण:मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद
राज्य सरकार ने महिला एवं बाल विकास निगम के तहत संचालित अल्पावास गृह को बंद कर
दिया था। अब बिहार सरकार ने इस निर्णय को पलटते हुए इन गृहों को पुनः खोलने का
फैसला किया है।
v
बिहार के करेंट
अफेयर पर आधारित यह नोटस प्रारंभिक के साथ साथ मुख्य परीक्षा एवं इंटरव्यू के
लिए भी उपयोगी है। v
इसके माध्यम
से बिहार विशेष प्रश्नों का हल करके, अपने उत्तर में बिहार के
उदाहरणों का उल्लेख करके बेहतर अंक हासिल कर सकते हैं। v
इसी तरह के
प्रतिमाह के करेंट अफेयर तथा कंपाइल नोट्स के लिए टेलीग्राम से जुड़े या संपक
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जीविका: डिजिटल
प्रशिक्षण में देशभर में अग्रणी
बिहार की जीविका संस्था, आजीविका मिशन के तहत डिजिटल प्रशिक्षण के क्षेत्र में न
केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट कार्य कर रही है। यह पहल समाज के
कमजोर वर्गों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाते हुए रोजगार के अवसर प्रदान करने की
दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
जीविका ने बिहार में डिजिटल प्रशिक्षण में अग्रणी स्थान
बनाया है । 10 से अधिक राज्यों में आजीवन मिशन के तहत जीविका की ओर से दूसरे
राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, त्रिपुरा, मणिपुर में प्रशिक्षण दिया जाता है। जीविका बिहार की ऐसी
पहली संस्था है। प्रशिक्षण का उद्देश्य
डिजिटली सशक्त व्यक्ति तैयार करना और अन्य राज्यों को उनके अनुभवों से लाभान्वित
करना है।
प्रश्न: बिहार की जीविका संस्था, आजीविका मिशन के
तहत किस क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर है?
A) स्वास्थ्य
B) कृषि
C) डिजिटल प्रशिक्षण
D) शिक्षा
उत्तर: C) डिजिटल
प्रशिक्षण
विवरण: जीविका संस्था, आजीविका मिशन के तहत डिजिटल प्रशिक्षण के क्षेत्र में न केवल राज्य बल्कि
राष्ट्रीय स्तर पर भी उत्कृष्ट कार्य कर रही है।
बिहार में
पुलिसकर्मियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि
पिछले 20 वर्षों का प्रदर्शन देखा जाए तो बिहार में
पुलिसकर्मियों की संख्या में ढाई गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
·
2005 में
पुलिसकर्मियों की संख्या: 42,481
·
2024 में
पुलिसकर्मियों की संख्या: 1,10,000
·
महिला पुलिसकर्मी
के मामल में बिहार देश में दूसरे स्थान पर स्थान है । देश में महिला पुलिसकर्मी
का राष्ट्रीय औसत 10.5% ही है ।
·
पुलिस सेवा में
महिलाकर्मी के मामले में तमिलनाडु 19.4% के साथ प्रथम स्थान पर है जबकि बिहार
बिहार: 17.4% के साथ दूसरे स्थान पर है ।
पुलिसकर्मियों की संख्या में वृद्धि का
कारण
·
नए पुलिसकर्मियों
की भर्ती के फलस्वरूप पुलिसकर्मी की संख्या में वृद्धि देखी गयी है।
·
महिलाओं के लिए
बिहार सरकार के क्षैतिज आरक्षण नीति जिसके तहत महिलाओं को भर्ती में प्राथमिकता दी
गई।
·
स्वीकृत पदों में
विस्तार भी उल्लेखनीय कारण है । जहां 2005 में स्वीकृत पद 80,000 थे वहीं 2024
में स्वीकृत पद की संख्या 2,29,139 हो गयी।
प्रभाव और महत्व
·
विधि-व्यवस्था
में सुधार:
·
महिला पुलिस बल
के बढ़ने से संवेदनशील मुद्दों के समाधान में सुधार हुआ।
·
स्थायी रोजगार के
रूप में पुलिस विभाग ने स्थानीय युवाओं को व्यापक अवसर प्रदान किया।
बिहार पुलिस में संख्या और संरचना में सुधार से न केवल
कानून व्यवस्था में मजबूती आई है, बल्कि महिला भागीदारी और रोजगार के क्षेत्र में भी
सकारात्मक बदलाव हुआ है।
प्रश्न: पिछले 20 वर्षों में बिहार में पुलिसकर्मियों की संख्या में
कितनी गुना वृद्धि हुई है?
