बिहार बजट 2025-26 - शिक्षा एवं समाज कल्याण
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बिहार सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 1.09 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया जो कुल बजट का 40% हिस्सा है। बिहार
में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रवृत्ति योजनाओं में बड़े सुधारों की घोषणा
की है इसमें 60,965 करोड़ रुपये शिक्षा के लिए आवंटित किया गया है
नए डिग्री कॉलेजों की
स्थापना
राज्य के 358 प्रखंडों में नए डिग्री
महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे। नए कॉलेजों के निर्माण से लड़कियों की उच्च
शिक्षा में भागीदारी बढ़ेगी क्योंकि दूर के जिलों में पढ़ाई के लिए जाना
चुनौतीपूर्ण होता था।
छात्रवृत्ति राशि में दोगुनी वृद्धि
सरकार ने छात्रवृत्ति योजना में बड़ा बदलाव करते हुए
कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों को मिलने वाली राशि को दोगुना
कर दिया है। इससे राज्य के एक करोड़ से अधिक छात्रों को लाभ मिलेगा।
कक्षा |
वर्तमान छात्रवृत्ति (रु.) |
संशोधित छात्रवृत्ति (रु.) |
1 से 4 |
600 |
1200 |
5 और 6 |
1200 |
2400 |
7 से 10 |
1800 |
3600 |
शिक्षा विभाग के बजट में 8,000 करोड़ की वृद्धि
- वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए शिक्षा
विभाग का बजट 60,965 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष 52,639 करोड़ रुपये था।
- बजट का 19% से अधिक हिस्सा शिक्षा
के लिए आवंटित किया गया है।
संभावित प्रभाव
- सभी प्रखंडों में उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध होगी, राज्य
में उच्च शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे।
- साक्षरता दर में विशेषकर लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा
मिलेगा,
लैंगिक समानता में सुधार होगा।
- छात्रों को अपने प्रखंड से बाहर नहीं जाना पड़ेगा, जिससे
उनकी शिक्षा सुगम होगी।
- छात्रों को वित्तीय सहायता मिलने से शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी।
- शैक्षणिक संस्थानों में बुनियादी ढांचे का विकास से शिक्षण-प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
- नए कॉलेज सरकारी और निजी दोनों तरह के होने से शिक्षा के क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
बिहार सरकार की बजट 2025-26 की इन घोषणाओं से बिहार के शैक्षणिक ढांचे को मजबूती मिलेगी और छात्रों
को बेहतर शिक्षा सुविधाएँ प्राप्त होंगी। डिग्री कॉलेजों की स्थापना, छात्रवृत्ति में वृद्धि और शिक्षा बजट में बढ़ोतरी से राज्य में शैक्षणिक
विकास को नया आयाम मिलेगा और युवाओं के भविष्य को सशक्त किया जा सकेगा।
सारांश
|
शिक्षा विभाग की योजनाएं एवं उपलब्धियां
बिहार सरकार शिक्षा को सभी के लिए सुलभ, गुणवत्तापूर्ण
और समावेशी बनाने के लिए कई योजनाएँ चला रही है। इनमें छात्रवृत्ति, बुनियादी ढांचे का विकास, शिक्षक भर्ती, डिजिटल संसाधन और रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा देने की रणनीतियाँ शामिल
हैं।
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना
- अब तक 3.70 लाख छात्रों को लाभान्वित किया गया है। उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता हेतु यह योजना कम ब्याज दर पर उच्च शिक्षा के लिए ऋण उपलब्ध कराती है।
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में प्रगति
- बिहार सरकार ने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में
नामांकन बढ़ाने और ड्रॉपआउट दर कम करने के प्रयासों के तहत बालिकाओं, अनुसूचित जाति और
अनुसूचित जनजाति के बच्चों की शिक्षा में
सुधार हुआ है।
- सरकार का लक्ष्य वर्ष 2047 तक सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। इसी दृष्टि से 2025-26 तक 100 आवासन वाले 49 नए छात्रावासों की स्थापना की जाएगी।
उच्च शिक्षा और बुनियादी ढाँचा विकास
- राज्य में उच्च शिक्षा को मजबूत करने के लिए 270 अंगीभूत/राजकीय महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं।
- बिहार के विश्वविद्यालयों में ई-पुस्तकालय की शुरुआत
की गई है,
जिससे छात्रों, शोधकर्ताओं और संकाय सदस्यों
को व्यापक शैक्षणिक संसाधन उपलब्ध होंगे।
शिक्षकों की नियुक्ति
राज्य सरकार शिक्षकों
बड़े पैमाने पर नियुक्तियाँ कर रही है । अब तक 2,17,272 शिक्षकों की
नियुक्ति पूरी हो चुकी है। इन नियुक्तियों से सरकारी विद्यालयों की शिक्षा
व्यवस्था अधिक सक्षम और प्रभावी बनेगी।
छात्रहित में संचालित योजनाएँ
सरकार छात्रों की सहायता के लिए विभिन्न योजनाएँ
संचालित कर रही है –
- मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य योजना
- मुख्यमंत्री साइकिल योजना
- मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना
- मुख्यमंत्री बालक पोशाक योजना
- मुख्यमंत्री बालिका (इंटरमीडिएट) प्रोत्साहन योजना
- मुख्यमंत्री बालिका (स्नातक) प्रोत्साहन योजना
जय माँ भारती नृत्य उत्सव
बिहार की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए गणतंत्र
दिवस परेड 2025 में "जय माँ भारती नृत्य उत्सव" के तहत किलकारी के
बच्चों ने नई दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
निष्कर्षत: बिहार सरकार शिक्षा को सर्वसुलभ, गुणवत्तापूर्ण
और रोजगारपरक बनाने के लिए बहुआयामी प्रयास कर रही है।
- स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना से उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिला है।
- प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में ड्रॉपआउट दर में ऐतिहासिक गिरावट आई है।
