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Mar 18, 2025

Bihar Budget 2025-26- Financial Management, Industry, Education and Infrastructure

 बिहार बजट 2025-26

वित्‍तीय प्रबंधन, उद्योग, शिक्षा एवं अवसंरचना 

बिहार में औद्योगिक विकास हेतु नई नीतियाँ: प्रमुख घोषणाएँ

 



बिहार सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए पांच प्रमुख क्षेत्रों में नई नीतियों की घोषणा की है। वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने बजट 2025-26 में इन नीतियों की घोषणा करते हुए कहा कि इससे राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होगी।

 

1. बिहार फार्मास्युटिकल प्रमोशन नीति 2025

*     बिहार में दवा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए यह नीति लाई गई है।

*     राज्य में अभी दवा उत्पादन शून्य है, इसे बढ़ाने के लिए सरकार औद्योगिक प्रोत्साहन देगी।

*     पर्यावरण अनुकूल फार्मास्युटिकल उद्योगों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

*     अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बल देने के लिए अनुदान एवं सुविधाएँ दी जाएंगी।

*     इससे राज्य निर्मित दवाइयाँ बाजार में उपलब्ध होंगी और स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।

 

2. बिहार खाद्य प्रसंस्करण नीति 2025

*     बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है, लेकिन खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की कमी के कारण किसानों को नुकसान होता है।

*     नई खाद्य प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने के लिए निवेश प्रोत्साहन दिया जाएगा।

*     इससे फसलें और फल-सब्जियाँ बर्बाद होने से बचेंगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

*     स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

 

3. बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन (संशोधन) नीति 2025

*     वैकल्पिक ईंधन को बढ़ावा देने के लिए बायोगैस संयंत्रों की स्थापना की जाएगी।

*     निजी कंपनियों को प्रोत्साहन और सब्सिडी दी जाएगी ताकि वे बायोगैस संयंत्र स्थापित करें।

*     कृषि अपशिष्ट और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

*     राज्य की ऊर्जा जरूरतों की पूर्ति संभव हो सकेगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।

 

4. बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2025

*     यह 2016 की निवेश नीति का स्थान लेगी और इसे नए औद्योगिक परिवेश के अनुरूप बनाया गया है।

*     निवेश प्रक्रियाओं को सरल बनाया गया है, जिससे निवेशकों को अनुकूल वातावरण मिलेगा।

*     नई औद्योगिक इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे राज्य की औद्योगिक प्रगति तेज होगी।

*     निवेशकों को आकर्षित करने के लिए टैक्स छूट और सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।

 

5. बिहार प्लास्टिक विनिर्माण प्रोत्साहन नीति

*     प्लास्टिक निर्माण इकाइयों को आर्थिक सहायता दी जाएगी।

*     इस नीति के तहत नई विनिर्माण इकाइयों की स्थापना की जाएगी।

*     औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

 

नई नीतियों का प्रभाव  

*     राज्य में दवा निर्माण की शुरुआत, जिससे बिहार फार्मा हब बन सकेगा।

*     खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

*     निवेश प्रोत्साहन से राज्य में आर्थिक गतिविधियाँ तेज होंगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

*     प्लास्टिक और बायोफ्यूल उत्पादन को प्रोत्साहन, जिससे औद्योगिक विकास को बल मिलेगा।

 

निष्कर्ष: बिहार सरकार की यह पहल राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे रोजगार, निवेश और औद्योगिक उत्पादन को व्यापक रूप से बढ़ावा मिलेगा।

 




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शिक्षा 

बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रवृत्ति योजनाओं में बड़े सुधारों की घोषणा की है जिससे संबंधित मुख्‍य बिन्‍दुओं को निम्‍न प्रकार देखा जा सकता है:-

 

नए डिग्री कॉलेजों की स्थापना

*     राज्य के 358 प्रखंडों में नए डिग्री महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। वर्तमान में राज्य में 534 प्रखंडों में से 358 प्रखंडों में डिग्री कॉलेज नहीं हैं।

*     नए कॉलेजों के निर्माण से लड़कियों की उच्च शिक्षा में भागीदारी बढ़ेगी क्योंकि दूर के जिलों में पढ़ाई के लिए जाना चुनौतीपूर्ण होता था।

 

छात्रवृत्ति राशि में दोगुनी वृद्धि

*     सरकार ने छात्रवृत्ति योजना में बड़ा बदलाव करते हुए कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों को मिलने वाली राशि को दोगुना कर दिया है। इससे राज्य के एक करोड़ से अधिक छात्रों को लाभ मिलेगा।

 

कक्षा

वर्तमान छात्रवृत्ति (रु.)