A) 1.5 गुना
B) 2 गुना
C) 2.5 गुना
D) 3 गुना
उत्तर: C) 2.5
गुना
विवरण: बिहार में पुलिसकर्मियों की संख्या
में पिछले 20 वर्षों में ढाई गुना वृद्धि हुई है। 2005 में पुलिसकर्मियों की संख्या 42,481 थी, जो 2024 में बढ़कर 1,10,000 हो गई है।
प्रश्न: पुलिस सेवा में महिला पुलिसकर्मियों के मामले
में बिहार का देश में कौन सा स्थान है?
A) पहला
B) दूसरा
C) तीसरा
D) चौथा
उत्तर: B) दूसरा
विवरण: पुलिस सेवा में महिला
पुलिसकर्मियों के मामले में बिहार का देश में दूसरा स्थान है। देश में महिला
पुलिसकर्मियों का राष्ट्रीय औसत 10.5%
है, जबकि
बिहार में यह 17.4% है। तमिलनाडु 19.4% महिला पुलिसकर्मियों के साथ पहले स्थान पर
है।
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बिहार में
शराबबंदी कानून का लेखा-जोखा
बिहार में अप्रैल 2016 से लागू शराबबंदी कानून ने राज्य
की सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था को बदलने का प्रयास किया है। हालांकि, इसके प्रभावों और
चुनौतियों पर अब भी बहस जारी है।
सितम्बर 2024 में बिहार के निबंधन, उत्पाद एवं मद्य
निषेध विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के इस अभियान के परिणामों को स्पष्ट किया है।
मुख्य बिंदु
·
शराबबंदी के बाद
कुल दर्ज मामलों की संख्या 8,43,907 थी तथा कुल गिरफ्तारियां 12,79,387 थी जिसमें
से 5,20,000 को सजा हो चुकी है।
·
शराबबंदी के बाद
3 करोड़ 46 लाख लीटर शराब जब्त हुई जिसमें 3 करोड़ 38 लाख लीटर को नष्ट कर दिया
गया। इसके अलावा 1,24,658 वाहन जब्त किए गए। इनमें से 71,727 वाहनों की नीलामी से
327 करोड़ रुपये प्राप्त हुए।
·
शराबबंदी के बाद
जहरीली शराब के मामले और मौतें की कुल संख्या 156 रही। ज्यादा प्रभावित जिले में
सारण में 75, पश्चिम चंपारण
में 44, गोपालगंज में
गोपालगंज में 33 मौतें हुई ।
चुनौतियां और उपाय
शराबबंदी के दौरान जहरीली शराब से मौतें, कानून तोड़ने वालों
की संख्या और अवैध कारोबार सरकार के सामने बड़ी चुनौतियां हैं। जागरूकता, कानून का सख्ती
से पालन और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण इस अभियान को सफल बनाने के मुख्य आधार
होंगे।
प्रश्न: सितम्बर 2024 में बिहार के निबंधन, उत्पाद एवं मद्य
निषेध विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार शराबबंदी के बाद बिहार में कुल कितने
मामले दर्ज किए गए?
