प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना
अक्टूबर 2021 में भारत सरकार ने लॉजिस्टिक्स लागत को कम करने हेतु समन्वित और बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं के निष्पादन हेतु महत्त्वाकांक्षी गति शक्ति योजना नेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी प्लान लॉन्च किया है ।
सुदृढ़ लॉजिस्टिक्स का भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए
महत्व भारत विश्व
की 5वीं सबसे
बड़ी अर्थव्यवस्था है तथा दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि कर रही अर्थव्यवस्थाओं
में से एक है। एक सुदृढ़ लॉजिस्टिक्स प्रणाली अर्थव्यवस्था की
प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने में उत्प्रेरक का कार्य करती है। 2025 तक भारत को
5 ट्रिलियन
अर्थव्यवस्था बनाने तथा के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्मनिर्भर भारत
के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपूर्ति शृंखला में सुधार करना तथा
लॉजिस्टिक्स की लागत को कम करना महत्वपूर्ण है। भारत की
लॉजिस्टिक लागत GDP का लगभग 13% है तथा उच्च लॉजिस्टिक लागत के कारण भारत के निर्यात प्रतिस्पर्द्धात्मकता
बहुत कम हो जाती है। सतत् विकास
हेतु गुणवत्तापूर्ण बुनियादी अवसंरचना काफी महत्त्वपूर्ण है जो न केवल आर्थिक
क्रियाओं को गति देता है बल्कि व्यापक पैमाने पर रोज़गार भी पैदा करता है। |
गति शक्ति योजना संबंधी महत्वपूर्ण बिन्दु
पीएम गति
शक्ति परियोजना एक तरह का डिजिटल मंच है जिससे रेल और सड़क समेत 16 मंत्रालय जुड़े हैं । इसका कार्यान्वयन
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के साथ समन्वय स्थापित कर किया जाएगा।
यह आर्थिक वृद्धि और
सतत् विकास की दिशा में एक परिवर्तनकारी पद्धति है। इस पद्धति का संचालन सात
इंजनों सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट्स, पत्तन, सार्वजनिक परिवहन, जलमार्ग और लॉजिस्टिक
अवसंरचना से होता है। ये सातों इंजन एक साथ मिलकर के अर्थव्यवस्था को आगे ले
जाएंगे। इन इंजनों की सहायता करने में ऊर्जा पारेषण, आईटी संचार, भारी मात्रा में
जल एवं जल निकास तथा सामाजिक अवसंरचनाएं अपनी पूरक भूमिका अदा करती हैं।
इस उपागम को स्वच्छ
ऊर्जा और केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्रों के मिलेजुले प्रयासों से
शक्ति मिलती है जिसके परिणामस्वरूप भारी तादात में नौकरियां, उद्यम के अवसर पैदा हो सकते हैं।
गति शक्ति योजना के उद्देश्य
- बुनियादी अवसंरचना से संबंधित सभी मंत्रालयों को एक साथ लाना।
- आगामी चार वर्षों में बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
- ज़मीनी स्तर पर काम में तेज़ी लाते हुए लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाना ।
- कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और व्यापार को बढ़ावा देने हेतु बंदरगाहों पर टर्नअराउंड समय को कम करना
- भारत में औद्योगिक गलियारे एवं रक्षा गलियारे को बनाना।
बजट 2022-23 में पीएम गतिशक्ति’ हेतु प्रमुख प्रस्ताव
सड़क परिवहन
- वर्ष 2022-23 में
एक्सप्रेस मार्ग हेतु पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान का
प्रतिपादन किया जाएगा ।
- वर्ष 2022-23 में
राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर का विस्तार
किया जाएगा।
वस्तुओं और लोगों का
निर्बाध बहुविध मूवमेंट
