प्रश्न: भारतीय तट के साथ मैंग्रोव वन आवरण के पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों पर उदाहरणों के साथ चर्चा करें।8 Marks (70th BPSC)
उत्तर- मैंग्रोव वन तटीय पारिस्थितिकी तंत्र में सबसे अधिक उत्पादक एवं महत्वपूर्ण
जैव संसाधन है जिसका सामाजिक-आर्थिक और
पारिस्थितिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान है। भारत में वैश्विक मैंग्रोव का 3%
पाया जाता है जो मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, उड़ीसा,
गुजरात, आन्ध्र प्रदेश, अंडमान- निकोबार में केन्द्रित है। इसके पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों को
निम्न प्रकार समझा जा सकता है।
- तटीय क्षरण, तूफान और चक्रवातों से रक्षा करने में सहायक। मैंग्रोव वन
के कारण 2019 में चक्रवात बुलबुल की
गति 20 किमी प्रति घंटा कम हो गई तो 2004 की सुनामी में भी मैंग्रोव
वनों ने भूमि पर पानी के तेज़ प्रवाह को धीमा या रोकने में योगदान दिया। दूसरी ओर
मैंग्रोव की कमी के कारण 2005 में मुम्बई में बाढ़ भयावह हो गयी।
- यह कार्बन का विशाल भंडारण कर जलवायु परिवर्तन कम करने में सहायक है।
- जलीय एवं तटीय जीवों, पक्षियों के
लिए आवास प्रदान कर जैव विविधता संरक्षण।
आर्थिक लाभ
- सुंदरवन और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की अनेक स्थानीय आबादी की आजीविका इन पर निर्भर है।
- मैंग्रोव मछली पालन, पर्यटन, लकड़ी, जलावन व मधुमक्खी पालन के लिए उपयोगी होने के साथ तटीय आपदाओं की तीव्रता
कम कर जानमाल नुकसान को कम करता है।
मैंग्रोव वन तटीय जीवन, पर्यावरण
एवं आर्थिक स्थिरता के लिए अनिवार्य है जिसके लिए सभी हितधारकों को एकीकृत प्रबंधन दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
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