बिहार की अर्थव्यवस्था 2030-31 तक दुगने से अधिक होने की संभावना
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भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और केपीएमजी (KPMG) द्वारा
हाल ही में ‘बिहार: 1,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था' शीर्षक से जारी रिपोर्ट के अनुसार, बिहार की अर्थव्यवस्था 2030-31 तक दोगुनी से अधिक होने की संभावना है
जिसका प्रमुख आधार बिहार के प्राकृतिक संसाधनों, श्रमशक्ति
और औद्योगिक नीतियों को माना गया है।
रिपोर्ट के
मुख्य अनुमान
बिहार की अर्थव्यवस्था 2030-31 तक दुगने से भी अधिक 21.9 अरब डॉलर हो जाएगी
और ऐसा ही चलता रहा तो 2046-47 तक इसके 1,100 अरब डॉलर तक जाने की संभावना जतायी
गयी है।
रिपोर्ट के मुख्य
बिन्दु
- वर्ष 2023-24 में भारत के तेजी से विकास करने वाले राज्यों में बिहार भी शामिल है। बिहार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद वर्तमान मूल्य पर 14.4 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है जो इसी वर्ष भारत की 12 प्रतिशत की वृद्धि दर से अधिक है।
- प्राकृतिक संसाधन जैसे उपजाऊ भूमि, खनिज और जल संसाधन कृषि और उद्योग के लिए
अनुकूल परिस्थितियाँ प्रदान करते हैं तथा कृषि, उद्योग और
सेवा क्षेत्र – तीनों के विस्तार से यह वृद्धि संभव होगी।
- रिपोर्ट के अनुसार पारंपरिक रूप से कृषि आधार के लिए जाने जाना वाला राज्य
अब कृषि आधारित उद्योगों, बुनियादी ढांचा विकास, विनिर्माण,
स्वास्थ्य सेवाओं, संचार प्रौद्योगिकी
सेवाओं, कपड़ा, चमड़ा आदि पर ध्यान दे
रहा है और अर्थव्यवस्था में तेजी इसी का प्रतिफल माना जा रहा है।
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रिपोर्ट के
अनुसार आर्थिक परिवर्तन के प्रमुख कारण
नीतिगत पहल एवं
निवेश
- बिहार सरकार ने 2016 में औद्योगिक प्रोत्साहन नीति लागू की और 2020 में संशोधन कर इसे और आकर्षक बनाया गया।
- निवेशकों के लिए सुविधाजनक वातावरण और राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धी माहौल उपलब्ध कराया गया।
संरचनात्मक
सुधार
- Single Window System से राज्य में कारोबार करना सरल हुआ, निवेश प्रक्रियाएँ पारदर्शी और तेज़ हुई।
- डिजिटल भूमि रिकॉर्ड द्वारा उद्योगों के अनुकूल सुधार लाया गया।
- सड़क, पुल, बिजली, लॉजिस्टिक्स जैसे बुनियादी
ढाँचे का विस्तार किया गया।
- कृषि आधारित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी,
वस्त्र, निर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं में
विस्तार।
जनसंख्या एवं उपभोक्ता
बाज़ार
- बिहार की जनसंख्या 12.7 करोड़ है जिसमें 58% लोग 25 वर्ष से कम आयु के है जिससे प्रशिक्षित और लागत-अनुकूल कार्यबल उपलब्ध हुआ।
- युवाओं की संख्या अधिक होने से जहां उपभोग क्षमता तेज़ी से बढ़ी है तथा अगले 25 वर्षों में उपभोक्ता बाज़ार दोगुना होने की संभावना।
- बिहार में शहरीकरण केवल 12% है (राष्ट्रीय औसत 35%) और बढ़ता शहरीकरण बिहार में बड़ा उपभोक्ता बाजार उपलब्ध करा रहा है।
बिहार अब केवल कृषि-आधारित राज्य न रहकर औद्योगिक और सेवा क्षेत्र में भी
मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। युवा आबादी, संसाधनों की प्रचुरता और नीतिगत समर्थन के कारण
राज्य निवेशकों के लिए अद्वितीय अवसर के रूप में उभर रहा है। 2030-31 तक
अर्थव्यवस्था का दोगुनी से अधिक होना और 2047 तक 1,100 अरब
डॉलर तक पहुँचना यह साबित करता है कि बिहार आने वाले दशकों में भारत की विकास गाथा
का महत्वपूर्ण स्तंभ होगा।
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