A) 6,50,000 मामले
B) 8,43,907 मामले
C) 9,00,000 मामले
D) 7,50,000 मामले
उत्तर: B) 8,43,907
मामले
विवरण: सितंबर 2024 तक
शराबबंदी के बाद बिहार में कुल 8,43,907
मामले दर्ज किए गए और 12,79,387 गिरफ्तारियां की गईं। शराबबंदी के कारण जहरीली शराब के
मामलों और मौतों की कुल संख्या 156
रही, जिसमें
प्रमुख रूप से सारण, पश्चिम चंपारण और गोपालगंज जिले प्रभावित
रहे।
बिहार में मजदूरों का वर्गीकरण: न्यूनतम मजदूरी
सुनिश्चित करने की पहल
बिहार सरकार ने मजदूरों को उनकी कौशल क्षमता के आधार पर
वर्गीकृत करने की तैयारी की है। श्रम संसाधन विभाग का यह कदम मजदूरों को न्यूनतम
मजदूरी के उनके अधिकार दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। इस वर्गीकरण से लगभग
2.90 करोड़ मजदूरों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
वर्तमान में बिहार में मजदूरों का कोई स्पष्ट वर्गीकरण
नहीं है। हालाँकि न्यूनतम मजदूरी के लिए अकुशल, अर्धकुशल, कुशल और अतिकुशल जैसी श्रेणियाँ तय हैं, परंतु मजदूर अपनी
कौशल श्रेणी का दावा नहीं कर पाते। इसका नतीजा यह होता है कि उन्हें उनकी योग्यता के
अनुसार मजदूरी नहीं मिलती।
नया वर्गीकरण |
|
अकुशल मजदूर |
जिनके पास औपचारिक
प्रशिक्षण या तकनीकी दक्षता नहीं है। |
अर्धकुशल मजदूर |
तकनीकी रूप से दक्ष, लेकिन बिना
औपचारिक डिग्री। |
कुशल मजदूर |
जिनके पास तकनीकी प्रशिक्षण
है। |
अतिकुशल मजदूर |
उच्च कौशल और विशेषज्ञता वाले
व्यक्ति। |
वर्गीकरण के बाद काम कराने वाले व्यक्तियों या संस्थाओं
को मजदूरों को उनकी श्रेणी के अनुसार न्यूनतम मजदूरी देना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं
करने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
1 अक्टूबर
2024 से लागू नई दर |
|||
श्रेणी |
पुराना दर प्रतिदिन |
नई दर |
|
अकुशल |
410 ₹ प्रतिदिन |
412 ₹ प्रतिदिन |
|
अर्धकुशल |
426 ₹ प्रतिदिन |
428 ₹ प्रतिदिन |
|
कुशल |
519 ₹ प्रतिदिन |
521 ₹ प्रतिदिन |
|
अतिकुशल |
634 ₹ प्रतिदिन |
636 ₹ प्रतिदिन |
|
मजदूरों का वर्गीकरण और न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि का यह
निर्णय मजदूर कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल मजदूरों को उनकी
योग्यता और मेहनत का उचित पारिश्रमिक दिलाएगा, बल्कि उनके आर्थिक और सामाजिक शोषण को रोकने में भी
मददगार होगा।
प्रश्न: बिहार सरकार मजदूरों को किस आधार पर वर्गीकृत
करने की तैयारी कर रही है?
A) उम्र के आधार पर
B) कौशल क्षमता के
आधार पर
C) काम करने के घंटे
के आधार पर
D) शिक्षा के आधार
पर
उत्तर: B) कौशल
क्षमता के आधार पर
विवरण:वर्तमान में बिहार में मजदूरों का
कोई स्पष्ट वर्गीकरण नहीं है, हालांकि अकुशल, अर्धकुशल, कुशल और अतिकुशल जैसी श्रेणियाँ तय की गई हैं, लेकिन
मजदूर अपनी कौशल श्रेणी का दावा नहीं कर पाते, जिसके
कारण उन्हें उचित मजदूरी नहीं मिलती।
बिहार-आर्थिक
विकास और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि
बिहार में आर्थिक विकास की गति में तेज़ी आई है, जिससे राज्य में
प्रति व्यक्ति आय में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। केंद्र सरकार के सांख्यिकी
एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की आर्थिक
स्थिति में सकारात्मक बदलाव आया है।
·
वर्ष 2022-23 में
बिहार की प्रति व्यक्ति आय वर्तमान मूल्य पर 59,244 रुपये थी, जो वर्ष 2023-24
में बढ़कर 66,828 रुपये हो गई है। इस प्रकार, पिछले एक साल में प्रति व्यक्ति आय में 7,584 रुपये की
वृद्धि हुई है।
·
इसके अलावा, स्थिर मूल्य पर
भी प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2022-23 में स्थिर मूल्य पर
प्रति व्यक्ति आय 33,763 रुपये थी, जो वर्ष 2023-24 में बढ़कर 36,333 रुपये हो गई है, यानि इसमें 2,570
रुपये की वृद्धि हुई है।
·
बिहार का सकल
राज्य घरेलू उत्पाद (SGDP) भी बढ़ा है। वर्ष 2023-24 में यह 8.54 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो कि पिछले वर्ष
