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May 28, 2023

चुनाव आयोग- स्‍वतंत्र एवं निष्‍पक्ष चुनाव में भूमिका

चुनाव आयोग- स्‍वतंत्र एवं निष्‍पक्ष चुनाव में भूमिका 

प्रश्‍न – भारत के चुनाव आयोग ने चुनाव कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दशकों से चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने में इसकी भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। बिहार में शेषन-पूर्व और शेषन युग के बाद चुनावों के संचालन के संदर्भ में अपने उत्तर के कारण दीजिए। यह लोकतंत्र को मजबूत करने में कैसे योगदान देता है? 38

 


किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए चुनाव एक महत्‍वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके माध्‍यम से लोकतंत्र को कायम रखा जाता है क्‍योंकि चुनाव ही वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा जनता अपने चुने हुए जनप्रतिनिधियों के माध्‍यम से शासन चलाती है ।

 

एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते भारत में संवैधानिक व्‍यवस्‍था के तहत स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष चुनाव की जिम्‍मेवारी चुनाव आयोग को दी गयी है ।  भारतीय संविधान का अनुच्‍छेद 324 चुनाव आयोग को मतदाता सूची तैयार कराने, चुनाव के संचालन, अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण का अधिकार देता है ।  

 

स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष चुनाव की दिशा में चुनाव आयोग को व्‍यापक अधिकार एवं शक्तियां दी गयी है जिसके तहत चुनाव आयोग निम्‍न कार्य करता है


  1. मतदाता सूची तैयार कराने, अपडेट करना ।
  2. चुनाव का समय, नामांकन प्रक्रिया, मतदान, मतगणना तथा चुनाव तिथि का निर्धारण ।
  3. कदाचार, अनियमितता एवं विशेष कारणों के ध्‍यान में रखते हुए चुनाव को स्‍थगित या रद्द करना ।
  4. राजनीतिक दलों और उम्‍मीदवारों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू कराना ।
  5. चुनाव प्रक्रिया के दौरान अधिकारियों के तबादले, अनुशासनात्‍मक कार्यवाही की अनुशंसा करना।   

 

इस प्रकार चुनाव आयोग द्वारा अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए 1951-52 से लोकसभा के 17 चुनावों के साथ साथ अनेक विधानसभाओं चुनावों, उप चुनाव भी कराए गए ।  आंरभ में तो छोटी मोटी कठिनाइयों के साथ आरंभ में चुनाव आयोग को चुनाव कराने में कुछ कठिनाइयां आयी लेकिन कालांतर में  1967 के बाद से चुनाव में बुथ कैपचरिंग, बोगस मतदान, मतदाता सूची में गड़बडी, मतदाताओं को डराना, चुनाव प्रचार में अनियमितता, प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग, अपराधियों का प्रवेश, भ्रष्टाचार,  क्षेत्रीयता, जाति एवं वर्ग व्यवस्था का प्रभाव आदि का जैसी समस्‍या का सामना करना पड़ा जिसने स्‍वतंत्र एवं निष्‍पक्ष चुनाव पर सवाल उठाया गया।


 

बिहार में होनेवाले चुनाव में भी देखा जाए तो चुनाव में अनेक प्रकार की अनियतिता दर्ज की गयी । 1957 में दूसरे आम चुनाव से आरंभ हुई बुथ कैप्‍चरिंग की घटना कालांतर में होनेवाले चुनावों में आम हो गयी।  1971 में जहां संपूर्ण भारत में बुथ कैप्‍चरिंग की 63 घटनाए दर्ज हुई उनमें केवल बिहार के  ही 53 बुथ थे । इसी प्रकार 1984 में देश के 264 मतदान केन्‍द्रों पर दोबारा मतदान कराया गया जिसमें 159 मतदान केन्‍द्र बिहार के थे ।


 

इस प्रकार बिहार में 1991 के पूर्व बिहार में होनवाले चुनाव में राजनीति में अपराधियों के प्रवेश, चुनाव में धनबल का प्रयोग, हिंसा, हत्‍या, मतदाताओं को धमकाने आदि घटनाओं के कारण स्‍वतंत्र, भयमुक्‍त एवं निष्‍पक्ष चुनाव दुष्‍कर कार्य हो गया था ।

 


हांलाकि 1991 में जब मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त के रूप में टी एन शेषण का काल आया तो स्थिति बदली और भारत के साथ साथ बिहार में भी धीरे धीरे चुनाव सुधार की दिशा में कई महत्‍वपूर्ण कार्य हुए। पिछले कुछ दशकों में देखा जाए तो कुछ एक अपवादों को छोड़कर चुनाव स्‍वतंत्र निष्‍पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से हो रहे है। चुनाव सुधार की दिशा में टी एन शेषण के प्रयासों का परिणाम था कि इन सुधारों को उत्तरोत्तर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने भी बनाए रखा।  



टी एन शेषण के चुनाव सुधार  

  1. आदर्श आचार संहिता का सख्‍ती से पालन ।
  2. चुनाव में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग पर रोक ।
  3. चुनाव के दौरान शराब के उपयोग और वितरण पर प्रतिबंध ।
  4. मतदाताओं, बुथ आदि की सुरक्षा पर विशेष ध्‍यान ।
  5. फर्जी मतदान बूथ कैपचरिंग पर रोक।
  6. फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र।
  7. चुनाव ड्यूटी करने वाले कर्मियों पर पूर्ण नियंत्रण की व्यवस्था।