- नए महाविद्यालय और ई-पुस्तकालय उच्च शिक्षा को आधुनिक और सुलभ बना रहे हैं।
- शिक्षक नियुक्ति अभियान से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
- लाभुक आधारित योजनाएँ (DBT) छात्रों को
वित्तीय सहायता प्रदान कर रही हैं।
इन पहलों से बिहार में शिक्षा का नया युग प्रारंभ हो
रहा है,
जिससे राज्य के युवाओं को बेहतर भविष्य और रोजगार के अवसर प्राप्त
होंगे।
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विज्ञान, प्रावैधिकी
एवं तकनीकी शिक्षा विभाग
- राज्य सरकार ने तकनीकी शिक्षा के उन्नयन और उद्योगों
की आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षित करने, रोजगारउन्मुख
बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की है।
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना
- राज्य सरकार राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में
अत्याधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), पटना को नॉलेज पार्टनर बनाकर कार्य कर रही है। इस पहल के अंतर्गत 33
राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों में "सेंटर ऑफ एक्सीलेंस" की स्थापना की
जा रही है।
- प्रशिक्षण की गुणवत्ता को उन्नत करने के लिए इंटरनेट
ऑफ थिंग्स (IoT),
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI),3D प्रिंटिंग,रोबोटिक्स,इंडस्ट्रियल
ऑटोमेशन,इलेक्ट्रिक वाहन (EV) तकनीक,ड्रोन टेक्नोलॉजी,ऑप्टिकल फाइबर जैसी उभरती तकनीकों
पर ध्यान दिया जा रहा है ।
अभियंत्रण महाविद्यालयों में नवीन
पाठ्यक्रमों की शुरुआत
- राज्य के अभियांत्रिकी महाविद्यालयों (Engineering
Colleges) में पारंपरिक पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), मशीन लर्निंग (ML), डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, 3D एनीमेशन एंड ग्राफिक्स, एरोनॉटिकल
इंजीनियरिंग आदि जैसी नई तकनीकों पर आधारित पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है
- हाल ही में मेकाट्रॉनिक्स (Mechatronics), वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेशन (VLSI), मैकेनिकल एंड
स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन जैसे
अत्याधुनिक क्षेत्रों में पठन-पाठन शुरू किया गया है ।
पॉलिटेक्निक संस्थानों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की
स्थापना और अभियांत्रिकी महाविद्यालयों में नवीनतम पाठ्यक्रमों का समावेश से
युवाओं को न केवल गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्राप्त होगी, बल्कि
वे नए युग की तकनीकों में दक्ष होकर रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त कर सकेंगे।
समाज कल्याण विभाग
- सिविल सेवा प्रोत्साहन राशि योजना के तहत UPSC प्रारंभिक परीक्षा
उत्तीर्ण महिला अभ्यर्थियों व BPSC प्रारंभिक परीक्षा
उत्तीर्ण 1,615 महिला अभ्यर्थियों को लाभ।
- कबीर अन्त्येष्टि अनुदान योजना, मुख्यमंत्री दिव्यांगजन
सशक्तीकरण योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना आदि चलायी जा रही है।
- वृद्धाश्रम 'सहारा' योजना के तहत पटना, पूर्णिया, रोहतास, भागलपुर,
गया, पश्चिम चंपारण में संचालित, पटना (गुलजारबाग), गया, पूर्णिया
में 100 बेड के वृद्धाश्रम निर्मित।
पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा
वर्ग कल्याण विभाग
- प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना तथा अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना संचालित हो रहा है।
- ओबीसी कन्या आवासीय +2 विद्यालय हेतु 39 विद्यालयों की स्वीकृति जबकि जननायक कर्पूरी ठाकुर छात्रावास योजना के तहत 36 जिलों में छात्रावास संचालित है।
- सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के तहत BPSC प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ₹50 हजार तथा UPSC प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ₹1 लाख प्रति अभ्यर्थी की
सहायता।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित
जनजाति कल्याण विभाग
- बालिका छात्रावास योजना के तहत प्रत्येक जिले में सावित्रीबाई फुले छात्रावास (100 आवासन) की स्वीकृति।
- कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षण पूर्ण कर 324 को रोजगार।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग
राज्य सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक
और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कई योजनाएँ संचालित कर रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य
शिक्षा, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
- अल्पसंख्यक छात्र/छात्राओं को लाभान्वित करने के लिए शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार मुख्यमंत्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना चला रही है।
- राज्य सरकार तलाकशुदा और परित्यक्ता मुस्लिम महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सहायता प्रदान कर रही है।
- अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए अब तक 50 बालक एवं बालिका छात्रावासों का निर्माण और संचालन किया जा चुका है।
- सरकार अल्पसंख्यक युवाओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा और कौशल विकास के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रही है।
- प्रतियोगी परीक्षाओं में अल्पसंख्यक छात्रों की भागीदारी बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु कोचिंग कराई जा रही है।इससे वे सरकारी और अन्य प्रतिष्ठित नौकरियों के लिए बेहतर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
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