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Jun 1, 2023

नीली अर्थव्‍यवस्‍था (ब्‍लू इकोनॉमी)

 नीली अर्थव्‍यवस्‍था (ब्‍लू इकोनॉमी) 

प्रश्‍न- "नीली अर्थव्‍यवस्‍था की पहचान, राष्‍ट्रीय विकास के दस मुख्‍य आयामों में से एक के रूप में की जाती है।" उपरोक्‍त कथन के आलोक में, अर्थव्‍यवस्‍था के लिए इसके महत्‍व पर चर्चा कीजिए और नीली अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने के लिए भारत द्वारा उठाए गए कदमों की सूची बनाइएं । क्‍या वे पर्याप्‍त है?


भविष्य की जरूरतों एवं भारतीय अर्थव्यवस्था में समुद्री संसाधनों की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा ब्लू इकोनॉमीपॉलिसी ड्राफ्ट तैयार किया गया । इसकी पहचान 2030 तक भारत सरकार के “न्यू इंडिया विज़न” का छठे आयाम  के रूप में की जाती है जिसमें सागरमाला कार्यक्रम के प्रयासों में तेजी लाने के साथ भारत के तटीय और समुद्री मार्गों के माध्‍यम से देश के विकास को सशक्‍त बनाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है ।

नीली अर्थव्‍यवस्‍था उन वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में सहायता करता है जो आर्थिक विकास, पर्यावरणीय स्थिरता और राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ स्पष्ट रूप से संबंधित है। 


भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए नी‍ली अर्थव्‍यवस्‍था का महत्‍व

  1. भारत के 9 राज्‍यों में फैली लगभग 7.5 हजार किलोमीटर की तटरेखा तथा 12 प्रमुख बंदरगाह  के साथ 199 बंदरगाह प्रतिवर्ष लगभग 1,400 मिलियन टन कार्गो को संभालते हुए भारत के व्‍यापार का 95 % का समर्थन करता है ।
  2. भारत के 2 मिलियन वर्ग किलोमीटर से अधिक के विशेष आर्थिक क्षेत्र कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस जैसे महत्वपूर्ण संसाधनों के साथ जीवित और निर्जीव संसाधनों से युक्‍त है। 
  3. तटीय अर्थव्यवस्था द्वारा जहां 4 मिलियन से अधिक मछुआरों और तटीय समुदायों का निर्वाह होता है वही यह पर्यटन, रोजगार एवं आय सृजन में विशेष योगदान देता है ।
  4. हिन्‍द महासागर कार्बन सिंक के रूप में जलवायु परिवर्तन को कम करने में सहायक हो सकते हैं तथा भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के सतत विकास में योगदान दे सकते हैं।
  5. सतत् महासागरीय अर्थव्यवस्था हेतु किये गए एक शोध के अनुसार, प्रमुख महासागरीय गतिविधियों में निवेश पाँच गुना अधिक रिटर्न देता है। इस प्रकार यह निवेश पर उच्‍च लाभ प्रदान कर सकता है ।
  6. तीव्र गति से बढ़ती भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की ऊर्जा आवश्‍यकताओं को नवीकरणीय ऊर्जा के रूप में अपतटीय पवन, लहरों, महासागरीय धाराओं के रूप में काफी संभावनाएँ हैं।

इस प्रकार व्‍यापक हितों के साथ नीली अर्थव्यवस्था का विशेष महत्‍व है जिसका  उद्देश्य भारत की जीडीपी में नीली अर्थव्यवस्था के योगदान को बढ़ाना, तटीय समुदायों के जीवन में सुधार करना, समुद्री जैव विविधता का संरक्षण करना है। इस प्रकार यह भारत को जिम्मेदारी से समुद्री संसाधनों का उपयोग करने के लिए एक विशाल सामाजिक-आर्थिक अवसर उपलब्‍ध कराता है।


केंद्रीय बजट, 2019 में वित्त मंत्री द्वारा न्यू इडिया विज़न 2030 का लक्ष्य रखा गया जिसके माध्यम से भारत वर्ष 2025 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर और वर्ष 2030 तक 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है । इस दिशा में नीली अर्थव्‍यवस्‍था द्वारा महत्‍वपूर्ण योगदान की संभावनाएं है और इसी को ध्‍यान में रखते हुए नीली अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने हेतु भारत सरकार द्वारा अनेक कदम उठाए गए है जिनमें प्रमुख निम्‍नानुसार है  


डीप ओशन मिशन

गहरे महासागरीय संसाधनों के अन्वेषण एवं दोहन हेतु प्रौद्योगिकियों को विकसित करने हेतु ।

सागरमाला परियोजना

आईटी सक्षम सेवाओं के व्यापक उपयोग के माध्यम बंदरगाहों के आधुनिकीकरण एवं विकास हेतु ।

-स्मार्ट योजना

सतत् विकास के लिये महासागरों और समुद्री संसाधनों का विनियमित उपयोग एवं दोहन हेतु

एकीकृत तटीय क्षेत्र प्रबंधन

तटीय और समुद्री संसाधनों के संरक्षण तथा तटीय समुदायों के लिये आजीविका के अवसरों में सुधार हेतु।