वास्‍तव में विगत वर्षों में चुनाव आयोग ने स्‍वतंत्र एवं निष्‍पक्ष चुनाव कराने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभायी है । ऐसा नहीं है कि अब चुनाव आयोग ज्‍यादा शक्तिशाली हो गया है बल्कि यह इसलिए हुआ क्‍योंकि चुनाव आयोग ने उन सभी शक्तियों को प्रभावशाली ढंग से प्रयोग करना आरंभ कर दिया जो उसे संविधान द्वारा आरंभ से ही प्राप्‍त है ।


 

वर्तमान में 1991 से पूर्व जो समस्‍याएं थी उसमें कमी आयी है तथा आदर्श आचार संहिता सख्‍ती से लागू कराने, मतदाता पहचान पत्र, ईवीएम, चुनाव संबंधी याचिका पर तत्‍काल सुनवाई आदि से चुनाव प्रकिया निष्‍पक्ष एवं आसान हुई है । जिससे न केवल आमजन का विश्‍वास बढ़ा है बल्कि लोकतंत्र को मजबूत में मदद मिली है ।



उल्‍लेखनीय है कि स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष चुनाव ही लोकतांत्रिका चुनाव कहा जाता है जिसमें सभी वर्गों समुदायों की समान भागीदारी होती है। चुनाव ही वह माध्‍यम है जो नागरिकों के राजनीतिक अधिकार को सुनिश्चित करता है तथा मतदाताओं की आकांक्षाए चुनाव परिणामों में न्‍यायपूर्ण ढंग से व्‍यक्‍त होती है ।

 


स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष तभी हो सकते हैं जब सभी उम्‍मीदवार, राजनीतिक दल और मतदाता चुनावी प्रक्रिया में भाग ले और उसका सम्‍मान करें । चुनाव आयोग के प्रयासों का ही यह परिणाम है कि न केवल पुरुष मतदाता बल्कि महिला मतदाताओं का वोट प्रतिशत भी बढ़ रहा है और भारतीय लोकतंत्र को मजबूती मिल रही है ।   


69th BPSC Mains Answer writing Telegram Group only Rs. 2250/-

कार्यक्रम की रूपरेखा

  1. BPSC Mains के नवीन पैटर्न पर आधारित  Telegram based online Test
  2. प्रथम चरण  - 20 मई 2023 से 20 जुलाई 2023 तक
  3. द्वितीय चरण – प्रारंभिक परीक्षा के बाद से 40-50 दिनों तक मुख्‍य परीक्षा के पूर्व  ।
  4. सोमवार से शुक्रवार तक प्रति दिन 1 प्रश्‍न का अभ्‍यास जिसे प्रारंभिक परीक्षा के बाद बढ़ाया जाएगा । हमारा लक्ष्‍य मुख्‍य परीक्षा के 200 अति संभावित प्रश्‍नों का अभ्‍यास करना है ।
  5. सामान्‍य अध्‍ययन के पारम्‍परिक प्रश्‍नों के अलावा जनवरी 2023 से अक्‍टूबर 2023 तक के सभी महत्‍वपूर्ण घटनाओंआर्थिक समीक्षाबजट एवं बिहार पर विशेष रूप से उत्‍तर लेखन का अभ्‍यास किया जाए। इसमें सांख्यिकी संबंध प्रश्‍न नहीं होगें ।
  6. उत्‍तर लेखन टेलीग्राम के माध्‍यम से हिन्‍दी माध्‍यम में होगा ।
  7. निबंध लेखन के तहत अभ्‍यास प्रारंभिक परीक्षा के बाद किया जाएगा ।


कार्यक्रम की विशेषता

  1. GK BUCKET टीम द्वारा प्रश्नों का सूक्ष्म विश्लेषण एवं मूल्यांकन ।
  2. हमारी टीम के अनुसार प्रत्‍येक प्रश्‍न का मॉडल उत्‍तरमूल्‍यांकनआवश्‍यक सलाहआदि ।
  3. संसाधनकोचिंग तक पहुंच एवं समय की कमी जैसी समस्‍याओं को दूर करने में सहायक ।
  4. बदलते पैटर्न तथा बदलती प्रकृति में हमारा उद्देदश्‍य आपको सर्वोत्‍तम प्रदान करना है ।
  5. उपरोक्‍त नियम में समय एवं आवश्‍यकता के अनुसार आवश्‍यक बदलाव किए जा सकते है।

कार्यक्रम के लाभ

  1. मुख्‍य परीक्षा की तैयारी को निरंतरता देने में सहायक ।
  2. बिहार संबंधी मुद्दों पर विशेष प्रश्‍नों का अभ्‍यास कराया जाएगा ।
  3. पीटी रिजल्‍ट के बाद अत्‍यंत कम समय में दोहराव से आत्‍मविश्‍वास आएगा।
  4. प्रश्‍नों की प्रकृति समझनेउसे हल करनेसमय प्रबंधन का अभ्‍यास होगा ।
  5. न्‍यूनतम शुलक्‍ में बेहतर गुणवत्‍ता के साथ तैयारी का अवसर ।
  6. सितम्‍बर में GK BUCKET टीम द्वारा तैयार BPSC Mains Special Notes अपडेटेड नोट्स आ जाएगा तो इस कार्यक्रम में शामिल सदस्‍य उस समय विशेष छूट (लगभग 40% तक) के साथ नोटस को प्राप्‍त कर सकते हैं।
  7. ज्‍यादा जानकारी के लिए कॉल करें 74704-95829
  8. BPSC Mains Answer Writing Group में जुड़ने के लिए व्‍हाटसएप/कॉल करें 74704-95829 






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