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May 7, 2025

कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, पर्यटन विकास

कला, संस्कृति एवं युवा विभाग,  पर्यटन विकास


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बिहार सरकार कला, संस्कृति और युवा सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य कर रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना, फिल्म उद्योग को प्रोत्साहित करना, संग्रहालयों का विकास करना और सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का जीर्णोद्धार करना है।

 

ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण

  • पटना गोलघर – परिसर में लाइट, लेजर साउंड शो की सुविधा विकसित की जाएगी।
  • मॉरिसन भवन (पटना) और अहिल्या स्थान (दरभंगा) का संरक्षण और सौंदर्यीकरण होगा।
  • चिरान्द (सारण) – यहाँ प्रागैतिहासिक पार्क विकसित किया जाएगा।
  • महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों को विकसित किया जा रहा है । इसके तहत बेतिया और मोतिहारी में  2,000 क्षमता वाला प्रेक्षागृह तैयार हो चुका है तथा मुजफ्फरपुर में इसके निर्माण के लिए  स्वीकृति दी गई है।
  • वैशाली में बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय एवं स्मृति स्तूप का निर्माण किया जा रहा है। इसमें भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि-अवशेष और अन्य ऐतिहासिक सामग्री प्रदर्शित की जाएगी।
  • विशेष संरक्षण – लाल पहाड़ी (लखीसराय) और चिरान्द (सारण) के पुरातात्विक स्थलों को संरक्षित किया जाएगा।

 

कला एवं संस्‍कृति

  • राज्य में ‘आम्रपाली प्रशिक्षण केंद्र’ की स्थापना जिससे स्थानीय कला एवं संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। आगामी वित्तीय वर्ष में यह सभी जिलों में संचालित होगा।
  • बिहार में फिल्म उद्योग को सशक्त बनाने के लिए ‘बिहार फिल्म प्रोत्साहन नीति, 2024’ के तहत ₹2-4 करोड़ तक की वित्तीय सहायता एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए ‘सिंगल विंडो’ प्रणाली लागू की जाएगी। इससे भोजपुरी व अन्य फिल्म उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और बिहार को एक आकर्षक शूटिंग स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • सरकार संग्रहालयों और पुरातात्विक स्थलों के संरक्षण एवं उन्नयन की दिशा में में  बेतिया संग्रहालय, दीपनारायण संग्रहालय, बाबा कारू खिरहर संग्रहालय जैसे नए संग्रहालयों तथा नवादा, जमुई, बेगूसराय और भागलपुर के पुराने संग्रहालयों का जीर्णोद्धार की योजना।
  • बिहार संग्रहालय, पटना संग्रहालय और गया संग्रहालय को ‘श्रेष्ठ प्रस्तुतीकरण’ के लिए संस्कृति मंत्रालय से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
  • राज्य में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और कलात्मक अभिव्यक्तियों को बढ़ावा देने के लिए 620 क्षमता वाले प्रेक्षागृह-सह-आर्ट गैलरी का निर्माण 8 जिलों (लखीसराय, बांका, नवादा, शेखपुरा, अररिया, सिवान, अरवल, कैमूर) में किया जाएगा।
  • बिहार में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का क्षेत्रीय केंद्र और संयुक्त क्षेत्रीय प्रेक्षा केंद्र की स्थापना की जाएगी जिससे थिएटर और नाट्यकला को बढ़ावा मिलेगा।
  • बिहार की मिथिला चित्रकला को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। RBI द्वारा ‘Certificate of Merit’ से नवाजे जाने से इस कला के महत्व को और बढ़ावा मिलेगा।

 

 

सांस्कृतिक एवं पर्यटन विकास

बिहार सरकार द्वारा छठ पूजा को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने और होम-स्टे को प्रोत्साहित करने की योजना की व्यापक सराहना की जा रही है। इस पहल के तहत पर्यटकों को गंगा घाटों की सैर, छठ पूजा विधि का अनुभव और पारंपरिक प्रसाद ग्रहण करने का अवसर मिलेगा।


छठ पूजा पर धार्मिक पर्यटन और होम-स्टे योजना

यह पहल न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगी, बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में भी सहायक होगी।

 

