प्रश्न- मखाना (फॉक्स सीड्स और लोटस सीड्स) की फसल की खेती के लिए उपयुक्त पारिस्थितिक स्थितियों की व्याख्या करें। इसके उत्पादन और विपणन को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा क्या उपाय किए जा रहे हैं? (70th BPSC)
उत्तर–मखाना एक जलीय पुष्पीय फसल है जिसकी खेती उष्णकटिबंधीय और
उपोष्णकटिबंधीय जलवायु दोनों में होती है। इसकी खेती शांत बारहमासी जलस्रोतों जैसे
तालाबों, गोखुर झीलों व दलदली क्षेत्रों में 4–6 फीट गहराई तक की
जलराशियों में की जाती है जिसके लिए निम्न पारिस्थितिक स्थितियां उपयुक्त होती
है
- तापमान- 20°C से 35°C
- सापेक्ष आर्द्रता- 50%–90%
- वर्षा- 100–250 सेमी
- मृदा- चिकनी दोमट मृदा
मखाना के बहुगुणकारी प्रवृत्ति एवं निर्यात संभावनाओं को देखते हुए इसके उत्पादन
और विपणन बढ़ाने की दिशा में सरकार द्वारा निम्न उपाए किए गए है
- केंद्रीय बजट 2025–26 में बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा।
- वैज्ञानिक उत्पादन एवं शोध को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र दरभंगा की स्थापना ।
- मखाना उत्पादन के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत दरभंगा और मुजफ्फरपुर का चयन।
- अंतरराष्ट्रीय पहचान और विपणन हेतु वर्ष 2022 में ‘मिथिला मखाना’ को भौगोलिक संकेतक दर्जा
- प्रोसेसिंग और मूल्यवर्धन से संबंधित गतिविधियाँ हेतु राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी संस्थान।
भारत में मखाना का लगभग 90% हिस्सा बिहार विशेषकर दरभंगा और मिथिला क्षेत्र
से जबकि शेष अन्य राज्यों में पश्चिम बंगाल, मणिपुर,
असम, मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश से आता है। अत:
मखाना को प्रोत्साहन देकर वैश्विक प्रतिस्पर्धी सुपर फूड बनाकर न केवल ग्रामीण आजीविका बढ़ाया जा सकता है बल्कि भारत के प्रमुख
कृषि-निर्यात उत्पादों में शामिल कर आय अर्जित की जा सकती हैं।
शब्द संख्या 230
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