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Jul 15, 2025

प्रश्‍न- चर्चा करें कि कैसे चंद्रयान और मंगलयान जैसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर ने विश्व स्तर पर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के महत्व को बढ़ाया है? इसका भी उल्लेख करें कि ये अंतरिक्ष मिशन कृषि, आपदा प्रबंधन और शहरी नियोजन जैसे क्षेत्रों में कैसे सहायक हैं?

प्रश्‍न- चर्चा करें कि कैसे चंद्रयान और मंगलयान जैसे महत्वपूर्ण मील के पत्थर ने विश्व स्तर पर भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के महत्व को बढ़ाया है? इसका भी उल्लेख करें कि ये अंतरिक्ष मिशन कृषि, आपदा प्रबंधन और शहरी नियोजन जैसे क्षेत्रों में कैसे सहायक हैं?  36 अंक

 


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उत्‍तर-  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा संचालित भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के तहत चंद्रयान और मंगलयान जैसे अभियानों ने भारत को न केवल तकनीकी दृष्टि से उन्नत राष्ट्रों की पंक्ति में खड़ा किया, बल्कि एक जिम्मेदार, नवाचारशील और लागत-कुशल अंतरिक्ष साझेदार के रूप में प्रतिष्ठित किया जिसे निम्‍न प्रकार समझ सकते हैं।

 

चंद्रयान मिशन की उपलब्धियाँ

  • चंद्रयान-1 (2008) द्वारा चंद्रमा की सतह पर जल अणुओं की खोज तथा चंद्रयान-2 और 3 द्वारा भारत की सॉफ्ट लैंडिंग और रियल-टाइम नेविगेशन जैसी तकनीकी क्षमताओं को प्राप्‍त करना जहां अंतरराष्ट्रीय स्‍तर पर एक बड़ी उपलब्धि थी वहीं चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना दिया।

 

मंगलयान की उपलब्धियाँ

  • भारत का पहला अंतरग्रहीय मिशन मंगलयान पहले ही प्रयास में सफल होने के साथ साथ विश्व का सबसे कम लागत वाला मंगल अभियान रहा जिसने भारत की लागत-कुशल तकनीकी दक्षता को वैश्विक पहचान दिलाई।

 

इन मिशनों में सटीक लैंडिंग, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और स्वचालित प्रणाली, इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क से दूरस्थ डेटा संप्रेषण, PSLV तथा GSLV जैसे किफायती रॉकेटों का सफल उपयोग किया गया। साथ ही, क्रायोजेनिक इंजन जैसी उन्नत तकनीकों ने गगनयान और रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल जैसे भविष्य के मिशनों की नींव रखी।

 

इस प्रकार इन मिशनों से भारत ने उपग्रह प्रक्षेपण, तकनीकी सहयोग और अंतरिक्ष कूटनीति के क्षेत्र में वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को मजबूत किया है। हाल के वर्षों में भारत ने 30 से अधिक देशों के उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं, जिससे उसे “विश्व का विश्वसनीय प्रक्षेपण केंद्र” माना जाने लगा है। इन अभियानों ने भारत को वैश्विक स्‍तर पर जहां वैज्ञानिक और रणनीतिक शक्तिसंपन्‍न देश बनाया वहीं कृषि, आपदा प्रबंधन और शहरी नियोजन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी अपनी व्यावहारिक उपयोगिता को सिद्ध किया है।

 

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कृषि में योगदान

  • उपग्रह डेटा से फसल बीमा योजना और कृषि सब्सिडी लक्ष्यीकरण अधिक प्रभावी बना वहीं रिमोट सेंसिंग, स्पेक्ट्रल इमेजिंग से फसल की निगरानी, भूमि की उपज क्षमता का विश्लेषण, कीट संक्रमण की पूर्व चेतावनी आदि संभव हुई।

 

आपदा प्रबंधन

  • चक्रवात, बाढ़ और भूकंप जैसी आपदाओं के पूर्वानुमान, रियल-टाइम निगरानी और बचाव कार्यों के मार्गदर्शन में उपग्रह चित्रों का उपयोग किए जाने से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा तत्काल निर्णय और संसाधन नियोजन में मदद मिली।

 

शहरी नियोजन

  • स्मार्ट सिटी मिशन में उपग्रह डेटा द्वारा भू-उपयोग नियोजन, यातायात प्रबंधन, बुनियादी ढांचा विकास संबंधी कार्य तो GIS आधारित नक्शों से नदियों के प्रवाह, अतिक्रमण और हरित क्षेत्र की सटीक निगरानी संभव हुई।

 

इस प्रकार चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशनों ने भारत को केवल एक तकनीकी राष्ट्र नहीं, बल्कि एक वैज्ञानिक नेतृत्वकर्ता के रूप में स्थापित किया है। इन अभियानों से प्राप्त अनुभवों और तकनीकों ने न केवल विज्ञान को समृद्ध किया, बल्कि कृषि, शहरी विकास और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में भारत की नीतियों को अधिक कुशल और डेटा-आधारित बनाया।







 

 

 

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