71th BPSC Mains answer and test series
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प्रश्न- केंद्रीय बजट 2025–26 में बिहार के लिए घोषित विमानन
अवसंरचना परियोजनाएँ राज्य के आर्थिक विकास में किस प्रकार सहायक सिद्ध हो सकती
हैं? विश्लेषण कीजिए। 8 अंक
उत्तर- केंद्रीय बजट 2025–26 में बिहार के लिए ग्रीनफील्ड और ब्राउनफील्ड हवाई
अड्डों की परियोजनाएँ घोषित की गयी । बिहार में जहां ऐतिहासिक रूप से वायु संपर्क
की कमी निवेश, पर्यटन और औद्योगिक विकास की बड़ी बाधा रही है
उसे इस बजट में दूर करने का प्रयास किया गया है। यह कदम राज्य के आर्थिक, सामाजिक और क्षेत्रीय विकास के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है जिसे निम्न
प्रकार समझ सकते हैं-
- राजगीर, भागलपुर और सोनपुर में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट नए क्षेत्रों को
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जोड़ेंगे। इससे बौद्ध सर्किट, धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को गति मिलेगी तथा व्यापारिक आवागमन आसान होगा।
नए एयरपोर्ट स्थानीय अर्थव्यवस्था में सेवाओं, होटल, लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रोजगार सृजन
बढ़ाएंगे।
- सहरसा, वाल्मीकिनगर, पूर्णिया, बेगूसराय,
मुंगेर, गोपालगंज, मोतिहारी
और रक्सौल में ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट का विकास मौजूदा अवसंरचना के बेहतर उपयोग को
सुनिश्चित करेगा। इससे कम लागत में वायु संपर्क का विस्तार होगा और उत्तर बिहार
तथा सीमावर्ती क्षेत्रों का एकीकरण राष्ट्रीय बाजार से मजबूत होगा।
- पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल और बिहटा एयरपोर्ट के विस्तार से बड़े विमानों
का संचालन संभव होगा, जिससे यात्री क्षमता, कार्गो परिवहन
और निवेश आकर्षण में वृद्धि होगी। यह औद्योगिक गलियारों, आईटी,
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में भी सहायक होगा।
इस प्रकार समग्र रूप से, बजट 2025–26 की विमानन घोषणाएँ
दीर्घकाल में निवेश, रोजगार और समावेशी विकास को मजबूती
प्रदान करेंगी जिससे बिहार की अर्थव्यवस्था के विकास को बल मिलेगा।
शब्द संख्या-235
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प्रश्न-2047 की दृष्टि के अंतर्गत भारत को वैश्विक पर्यटन शक्ति
बनाने की रणनीति क्या है? इसके प्रमुख घटकों और संभावित
प्रभावों की विवेचना कीजिए। 8 अंक
उत्तर- हाल ही में भारत सरकार द्वारा भारत को पर्यटन को एक बहुआयामी विकास
इंजन के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य के साथ 2047 की दृष्टि प्रस्तुत की है ।
सरकार का उद्देश्य पर्यटन के माध्यम से GDP में योगदान को
दोगुना करना और लगभग 15 करोड़ रोजगारों का सृजन करना है,
जिससे यह क्षेत्र समावेशी और सतत विकास का प्रमुख आधार बने। इस
रणनीति के मुख्य आधार को निम्न प्रकार देख सकते हैं
सुदृढ़ अवसंरचना
- बेहतर सड़क–रेल नेटवर्क, किफायती हवाई सेवाएँ, आधुनिक हवाई
अड्डे, स्वच्छ सुविधाएँ और स्मार्ट साइनेज पर्यटन स्थलों की
पहुँच और गुणवत्ता दोनों में सुधार जिससे उभरते और दूरस्थ क्षेत्रों को भी
मुख्यधारा पर्यटन से जोड़ा जा सकेगा।
डिजिटल-फर्स्ट पर्यटन सेवाएँ
- AI-आधारित ट्रैवल असिस्टेंट, बहुभाषी वर्चुअल गाइड, ऑनलाइन बुकिंग और डिजिटल भुगतान प्रणाली पर्यटकों को निर्बाध, सुरक्षित और भरोसेमंद अनुभव प्रदान करेंगी, जिससे विदेशी पर्यटकों का विश्वास बढ़ेगा।
रणनीतिक ब्रांडिंग
- “Incredible India” को वैश्विक स्तर पर ब्रांड के रूप में पुनर्स्थापित कर भारत की सांस्कृतिक, प्राकृतिक और आध्यात्मिक विविधता को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है।
- इसके साथ समुदाय-आधारित पर्यटन और सरल वीज़ा प्रक्रियाएँ स्थानीय आजीविका, ग्रामीण
विकास और अंतरराष्ट्रीय आगमन को गति देंगी।
इस प्रकार, 2047 की पर्यटन दृष्टि भारत को एक सशक्त, प्रतिस्पर्धी और वैश्विक पर्यटन शक्ति बनाने की ठोस रूपरेखा प्रस्तुत करती
है जिसके संभावित प्रभाव के रूप में आर्थिक वृद्धि, रोजगार
सृजन और सांस्कृतिक संरक्षण को गति मिलेगी।
शब्द संख्या-230
BPSC Mains Daily answer
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प्रश्न- बजट 2025-26 में घोषित “बुद्ध सर्किट का
विकास बिहार को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर कैसे स्थापित कर सकता है?
चर्चा कीजिए। 8 अंक
उत्तर- बिहार बुद्ध की धरती है और भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े प्रमुख
स्थल बोधगया, राजगीर, नालंदा, वैशाली और
केसरिया बिहार में स्थित हैं। इसी क्रम में लुंबिनी, सारनाथ
और कुशीनगर से इनका ऐतिहासिक-सांस्कृतिक संबंध भी है। इन स्थलों को एकीकृत सर्किट
के रूप में विकास बिहार को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने का
सुनहरा अवसर प्रदान करता है।
- केंद्रीय बजट 2025–26 में बुद्ध से जुड़े सभी स्थलों के विकास की घोषणा से
बुनियादी ढांचे, संपर्कता और सुविधाओं में सुधार होगा।
- महाबोधि मंदिर कॉरिडोर, राजगीर के ऐतिहासिक स्थलों का संरक्षण तथा नालंदा जैसे
प्राचीन ज्ञान केंद्रों का पुनरुद्धार बिहार की वैश्विक पहचान को मजबूत करेगा।
- बुद्ध सर्किट के विकास से एशिया–प्रशांत क्षेत्र के बौद्ध देशों जैसे श्रीलंका, थाईलैंड,
जापान, म्यांमार और दक्षिण कोरिया से पर्यटकों
का प्रवाह बढ़ेगा।
- बुद्ध सर्किट केवल धार्मिक पर्यटन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह
सांस्कृतिक कूटनीति का भी प्रभावी माध्यम है जो भारत की “वसुधैव
कुटुंबकम्” और शांति की परंपरा को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत
कर बिहार को अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र के
रूप में स्थापित करने की क्षमता रखता है।
इस प्रकार, बुद्ध सर्किट का विकास बिहार को न केवल राष्ट्रीय बल्कि
अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर एक विशिष्ट स्थान दिलाने में सहायक सिद्ध हो
सकता है बल्कि इससे स्थानीय रोजगार, होटल उद्योग, हस्तशिल्प और परिवहन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिल सकता है।
शब्द संख्या-229


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