बिहार में निम्न टेली घनत्व-कारण एवं सुधार
प्रश्न –फरवरी 2022 में दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दिसम्बर 2021 के अंत में अखिल भारत औसत 85.91% के मुकाबले बिहार सेवा क्षेत्र में 53.71% टेली घनत्व है । इस स्थिति के कारणों को इंगित कीजिए । इसका क्या प्रभाव है ? स्थिति में सुधार हेतु उठाए जा सकने वाले कदमों की जांच कीजिए ।
टेलीघनत्व का तात्पर्य 100 लोगों पर
टेलीफोन कनेक्शनों की संख्या से है। फरवरी 2022 में
दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार दिसम्बर 2021 के अंत
में अखिल भारत औसत 85.91% के मुकाबले बिहार सेवा क्षेत्र में
53.71% टेली घनत्व रहा । इस प्रकार बिहार सभी
राज्यों में टेली घनत्व में मामले में निम्न स्थान पर रहा जिसके मुख्य कारण
निम्न है
जनसंख्या घनत्व
बिहार का जनसंख्या घनत्व 1,106 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी
है जो सभी राज्यों में सबसे ज्यादा है और सभी लोगों के पास इंटरनेट, मोबाइल की सुविधा नहीं है ।
ग्रामीण जनसंख्या
बिहार की लगभग 89 प्रतिशत आबादी ग्रामीण है जिनमें से
अधिकांश टेलीफोन,
इंटरनेट सुविधाओं का उपयोग नहीं कर पाते हैं।
विस्तृत ग्रामीण क्षेत्र
बिहार में कई ग्रामीण क्षेत्र काफी बड़े है लेकिन
उनमें आबादी घनत्व कम है । इस स्थिति में टेलीकॉम सेवा प्रदाता इन क्षेत्रों में
ज्यादा निवेश नहीं करती ।
कम प्रति व्यक्ति आय
बिहार की एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे है तथा
यहां की प्रति व्यक्ति आय 40 हजार से कम है जिसके कारण कई लोग संचार सुविधाओं में
खर्च नहीं करना चाहते।
आर्थिक असमानता
बिहार ग्रामीण बहुल आबादी वाला एक गरीब राज्य माना
जाता है । यहां पर आर्थिक असमानता भी व्यापक स्तर पर है जिसके कारण एक बड़ा वर्ग
मोबाईल,
इंटरनेट की सुविधाओं का वहन नहीं कर पाता जो टेलीघनत्व को प्रभावित
करता है।
अवसंरचना की कमी
टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं के लिए आवश्यक अवसंरचना
सतत बिजली आपूर्ति,
टेलीकॉम टॉवरों की कमी, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं
की पहुंच संबंधी समस्याओं के कारण बिहार में टेलीघनत्व कम रहा ।
प्राकृतिक आपदाएं
उत्तरी बिहार प्रति वर्ष बाढ़ से प्रभावित होता है
जिसके कारण यहां संचार संबंधी अवसंरचनाएं प्रभावित होती है। इस स्थिति में टेलीकॉम
सेवा प्रदाता कंपनियां बार बार होनेवाले नुकसान के कारण ऐसे क्षेत्रों के प्रति
प्राय: उदासीन रहती है जो टेलीघनत्व को प्रभावित करता है ।
अन्य कारण
बिहार में मोबाइल टावरों की कमी, आर्थिक
पिछड़ापन और दूरसंचार सेवाओं का महंगा होना
लोगों का मोबाइल फोन सेवाओं से वंचित रहने का बड़ा कारण हैं।
सस्ती दर पर सेवा प्रदान करने वाली कंपनी
BSNL
को अच्छे से स्थापित करने की ओर सरकार उदासीन है जबकि निजी सेवा
प्रदाताओं की सेवाएं अपेक्षाकृत मंहगी है । इस कारण कई लोग दूरसंचार सेवा से वंचित
हैं।
इस प्रकार उपरोक्त कारणों से बिहार टेली घनत्व में
मामले में निम्न स्थान पर है । वर्तमान संचार क्रांति के युग में बदलते परिदृश्य
एवं कोविड-19
महामारी ने कई ऑनलाइन सेवाओं के लिए मोबाईल, इंटरनेट
पर निर्भरता बढ़ गयी है और इन सुविधाओं से बिहार में एक बड़ी आबादी वंचित है जिसके
कारण बिहार में टेलीघनत्व निम्न है और इसका व्यापक प्रभाव पड़ता है ।
निम्न टेलीघनत्व का प्रभाव
वर्तमान में शिक्षा, स्वास्थ्य,
सरकारी योजनाओं, आवश्यक जानकारी तक पहुंच
में कंप्यूटर, मोबाईल, इंटरनेट जैसे
संचार साधनों की महतवपूर्ण भूमिका है तथा इन सुविधाओं में पहुंच की कमी से एक बड़ा
वर्ग इन सुविधाओं से वंचित रह सकता है ।
उल्लेखनीय है कि कोविड महामारी एवं लॉकडाउन में संचार
प्रौद्योगिक के कारण ही सरकार की मदद सही लाभार्थीयों तक पहुंच पायी तथा इस
महामारी से लड़ने,
जागरुकता, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, जीवन हेतु मौलिक वस्तुओं की आपूर्ति,