संशोधित छात्रवृत्ति (रु.)

1 से 4

600   

1200

5 और 6

1200 

2400

7 से 10

1800 

3600

         

शिक्षा विभाग के बजट में 8,000 करोड़ की वृद्धि

*     वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए शिक्षा विभाग का बजट 60,965 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष 52,639 करोड़ रुपये था।

*     बजट का 19% से अधिक हिस्सा शिक्षा के लिए आवंटित किया गया है।

 

संभावित प्रभाव

*     सभी प्रखंडों में उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध होगी, राज्य में उच्च शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे।

*     साक्षरता दर में विशेषकर लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, लैंगिक समानता में सुधार होगा।

*     छात्रों को अपने प्रखंड से बाहर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे उनकी शिक्षा सुगम होगी।

*     छात्रों को वित्तीय सहायता मिलने से शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी।

*     शैक्षणिक संस्थानों में बुनियादी ढांचे का विकास से शिक्षण-प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार आएगा।

*     नए कॉलेज सरकारी और निजी दोनों तरह के होने से शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

 

बिहार सरकार की बजट 2025-26 की इन घोषणाओं से बिहार के शैक्षणिक ढांचे को मजबूती मिलेगी और छात्रों को बेहतर शिक्षा सुविधाएँ प्राप्त होंगी। डिग्री कॉलेजों की स्थापना, छात्रवृत्ति में वृद्धि और शिक्षा बजट में बढ़ोतरी से राज्य में शैक्षणिक विकास को नया आयाम मिलेगा और युवाओं के भविष्य को सशक्त किया जा सकेगा।

 

वित्तीय प्रबंधन 

बिहार सरकार ने 2025-26 के लिए 3.17 लाख करोड़ रुपये का वार्षिक बजट पेश किया है जिसमें वित्‍तीय प्रबंधन की बेहतर उपलब्धियों को बनाए रखने का प्रयास किया गया है।

 

लोक ऋण और वित्तीय संतुलन

वित्तीय वर्ष 2025-26 में 55,737.79 करोड़ रुपये का लोक ऋण लेने का अनुमान है जिसका उपयोग राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं को गति देने में किया जाएगा। बिहार सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखते हुए आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है।

 

ऋण-जीएसडीपी अनुपात में सुधार

वित्तीय अनुशासन और कुशल प्रबंधन के माध्‍यम से बिहार सरकार के बकाया ऋण की सीमा लगातार तीन वित्‍तीय वर्ष से 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित ऋण सीमा के अंदर बनी हुई है।

*     2023-24 में बकाया ऋण 38.94% था, जो अनुशंसित 40.40% से कम था।

*     2024-25 में बकाया ऋण 37.07% रहने का अनुमान है, जो 39.90% की निर्धारित सीमा से बेहतर है।

*     2025-26 में बकाया ऋण 37.04% रहने का अनुमान है, जबकि 15वें वित्त आयोग ने इसे 39.30% तक रखने की अनुशंसा की थी।

*     यह आंकड़े दर्शाते हैं कि बिहार सरकार वित्तीय अनुशासन को बनाए रखने में सफल हो रही है।

 

राजकोषीय घाटा नियंत्रण

*     2025-26 के बजट में राजकोषीय घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी)  का 2.98% होगा, जो कि 3% की निर्धारित सीमा के अंदर है।

 

राजस्व बचत में वृद्धि

*     वित्तीय वर्ष 2025-26 में राजस्व बचत जीएसडीपी का 0.80% रहने का अनुमान है जो वित्तीय स्थिरता को दर्शाता है। इससे सरकार के पास नए विकास कार्यों और कल्याणकारी योजनाओं में निवेश करने के अधिक अवसर होंगे।

