प्रश्न- वर्णन करें कि डी.एन.ए. फिंगर प्रिंटिंग की तकनीक फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में कैसे मदद करती है? 6 अंक
उत्तर-फोरेंसिक विज्ञान अपराधों की जाँच और न्यायिक प्रक्रिया में
वैज्ञानिक प्रमाण प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है जिसमें डी.एन.ए. फिंगर
प्रिंटिंग काफी सहायक है। यह एक आधुनिक तकनीक है जिसका विकास सर एलेक जेफ्रीस द्वारा
किया गया था। डी.एन.ए. फिंगर प्रिंटिंग तकनीक इस पर आधारित है कि हर व्यक्ति की आनुवंशिक
संरचना विशिष्ट होती है।
- बलात्कार, हत्या, अपहरण जैसे मामलों में पीडि़ता या अपराध स्थल पर मिले जैविक नमूनों जैसे रक्त, बाल, लार या वीर्य से डी.एन.ए. निकालकर संदिग्धों के डी.एन.ए. से मिलान कर वैज्ञानिक रूप से अपराधी की पहचान।
- आपदाओं या दुर्घटनाओं में मृत व्यक्तियों की पहचान, पुराने या क्षत-विक्षत शवों की पहचान में सहायक है जिसमें मृतक के दाँत या हड्डी से डी.एन.ए. लेकर परिजनों के डी.एन.ए. से मिलान किया जाता है।
- बच्चे और माता-पिता के बीच जैविक संबंध की पुष्टि से लेकर निर्दोष लोगों को झूठे आरोपों से मुक्त करने में भी सहायक।
इस प्रकार डी.एन.ए. फिंगर
प्रिंटिंग फोरेंसिक विज्ञान का एक वैज्ञानिक, सटीक और विश्वसनीय उपकरण है जो डेटाबेस
से मिलान कर नए पुराने सभी मामलों को सुलझा कर अपराधियों की पहचान में निर्णायक
भूमिका निभाता है।
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