वित्तीय सहायता आदि उपलबध कराने में इंटरनेट की महत्वपूर्ण भूमिका
रही ।
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के कारण ही कोविड-19 महामारी जैसी चुनौतियों का सामना बिहार ने सफलतापूर्वक किया। डिजिटल समावेशन से राज्य के किसान एवं नागरिक का एक बड़ा वर्ग मौसम पूर्वानुमान,
आपदा पूर्वानुमान, राहत एवं बचाव जानकारी,
कृषि आंकड़े, कृषि उत्पादों के बाजार मूल्य,
योजनाओं की जानकारी, ई सेवाओं का लाभ प्राप्त
कर रहे हैं।
टेली घनत्व में सुधार हेतु सुझाव
वर्तमान में इंटरनेट की सामाजिक एवं
आर्थिक समावेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है अत: दूरसंचार अवसंरचना का
विस्तार कर और डिजिटल रूप से असंबद्ध क्षेत्रों को संबद्ध करना समय की मांग है ।
इस दिशा में सरकार सतत रूप से भारतनेट, कंप्यूटर साक्षरता मिशन,
सात निश्चय आदि योजनाओं के माध्यम से प्रयासरत है फिर भी टेलीघनत्व
में वृद्धि हेतु निम्न प्रयास किए जा सकते हैं ।
- संचार प्रौद्योगिकी के बारे में जागरुकता फैलाने, सूचना
प्रौद्योगिकी कौशल प्रशिक्षण देने तथा सूचना प्रौद्योगिकी परितंत्र तैयार करने की दिशा
में भी कार्य किया जाए ।
- बेहतर अवसंरचना के साथ साथ सुलभ एवं सस्ते दर पर उपलब्ध कराने का प्रयास ।
- नवीन तकनीकों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट
ऑफ थिंग्स, लॉक चैन, बिग डाटा आदि
प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ साथ साइबर सुरक्षा को मजबूत किया जाए ।
- कंप्यूटर एवं तकनीकी जानकारी एवं साक्षरता में वृद्धि हेतु प्रयास किया जाए ।
- आर्थिक एवं लैंगिक असमानता को दूर करने हेतु उपायों को बढ़ावा दिया जाए ।
- कृषि एवं सहवर्ती क्षेत्र में, आपदा
प्रबंधन आदि में संचार प्रौद्योगिकी के नवाचार उपयोग को बढ़ावा दिया जाए ।
68वी में पूछे गए इस प्रश्न को 69वी मुख्य परीक्षा को ध्यान में रखते हुए 20 मई 2023 से प्रतिदिन संचालित मुख्य परीक्षा सीरीज में दिया गया है जिसका मॉडल उत्तर आपको GK BUCKET टीम द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा है ।
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69th BPSC Mains Answer writing Telegram Group only Rs. 2250/-
कार्यक्रम की रूपरेखा
- BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित Telegram based online Test
- प्रथम चरण - 20 मई 2023 से 20 जुलाई 2023 तक
- द्वितीय चरण – प्रारंभिक परीक्षा के बाद से 40-50 दिनों तक मुख्य परीक्षा के पूर्व ।
- सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन 1 प्रश्न का अभ्यास जिसे प्रारंभिक परीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा । हमारा लक्ष्य मुख्य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्नों का अभ्यास करना है ।
- सामान्य अध्ययन के पारम्परिक प्रश्नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्टूबर 2023 तक के सभी महत्वपूर्ण घटनाओं, आर्थिक समीक्षा, बजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्तर लेखन का अभ्यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्न नहीं होगें ।
- उत्तर लेखन टेलीग्राम के माध्यम से हिन्दी माध्यम में होगा ।
- निबंध लेखन के तहत अभ्यास प्रारंभिक परीक्षा के बाद किया जाएगा ।
कार्यक्रम की विशेषता
- GK BUCKET टीम द्वारा प्रश्नों का सूक्ष्म विश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
- हमारी टीम के अनुसार प्रत्येक प्रश्न का मॉडल उत्तर, मूल्यांकन, आवश्यक सलाह, आदि ।
- संसाधन, कोचिंग तक पहुंच एवं समय की कमी जैसी समस्याओं को दूर करने में सहायक ।
- बदलते पैटर्न तथा बदलती प्रकृति में हमारा उद्देदश्य आपको सर्वोत्तम प्रदान करना है ।
- उपरोक्त नियम में समय एवं आवश्यकता के अनुसार आवश्यक बदलाव किए जा सकते है।
कार्यक्रम के लाभ
- मुख्य परीक्षा की तैयारी को निरंतरता देने में सहायक ।
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