के 7.46 लाख करोड़ रुपये से 14.5 प्रतिशत अधिक है। इस तरह, बिहार का आर्थिक विकास वर्तमान मूल्य पर 14.5 प्रतिशत
बढ़ा है।
·
स्थिर मूल्य पर
बिहार के आर्थिक विकास की दर वर्ष 2023-24 में 9.2 प्रतिशत रही, जो वर्ष 2022-23
के 4,25,384 करोड़ रुपये से बढ़कर 4,64,540 करोड़ रुपये हो गई है।
हालांकि, बिहार की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है, लेकिन राज्य के
पड़ोसी राज्यों जैसे छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय अभी भी बिहार से अधिक
है। वर्तमान मूल्य पर इन राज्यों में
अधिकांश की प्रति व्यक्ति आय एक लाख रुपये से अधिक है, केवल उत्तर प्रदेश में 93,514 रुपये है।
बिहार में आर्थिक विकास की गति तेज हुई है और प्रति
व्यक्ति आय में भी वृद्धि देखी गई है। हालांकि, राज्य की प्रति व्यक्ति आय अभी भी पड़ोसी राज्यों से कम
है, जिससे आगे की
योजनाओं के तहत और अधिक विकास की आवश्यकता है। इस वृद्धि को बनाए रखने के लिए
सरकार को निरंतर प्रयास करते हुए उद्योग, व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सुधार की दिशा में काम
करना होगा।
प्रश्न: बिहार की प्रति व्यक्ति आय में वर्ष 2022-23 की
तुलना में 2023-24 में
कितनी वृद्धि हुई है?
A) 5,000 रुपये
B) 7,584 रुपये
C) 10,000 रुपये
D) 2,570 रुपये
उत्तर: B) 7,584
रुपये
विवरण: वर्ष 2022-23 में
बिहार की प्रति व्यक्ति आय 59,244
रुपये थी, जो
वर्ष 2023-24 में बढ़कर 66,828 रुपये हो गई है। इस प्रकार, पिछले एक साल में प्रति व्यक्ति आय में 7,584 रुपये
की वृद्धि हुई है।
प्रश्न: बिहार के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (SGDP) में वर्ष
2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 में कितनी प्रतिशत वृद्धि हुई है?
A) 15%
B) 14.5%
C) 13%
D) 10%
उत्तर: B) 14.5%
विवरण: वर्ष 2023-24 में बिहार का सकल
राज्य घरेलू उत्पाद (SGDP) 8.54 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष के 7.46 लाख करोड़ रुपये से 14.5 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार, बिहार का आर्थिक विकास 14.5 प्रतिशत बढ़ा है।
बिहार में
मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ
बिहार ने जन स्वास्थ्य की दिशा में एक और महत्वपूर्ण
कदम उठाया जब मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का शुभारंभ किया गया। इसके तहत 58 लाख
राशनकार्ड धारकों को स्वास्थ्य सेवाओं के तहत जोड़ा जाएगा, जिससे राज्य के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को स्वास्थ्य
संबंधी बेहतरीन सुविधाएं मिल सकेंगी।
मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना बिहार सरकार की आयुष्मान
भारत योजना का राज्यस्तरीय विस्तार है, जो गरीब और वंचित वर्ग को मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य
सेवाएं प्रदान करती है। इस योजना के तहत बिहार में 58 लाख राशनकार्ड धारकों को
स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
बिहार में केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री
जन आरोग्य योजना का प्रभावी क्रियान्वयन छह वर्ष पूर्ण कर चुका है। बिहार के
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, अब तक इस योजना के तहत बिहार के 13 लाख 22 हजार लोगों का
इलाज हुआ है। इसके अलावा, राज्य में 1.79 करोड़ राशनकार्डधारी परिवार इस योजना के
तहत लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं।
बिहार ने 1 करोड़ 21 लाख परिवारों के लगभग 3 करोड़ 60
लाख पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनवाया है, जिससे वह कार्ड निर्माण के मामले में देश में तीसरे
स्थान पर है। बिहार में 8.50 करोड़ पात्र लोग हैं, जिनके लिए आयुष्मान कार्ड बनवाने की प्रक्रिया जारी है।
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