राष्ट्रीय मत्स्य नीति

भारत में समुद्री और अन्य जलीय संसाधनों के सतत् उपयोग को बढ़ावा देने हेतु नीति ।

टास्क फोर्स

सतत् विकास हेतुब्लू इकॉनमीपर भारत-नॉर्वे टास्क फोर्स का गठन ।


इस प्रकार उपरोक्‍त प्रयासों द्वारा भारत में नीली अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा दिया जा रहा है फिर भी इन प्रयासों को पर्याप्‍त नहीं माना जा सकता क्‍योंकि इस  क्षेत्र से संबंधित कानून, विनियम एवं नियम वर्षों पुराने हैं जिनमें संशोधन किया जाना होगा ।


इसी क्रम में वर्तमान में महासागरीय क्षेत्र भी संसाधनों का अनुचित दोहन,  जैव-विविधता संकट, प्रदूषण, कार्बन उत्सर्जन, जलवायु परिवर्तन से अछूते नहीं हैं अत: इस दिशा में भी आवश्‍यक नियमन की आवश्‍यकता है । यदि हम कुशल अवसंरचना के साथ महासागरीय संसाधनों का धारणीय उपयोग करने में सक्षम होते हैं तभी नीली अर्थव्‍यवस्‍था भारत की अर्थव्यवस्था को गति देने में प्रमुख योगदान दे सकता है।


शब्‍द संख्‍या – लगभग 650

 

·     68वी में पूछे गए इस प्रश्‍न को 69वी मुख्‍य परीक्षा को ध्‍यान में रखते हुए 20 मई 2023 से प्रतिदिन संचालित मुख्‍य परीक्षा सीरीज में दिया गया है जिसका मॉडल उत्‍तर आपको GK BUCKET टीम द्वारा उपलब्‍ध कराया जा रहा है ।

·     यह प्रश्‍न मॉडल उत्‍तर के रूप में दिया जा रहा है जिसे अपने शब्‍दों में लगभग 400 शब्‍द सीमा में लिखने का प्रयास करें ।  इस ग्रुप में हमारा प्रयास केवल आपको मार्गदर्शन करना है। 

·     69वीं BPSC Mains को ध्‍यान में रखते हुए अपडेटेड नोट्स अगस्‍त में जा जाएगा । इसके आलवा जो भी अपडेट न्‍यूज/लेख/महत्‍वपूर्ण घटना आदि के बारे में होगी वह मुख्‍य परीक्षा ग्रुप में उपलब्‍ध कराया जाएगा ।

·      BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्‍हाटसएप/कॉल करें 74704-95829 





69th BPSC Mains Answer writing Telegram Group only Rs. 2250/-

कार्यक्रम की रूपरेखा

  1. BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित  Telegram based online Test
  2. प्रथम चरण  - 20 मई 2023 से 20 जुलाई 2023 तक
  3. द्वितीय चरण – प्रारंभिक परीक्षा के बाद से 40-50 दिनों तक मुख्‍य परीक्षा के पूर्व  ।
  4. सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन 1 प्रश्‍न का अभ्‍यास जिसे प्रारंभिक परीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा । हमारा लक्ष्‍य मुख्‍य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्‍नों का अभ्‍यास करना है ।
  5. सामान्‍य अध्‍ययन के पारम्‍परिक प्रश्‍नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्‍टूबर 2023 तक के सभी महत्‍वपूर्ण घटनाओंआर्थिक समीक्षाबजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्‍तर लेखन का अभ्‍यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्‍न नहीं होगें ।
  6. उत्‍तर लेखन टेलीग्राम के माध्‍यम से हिन्‍दी माध्‍यम में होगा ।
  7. निबंध लेखन के तहत अभ्‍यास प्रारंभिक परीक्षा के बाद किया जाएगा ।


कार्यक्रम की विशेषता

  1. GK BUCKET टीम द्वारा प्रश्नों का सूक्ष्म विश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
  2. हमारी टीम के अनुसार प्रत्‍येक प्रश्‍न का मॉडल उत्‍तरमूल्‍यांकनआवश्‍यक सलाहआदि ।
  3. संसाधनकोचिंग तक पहुंच एवं समय की कमी जैसी समस्‍याओं को दूर करने में सहायक ।
  4. बदलते पैटर्न तथा बदलती प्रकृति में हमारा उद्देदश्‍य आपको सर्वोत्‍तम प्रदान करना है ।
  5. उपरोक्‍त नियम में समय एवं आवश्‍यकता के अनुसार आवश्‍यक बदलाव किए जा सकते है।

कार्यक्रम के लाभ

  1. मुख्‍य परीक्षा की तैयारी को निरंतरता देने में सहायक ।
  2. बिहार संबंधी मुद्दों पर विशेष प्रश्‍नों का अभ्‍यास कराया जाएगा ।
  3. पीटी रिजल्‍ट के बाद अत्‍यंत कम समय में दोहराव से आत्‍मविश्‍वास आएगा।
  4. प्रश्‍नों की प्रकृति समझनेउसे हल करनेसमय प्रबंधन का अभ्‍यास होगा ।
  5. न्‍यूनतम शुल्‍क में बेहतर गुणवत्‍ता के साथ तैयारी का अवसर ।
  6. सितम्‍बर में GK BUCKET टीम द्वारा तैयार BPSC Mains Special Notes अपडेटेड नोट्स आ जाएगा तो इस कार्यक्रम में शामिल सदस्‍य उस समय विशेष छूट (लगभग 40% तक) के साथ नोटस को प्राप्‍त कर सकते हैं।
  7. ज्‍यादा जानकारी के लिए कॉल करें 74704-95829
  8. BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्‍हाटसएप/कॉल करें 74704-95829 

68th BPSC मुख्‍य परीक्षा के मॉडल उत्‍तर देखने के लिए नीचे क्लिक करें। 


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