धार्मिक पर्यटन योजना के प्रमुख बिंदु

  • गंगा नदी के सूखे क्षेत्र पर टेंट सिटी का निर्माण- छठ पर्व के दौरान पर्यटकों और श्रद्धालुओं के ठहरने की सुविधा के लिए अस्थायी टेंट सिटी बनाई जाए।
  • विशेष छठ घाटों का निर्माण-पर्यटकों के लिए अलग से छठ घाट तैयार किए जाएँ, जहाँ कम संख्या में श्रद्धालु हों, ताकि अनुभव अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित रहे।
  • अर्घ्य देने की सुविधा-छठ पर्व देखने आने वाले पर्यटकों को भी प्रतीकात्मक अर्घ्य देने का अवसर मिले, जिससे वे इस अद्वितीय संस्कृति से जुड़ सकें।
  • सोशल मीडिया पर प्रचार- इस योजना को सफल बनाने के लिए सरकार को सोशल मीडिया और डिजिटल माध्यमों पर विशेष प्रचार अभियान चलाना होगा।
  • महिलाओं को पर्यटन गाइड के रूप में प्रशिक्षण- स्थानीय महिलाओं को पर्यटन गाइड की भूमिका के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
  • होम-स्टे और होटल व्यवसाय को बढ़ावा- योजना के तहत सूर्य मंदिरों के आसपास होटल संचालन में सहायता दी जाएगी और होम-स्टे मॉडल को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • पर्यटन बुकिंग पैकेज- सरकार पर्यटकों के लिए विशेष पैकेज तैयार करेगी, ताकि आवास, भोजन और पूजा अनुभव को सुव्यवस्थित किया जा सके।


 

पर्यटन से आर्थिक और सांस्कृतिक लाभ

अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

 

  • होम-स्टे मॉडल से स्थानीय निवासियों को आय का नया स्रोत मिलेगा।
  • होटल, गेस्ट हाउस और लोकल ट्रांसपोर्ट व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • विदेशी और बाहरी पर्यटकों के आगमन से राज्य के पर्यटन क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी।

छठ महापर्व को वैश्विक पहचान

 

  • कुंभ मेले की तरह छठ पर्व भी सांस्कृतिक पर्यटन के रूप में स्थापित किया जा सकता है।
  • जैन और बौद्ध सर्किट से जुड़े पर्यटक इसका अनुभव करने बिहार आ सकते हैं।

स्थानीय समुदायों को नए अवसर

  • महिलाओं को पर्यटन गाइड में प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे रोजगार अवसर बढ़ेंगे।
  • पर्यटन व्यवसायों, जैसे गाइड, स्थानीय कारीगरों और हस्तशिल्प उत्पादकों को एक नया बाज़ार मिलेगा।

  

बिहार सरकार की धार्मिक पर्यटन और होम-स्टे योजना छठ महापर्व को वैश्विक मंच पर पहुँचाने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना की सफलता के लिए सरकार को दीर्घकालिक प्रयास और व्यापक प्रचार-प्रसार करना होगा, ताकि बिहार को एक प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित किया जा सके।


 

 

धार्मिक पर्यटन होम-स्टे योजना

छठ पूजा के अवसर पर धार्मिक पर्यटन की शुरूआत और होम-स्टे को प्रोत्साहित करने की योजना।

देश के कुछ अन्‍य प्रमुख मेट्रो शहरों (दिल्ली, मुंबई के अलावा) में बहुआयामी उपयोग वाले "बिहार इंटीग्रेटेड सेंटर" की स्थापना की जाएगी जो बिहार की सांस्कृतिक, आर्थिक एवं पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा देंगे। इसके उपयोग निम्‍नानुसार होंगे

  • पारंपरिक शिल्प एवं हस्तकला का प्रचार-प्रसार।
  • लोक कला, संस्कृति एवं त्योहारों का आयोजन।
  • बिहारी व्यंजनों को बढ़ावा देना।
  • निवेश संवर्धन केंद्र की स्थापना।
  • बिहार फाउंडेशन कार्यालय का संचालन।
  • बिहार भवन/बिहार सदन की तर्ज पर आवासन सुविधा उपलब्ध कराना।
  • "बिहार इंटीग्रेटेड सेंटर" राज्य की सांस्कृतिक, आर्थिक एवं पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा देंगे।




 



बिहार में पर्यटन को विकसित करने के लिए अवसंरचनात्मक विकास, आधुनिक सुविधाओं और पर्यटकीय स्थलों के सौंदर्यीकरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

  • बाबा हरिहरनाथ मंदिर,सोनपुर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने हेतु मुख्य परामर्शी का चयन।
  • गया के विष्णुपद मंदिर, बड़ी पटन देवी (पटना) असरगंज (मुंगेर), अशोक धाम (लखीसराय), मत्स्यगंधा झील (सहरसा) में पर्यटकीय सुविधाओं के विकास तथा सौंदर्यीकरण हेतु कार्य चल रहा है।
  • करमचट (कैमूर) में इको टूरिज्म एवं एडवेंचर हब का विकास हेतु स्‍वीकृति दी गयी
  • ककोलत एवं मुंडेश्वरी इको-पार्क चालू किए गए।
  • बोधगया (सीलौंजा) में "Seven Wonders of World" की प्रतिकृति निर्माण हेतु राशि का आवंटन किया गया।
  • वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) में सामुदायिक संरक्षण प्रयासों के लिए SKOCH अवार्ड 2024 प्राप्त।
  • स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए "मेरा प्रखंड, मेरा गौरव" प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ताकि गुमनाम पर्यटकीय स्थलों को पहचान दिलायी जा सके।

 



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