प्रश्न- अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक और संवैधानिक परिवर्तनों पर एक निबंध लिखिए । 38 Marks
उत्तर- भारत
का संविधान जम्मू-कश्मीर को अनुच्छेद 370 के माध्यम से विशेष दर्जा प्रदान करता था, जिसके तहत राज्य को आंतरिक स्वायत्तता, अलग संविधान और विशिष्ट अधिकार प्राप्त थे। 5
अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 और 35A को निरस्त कर दिया गया, जिससे न केवल राज्य का विशेष दर्जा समाप्त हुआ, बल्कि इसकी राजनीतिक और संवैधानिक संरचना में भी
गहरा परिवर्तन आया। यह निर्णय भारत की संघीय व्यवस्था,
राष्ट्रीय एकीकरण और लोकतांत्रिक विस्तार की दृष्टि से
ऐतिहासिक सिद्ध हुआ जिसे निम्न प्रकार देख सकते हैं: -
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संवैधानिक परिवर्तन
- अनुच्छेद 370 के हटने से जम्मू-कश्मीर अब भारतीय संविधान के सभी प्रावधानों के अंतर्गत आ गया। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों ‘जम्मू और कश्मीर’ (विधायिका सहित) और ‘लद्दाख’ (बिना विधायिका) में विभाजित कर दिया गया।
- अब संविधान के सभी प्रावधानों के साथ साथ केन्द्र सरकार के आरक्षण, शिक्षा, सूचना का अधिकार, महिला अधिकार, दलित कल्याण जैसे केंद्रीय कानून वहाँ लागू हो गए।
- इसी क्रम में राज्य में लागू 334 स्थानीय कानूनों को समाप्त करने के साथ साथ कई को संशोधित कर संविधान के अनुरूप बनाया गया। इस प्रकार इस नयी व्यवस्था से जम्मू कश्मीर और अन्य भारतीय नागरिकों के अधिकार एक समान हो गए। अब अन्य राज्य निवासी भी जम्मू-कश्मीर में भूमि खरीद सकते हैं और स्थायी रूप से बस सकते हैं।
राजनीतिक परिवर्तन
- केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद राज्य की राजनीति में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए। अब शासन व्यवस्था पर केंद्र सरकार का सीधा नियंत्रण है। पंचायतों से लेकर जिला विकास परिषद तक लोकतांत्रिक चुनाव कराए गए।
- 2024 के लोकसभा चुनावों में उच्च मतदान प्रतिशत ने राजनीतिक जागरूकता और जनभागीदारी को बढ़ाया हांलाकि प्रारंभ में कई राजनीतिक नेताओं की नजरबंदी और संचार बंदी जैसे कदम उठाए गए, परंतु बाद में राजनीतिक गतिविधियाँ धीरे-धीरे सामान्य होती गईं।
- राजनीतिक परिवर्तन के साथ ही कई प्रधानमंत्री विकास पैकेज, सुरक्षा बलों ने की सक्रियता, प्रशासनिक कदमों, औद्योगिक नीति और पर्यटन योजनाओं ने स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति दी और वर्ष 2023 में 21.1 मिलियन पर्यटकों का आगमन हुआ ।
निष्कर्षत: अनुच्छेद 370 के निरसन ने
जम्मू-कश्मीर के संवैधानिक और राजनीतिक परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है। यह
निर्णय भारत के संघीय ढाँचे में एकरूपता लाने,
लोकतंत्र को सशक्त करने और क्षेत्रीय विकास को गति
देने की दिशा में निर्णायक रहा है। यद्यपि इससे जुड़ी कुछ चुनौतियाँ अब भी बनी हुई
हैं, परंतु यह कदम जम्मू-कश्मीर के दीर्घकालिक स्थायित्व, शांति और समग्र विकास के लिए एक मील का पत्थर
सिद्ध हो रहा है।
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