 

इस प्रकार बिहार सरकार वित्तीय अनुशासन बनाए रखने के लिए लोक ऋण को अनुशंसित सीमा के अंदर रखने, राजकोषीय बचत को बनाए रखने तथा राजकोषीय घाटे को नियंत्रित रखने की नीति पर कार्य कर रही है जो बिहार की आर्थिक स्थिरता और वित्तीय नियोजन की दक्षता को दर्शाता है । इसके संभावित प्रभाव निम्‍न प्रकार समझा जा सकता है

*     आर्थिक स्थिरता बनी रहेगी, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा।

*     राज्य की क्रेडिट रेटिंग में सुधार होगा, जिससे भविष्य में और अधिक वित्तीय संसाधन प्राप्त करना आसान होगा।

*     विकास परियोजनाओं के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे, जिससे बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

*     राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण से मुद्रास्फीति और सरकारी खर्च संतुलित रहेगा।

 

निष्कर्षत: बिहार सरकार ने बेहतर वित्तीय प्रबंधन के तहत ऋण नियंत्रण, राजकोषीय घाटे की सीमा और राजस्व बचत में सुधार लाकर राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह न केवल सरकारी वित्तीय स्थिरता को सुनिश्चित करेगा बल्कि राज्य के समग्र विकास को भी गति देगा।

 

अभ्‍यास प्रश्‍न- बिहार बजट 2025-26 में वित्तीय स्थिरता को प्राथमिकता दी गई है। क्या यह बजट राज्य के सामाजिक-आर्थिक असमानता को दूर करने में प्रभावी हो सकता है? तर्कपूर्ण विश्लेषण प्रस्तुत करें।

 

 


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सड़क और पुल निर्माण

बिहार सरकार राज्य के यातायात और कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए सड़कों, पुलों और एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर विशेष ध्यान दे रही है। उल्‍लेखनीय है कि 2027 तक किसी भी जिले से चार घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य के तहत सभी जिला मुख्यालयों को राजधानी पटना से चार लेन सड़क से जोड़े जाने एवं चौड़ीकरण करने पर कार्य कर रही है। बजट में सड़क और पुल निर्माण संबंधी महत्‍वपूर्ण घोषणाओं को निम्‍न प्रकार देखा जा सकता है

 

*     2027 तक किसी भी जिले से चार घंटे में पटना पहुंचने के लक्ष्य।

*     शहरों में ट्रैफिक की समस्या कम करने के लिए 25 बाईपास बनाए गए।

*     राज्‍य में कई एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं पर काम चल रहा है

*     वर्तमान में बिहार में नेशनल हाईवे की लंबाई 6,140 किमी तक पहुंच गयी।

*     स्टेट हाईवे 3,638 किमी तक विस्तारित। इसके चौड़ीकरण संबंधी कार्य किया जाएगा।

*     100 से अधिक आबादी वाले सभी बसावटों में पक्की सड़क बनेगी।

*     बिहार में वर्तमान में ग्रामीण सड़कों की लंबाई 1.17 लाख किमी हो गयी।

*     पिछले कुछ वर्षों में गंगा एवं सोन,गंडक,बागमती,फल्‍गु आदि नदियों पर पुलों की संख्या बढ़ी।

 

संभावित प्रभाव

*     राजधानी पटना तक त्वरित पहुंच, जिससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

*     यातायात जाम और यात्रा समय में कमी, जिससे नागरिकों की सुविधा बढ़ेगी।

*     ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी, जिससे आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

*     बिहार में औद्योगिक विकास को गति, क्योंकि अच्छी सड़कें निवेश को आकर्षित करेंगी।

 

निष्कर्षत: बिहार सरकार ने यातायात और सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। पुलों, एक्सप्रेस-वे और स्टेट हाईवे के विस्तार से राज्य की कनेक्टिविटी में जबरदस्त सुधार होगा। आने वाले वर्षों में बिहार की सड़क और पुल परियोजनाएँ राज्य को एक विकसित बुनियादी ढांचे वाला प्रदेश बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।

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