- सभी माध्यमों के आपरेटरों को डाटा एक्सचेंज, एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस, एकीकृत लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफार्म पर लाया जाएगा। इससे विभिन्न माध्यमों के जरिए वस्तुओं के कुशल मूवमेंट, लॉजिस्टिक्स लागत और समय कम करने, यथासमय इन्वेंट्री मैनेजमेंट में सहायता करने और अनावश्यक दस्तावेजीकरण को दूर करने में मदद मिलेगी।
- इससे सभी हितधारकों को रीयल टाइम सूचना उपलब्ध होगी, और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा। यात्रियों की निर्विध्न यात्रा के लिए समान को लाने-लेजाने के लिए ओपेन स्रोत की सुविधा भी दी जाएगी।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क
- वर्ष 2022-23 में पीपीपी आधार पर चार स्थानों पर मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क को आरंभ करने के लिये
अनुबंध किया जाएगा।
रेलवे
- रेलवे पार्सलों के निर्विध्न आवाजाही की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए डाक और रेलवे को जोड़ने में अग्रमी भूमिका निभाने के साथ-साथ रेलवे छोटे किसानों तथा लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए नए उत्पाद और कार्यकुशल लॉजिस्टिक सेवाएं विकसित करेगा।
- स्थानीय कारोबार तथा आपूर्ति शृंखला में
वृद्धि करने के लिये ‘वन स्टेशन, वन प्रोडक्ट’
की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा।
- अगले तीन वर्षों के दौरान 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत रेलगाड़ियों का विकास और विनिर्माण किया जाएगा जो
कि ऊर्जा क्षमता और यात्रियों के सुखद अनुभव की दृष्टि से बेहतर होंगी।
- अगले तीन वर्षों के दौरान मल्टीमॉडल
लॉजिस्टिक्स सुविधाओं के लिये 100 PM गतिशक्ति
कार्गो टर्मिनल विकसित किये जाएंगे।
रेलवे संपर्क सहित सार्वजनिक शहरी परिवहन
- मेट्रो सिस्टम के निर्माण के लिये वित्तपोषण और इनके तीव्र कियान्वयन के नए तरीकों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- बड़े पैमाने पर शहरी परिवहन और रेलवे स्टेशनों के बीच मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को प्राथमिकता के आधार पर सुगम बनाया जाएगा।
पर्वतमाला राष्ट्रीय रोपवे विकास
कार्यक्रम
- दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में परंपरागत
सड़कों के विकल्प के रूप में पीपीपी मोड के
अंतर्गत राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा जिसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने एवं यात्रियों के लिये कनेक्टिविटी और सुविधा में
सुधार करना है।
- इसमें सघन
आबादी वाले ऐसे शहरी क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा
जहाँ परंपरागत सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था संभव नहीं है।
- वर्ष 2022-23 में 08 रोपवे परियोजनाओं, जिनकी कुल लंबाई 60 किमी. होगी, के लिए ठेके दिए जाएंगे।
लॉजिस्टिक्स सुधार के लिए चल रही
योजनाएं
|
गति शक्ति योजना से लाभ
- रसद लागत में कटौती होगी तथा आपूर्ति श्रृंखला में सुधार होगा
- एक समग्र एवं एकीकृत परिवहन कनेक्टिविटी रणनीति से मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा।
- स्थानीय वस्तुओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी।
- देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे
- मौजूदा और प्रस्तावित कनेक्टिविटी परियोजनाओं की मैपिंग में मदद मिलेगी।
