भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते अनुप्रयोगों के बीच इसके बेहतर क्रियान्वयन के लिए भारत के AI इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए आप क्या सुझाव देना चाहेंगे।
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Civil Service Mains Answer writing
उत्तर- मशीन और सॉफटवेयर की मदद से कृत्रिम तरीके से विकसित की गयी बौद्धिक क्षमता को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है। वर्तमान में लगभग 77% डिजिटल उपकरण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग हो रहा है ।
भारत
में विभिन्न राज्यों, सरकारी
एवं गैर सरकारी संस्थानों द्वारा प्रशासन,
कृषि, सार्वजनिक सेवा, यातायात
प्रबंधन, वित्तीय सेवाओं आदि में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग बढ़ता जा रहा है।
सार्वजनिक सेवा में सुधार
के लिए महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु जैसे राज्यों ने चैटबॉट,
ड्रोन, AI-आधारित ऐप का प्रयोग करना आरंभ कर दिया है वहीं पंजाब, बिहार जैसे राज्य ने कृषि में
सिंचाई, उर्वरक छिड़काव आदि में इसका प्रयोग आरंभ किया है।
इस
प्रकार आनेवाले समय में इसके अनुप्रयोगों में वृद्धि की
संभावना है। हांलाकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विविध बढ़ते अनुप्रयोगों के बीच बढ़ते
जोखिम, डाटा सुरक्षा, नैतिक जिम्मेवारी, निर्णय की सटीकता, वित्तीय धोखाधड़ी जैसे मामले भी जुड़े है जिनको संबोधित किया जाना है। हांलाकि भारत में
समग्र राष्ट्रीय AI प्रशासकीय तंत्र का विकास किया जाना बाक़ी है लेकिन
इस कड़ी में कई पहल और दिशा निर्देश स्थापित किए जा चुके हैं जिसमें प्रमुख निम्न
है
- नीति आयोग की “AI के लिए राष्ट्रीय रणनीति” (2018)
- भारतीय
चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में नैतिकतापूर्ण AI उपयोग।
- नॉस्कॉम
द्वारा ज़िम्मेदार जेनेरेटिव AI के लिए दिशा निर्देश ।
- माइक्रोसॉफ्ट द्वारा भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सार्वजनिक प्रशासन के लिए पांच-सूत्री दृष्टिकोण ।
AI इकोसिस्टम
में मज़बूती हेतु उपाए
- शिक्षा
जगत- राष्ट्रीय लक्ष्यों के
साथ तालमेल सुनिश्चित कर विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में AI को शामिल कर इस
क्षेत्र में शिक्षण- प्रशिक्षण को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
- स्टार्टअप्स- स्टार्टअप्स तकनीक और
मानवीय क्षमता से संबंधित चुनौतियों का सामना करते हैं अत: घरेलू AI अनुप्रयोगों के विकास
हेतु इनको प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
- आर्टिफिशियल
इंटेलिजेंस का एक मज़बूत इकोसिस्टम खड़ा करने में उन संस्थानों, डेवलपर्स को भी महत्व दिया जाए
जिनके पास पर्याप्त वित्तीय समर्थन, सुरक्षा, अवसंरचनाओं की कमी है।
- नीति-निर्माता
और सरकारी संस्थान -AI प्रशासन संबंधित क़ानून
तैयार करने हेतु नीति-निर्माताओं और विनियामक संस्थानों की पहचान किए जाना होगा ।
- बहुराष्ट्रीय
निगम- टेक क्षेत्र की
बहुराष्ट्रीय कंपनियां और निजी क्षेत्र भारत में AI नियामक में प्रमुख भूमिका में है इसलिए
उनके विचारों, योजनाओं को नीति-निर्माण प्रक्रियाओं में
एकीकृत किया जाना चाहिए।
- सार्वजनिक-निजी
भागीदारी-AI प्रशासन
को समर्थन देने, नीतिनिर्माण, क्रियान्वयन
आदि में सरकारों, निजी क्षेत्र और नागरिक समाज संगठनों को
मिलकर काम करना होगा।
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विविध क्षेत्रों में बढ़ते उपयोग विविध दिशा निर्देशों तथा नियमकों के बीच एकरूपता लाने तथा राष्ट्रीय हितों को लक्षित करते हुए कार्य के लिए एक मज़बूत इकोसिस्टम की आवश्यकता है जिसके लिए नए कानून और मानक बनाने के साथ साथ वर्तमान क़ानूनों के प्रावधानों की ओर भी देखना बेहतर होगा।
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