- भारत में विभिन्न क्षेत्रों और औद्योगिक केंद्रों को जोड़ने संबंधी योजना भी स्पष्ट हो सकेगी।
- यह वर्ष 2024-25 के लिये सरकार द्वारा निर्धारित महत्त्वाकांक्षी लक्ष्यों जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग
नेटवर्क की लंबाई को 2 लाख किलोमीटर तक विस्तारित करना,
200 से अधिक नए हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट और वाटर
एयरोड्रोम का निर्माण करना को पूरा करने में मदद करेगा।
- गाँवों में 4G कनेक्टिविटी
विस्तार, गैस पाइपलाइन नेटवर्क में 17,000 किलोमीटर की क्षमता जोड़ने जैसी योजनाएं बनायी जा रही है जिससे भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का
तेजी से विकास होगा और देश में कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
अन्य महत्वपूर्ण अवसंरचनात्मक परियोजनाएं
राष्ट्रीय रेलवे योजना
एकल
प्रबंधन के तहत 68,102 किमी
से अधिक मार्ग के साथ भारतीय रेलवे दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है। भारतीय
रेलवे स्वदेशी नई तकनीक जैसे कवच, वंदे भारत ट्रेन और स्टेशनों
के पुनर्विकास के साथ बेहतर यात्रा अनुभव दे रहा है। इसके अलावा सभी स्टेशनों पर वाई
फाई इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने की शुरुआत की है। भारतीय रेलवे ने 2023 तक अपने नेटवर्क के 100% विद्युतीकरण का लक्ष्य रखा है।
रेलवे
द्वारा तैयार राष्ट्रीय रेल योजना में कई बुनियादी ढांचा विकास पहलों की परिकल्पना
की गयी है। इसके तहत 2030 तक रेलवे
नेटवर्क के क्षमता विस्तार के लिए रोडमैप तैयार करती है ताकि भविष्य की आवश्यकताओं
को ध्यान में रखकर रेलवे प्रणाली का निर्माण एवं विकास कर यात्रियों तथा माल परिवहन
को बढ़ाया जा सके।
रेलवे
का यह मॉडल स्थिरता और उत्सर्जन के स्तर को कम करने के लिए विश्व स्तर पर की गयी राष्ट्रीय
प्रतिबद्धताओं को भी व्यक्त करता है।
राष्ट्रीय
रेल योजना परियोजनाओं की एक पाइपलाइन प्रदान करती है जिसके पूरा होने पर रेलवे की क्षमता
में 45% माल ढुलाई
पर अधिकृत करने की क्षमता बढ़ जाएगी। यह रेलवे क्षमता बढ़ाने हेतु बंदरगाहों और
प्रमुख खपत केद्रों के साथ साथ प्रमुख खनिज, औद्योगिक केन्द्रों
की सेवा करनेवाले मार्गों पर क्षमता बढ़ाने पर केन्द्रित है।
भारत का पहला इलेक्ट्रिक हाईवे सितम्बर 2021 में केंद्रीय सड़क मंत्री नितिन गडकरी द्वारा एक
कार्यक्रम में की गयी घोषणा के अनुसार सरकार दिल्ली से जयपुर के बीच इलेक्ट्रिक
हाईवे बनाने की तैयारी कर रही है। एक ऐसा हाईवे जिसपर इलेक्ट्रिक वाहन चलते हों।
जिस तरह ट्रेन बिजली के जरिए चलती है ठीक उसी तरह हाइवे पर भी बिजली के तार लगाए
जाएंगे। हाइवे पर चलने वाले वाहनों को इन तारों के जरिए बिजली की आपूर्ति की
जाएगी। 200 किलोमीटर लंबे इस हाईवे को
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के साथ ही एक नई लेन पर बनाया जाएगा तथा पूरी तरह से
तैयार होने के बाद यह देश का पहला ई-हाईवे होगा। लाभ
चुनौती
|
महामारी के बाद सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को गति देने तथा वैश्विक स्तर पर आर्थिक महाशक्ति बनने हेतु बुनियादी अवसंरचनाओं का विकास आवश्यक है लेकिन इसके साथ भूमि अधिग्रहण में देरी, परियोजनाओं के कार्यान्वयन की दर धीमी गति से होना, पर्यावरण मंज़ूरी उच्च सार्वजनिक व्यय से उत्पन्न संरचनात्मक और व्यापक आर्थिक स्थिरता संबंधी कुछ समस्याएं है जिनको हल करना अति आवश्यक है।
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